भक्तों के जीवन को नयी उमंगों से भरने आ रहे हैं बप्पा देखो सबके कष्टों को हरने गणेश चतुर्थी का पर्व
वाराणसी 31 अगस्त: यानी कि आज बुधवार से शुरु हो गया है गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे भारत में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में गणेश चतुर्थी प्रमुखता के साथ मनाई जाती है गणेश चतुर्थी पर कई लोग अपने घरों में गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापित करते हैं और साथ ही उसकी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं गणेश चतुर्थी तक रतजगा, भगवान गणेश के भजन, अखंड दीप प्रज्ज्वलन और पूजा-पाठ, ये सभी संस्कार बड़ी ही धूम-धाम के साथ किये जाते हैं अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदाई दी जाती है इसी के साथ यह प्रार्थना भी की जाती है कि, “हे गणपति बप्पा, अगले साल जल्दी आना” कुछ लोग गणेश चतुर्थी के पर्व को दो दिन और कुछ पूरे दस दिन तक मनाते हैं गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी अथवा गणेश महोत्सव भी कहा जाता है।
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
गणेश चतुर्थी एक ऐसा महोत्सव है, जो न ही केवल भक्ति भाव को उजागर करता है बल्कि यह एक ऐसा पर्व है, जो लोगों को लोगों से जोड़ता है साथ ही यह पर्व, लोगों के हर्षोल्लास का कारक है भक्त श्रद्धापूर्वक इस त्यौहार को मनाते हैं और यह कामना करते हैं कि गणपति बप्पा उन्हें उनके सारे कष्टों को हर लेंगे।