राजनीति

भारतीय राजनीति में एक भूचाल आने के संकेत,IN.D.I.A गठबंधन मायावती को बतौर प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने की तैयारी में

नई दिल्ली 8 मार्च :बसपा, कांग्रेस और सपा का एक बार फिर से सियासी गठबंधन हो सकता है। हालांकि तीनों पार्टियों ने इसे लेकर अभी कोई पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन कहा यही जा रहा है कि अगले आठ दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर एक बड़ा सियासी उलटफेर होने की संभावना है और अगर यह गणित सही बैठी तो भारतीय राजनीत में भूचाल आ सकता है ।

सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि प्रियंका गांधी और मायावती की लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर टेलीफोन पर बातचीत भी हो चुकी है। यह बातचीत सोनिया गांधी की पहल पर शुरू की गई है। वहीं एक चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कांग्रेस मायावती को बतौर प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर भी प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर सकती है। हालांकि कहा यही जा रहा है कि अगर सब कुछ तय योजना से ही चला, तो जल्द ही सपा, बसपा और कांग्रेस उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से साथ में मैदान में उतरेंगी।

गठबंधन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर सब कुछ योजना के मुताबिक ही चला, तो अगले आठ दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश में I.N.D.I गठबंधन को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ सकता है। कहा यही जा रहा है कि चुनाव की अधिसूचना लगते ही गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी शामिल हो सकती है। हालांकि बहुजन समाज पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जब तक आधिकारिक तौर पर कोई फैसला मायावती की ओर से नहीं लिया जाता, तब तक इस संबंध में कुछ भी कहना कठिन है।

बताया यही जा रहा है कि इस बातचीत के दौरान मायावती को गठबंधन के साथ आकर चुनाव लड़ने के लिए राजी किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि बहुत हद तक बातचीत सकारात्मक तरीके से चल रही है। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं के साथ हुई बातचीत में सीटों के बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई थी। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी, मायावती से गठबंधन के पक्ष में सबसे ज्यादा हैं। उनकी पहल पर ही प्रियंका गांधी ने इस बातचीत को आगे बढ़ाया है। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस दलित चेहरे को बतौर प्रधानमंत्री आगे रखना चाहती है। इसमें एक नाम मल्लिकार्जुन खरगे और दूसरा नाम मायावती का आगे रखा जा रहा है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुरुआती दौर में यह कहकर सियासी आगाज किया था कि इस लोकसभा चुनाव में उनका गठबंधन किसी से नहीं होगा। लेकिन जिस तरह हरियाणा और उसके बाद तेलंगाना में बीआरएस के साथ गठबंधन हुआ है, उससे कयास यही लगाए जा रहे हैं कि संभव है मायावती उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में ताल ठोंकने के लिए आ जाएं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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