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बिजली विभाग:486 करोड़ रुपये डकार गए उपभोक्ता:2084 करोड़ की आरसी:2 साल के अंदर सिर्फ 204 करोड़ रुपये की ही हो सकी वसूली

वाराणसी 5 जनवरी:”””””शम्भू राज में संभव”“”””पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 36 हजार 959 उपभोक्ता बिजली बिल के 486 करोड़ रुपये डकार गए। पूर्वांचल-डिस्कॉम के पास इनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। जिस पते पर आरसी जारी की गई थी, वहां उस नाम का कोई उपभोक्ता नहीं मिला। इससे तहसील की ओर से डिस्कॉम को आरसी वापस भेज दी गई। डिस्कॉम की ओर से पहली जनवरी को जारी कामर्शियल पैरामीटर रिव्यू रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है।
जानकारों का मानना है कि अगर 486 करोड़ की वसूली होती तो पूर्वांचल-डिस्कॉम 10 हजार लाख यूनिट बिजली खरीद सकता था। यही नहीं प्रति वर्ष 4800 करोड़ रुपये घाटे में चल रहे पूर्वांचल-डिस्कॉम को बड़ी राहत भी मिलती। लेकिन, अभियंताओं और संविदा कर्मचारियों की मिलीभगत से कनेक्शन देते समय उपभोक्ताओं का पता फर्जी दिया गया था। यही वजह है कि तहसील कर्मचारियों को विभाग की ओर से उपलब्ध कराये गए पते पर कोई मिला ही नहीं और आरसी लौटा दी गई।
36959 उपभोक्ता का पूर्वांचल डिस्कॉम के पास नहीं है रिकॉर्ड
1.90 लाख लोगों के खिलाफ जारी हुई 2084 करोड़ की आरसी
02 साल के अंदर सिर्फ 204 करोड़ रुपये की ही हो सकी वसूली
बड़ी चपत:डूबी रकम से खरीदी जा सकती थी 10 हजार लाख यूनिट बिजली

दो साल में सिर्फ 19.78% वसूली

पूर्वांचल डिस्कॉम की ओर से दो साल में 1.90 लाख उपभोक्ताओं के खिलाफ आरसी जारी की गई। इन पर 2084 करोड़ बकाया है। दो साल में सिर्फ 204 करोड़ की ही वसूली हो सकी, जो मात्र 19.78 प्रतिशत रही। वर्ष-22-23 में 1.19 लाख उपभोक्ताओं को आरसी निर्गत की गई। इन पर 13 सौ 23 करोड़ रुपये बकाया है। जबकि वसूली सिर्फ 1 सौ 15 करोड़ की ही हो सकी, जो 8.7 प्रतिशत रही। इसी तरह वर्ष 23-24 में 71 हजार 218 उपभोक्ताओं से बकाया वसूली को 761 करोड़ की आरसी भेजी गई। इसके सापेक्ष में सिर्फ 89 करोड़ राजस्व आया। यानि 11 प्रतिशत से राजस्व मिला।

नौ जोन का परफारमेंस बेकार

आरसी वसूली में नौ जोन का परफारमेंस खराब है। आरसी वसूली में तय लक्ष्य का पूरा नहीं कर सके। जौनपुर सबसे निचले पायदान पर है। यहां 5. 62 प्रतिशत ही वसूली हुई। गाजीपुर में 7.5 प्रतिशत, चंदौली में 12 प्रतिशत और प्रयागराज में 10 प्रतिशत की वसूली की गई।

उपभोक्ता से जबरन वसूली

तहसील कर्मचारी उपभोक्ताओं से आरसी के नाम पर जबरन 10 प्रतिशत की वसूली कर रहे हैं। जबकि, दो साल पहले ही पावर कारपोरेशन ने 10 प्रतिशत कमीशन का नियम समाप्त कर दिया था। लेकिन अधिशासी अभियंताओं के चलते उपाभोक्ताओं को यह कमीशन देना पड़ रहा है। उपभोक्ता को इस नियम की जानकारी नहीं होने पर उनका नुकसान हो रहा है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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