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मटन के नाम पर बिक रहा था बिल्ली का मांस: पुलिस ने 1000 बिल्लियों को तस्करों की कैद से छुड़ाया

चीन 5 नवम्बर :दुनिया के कई देशों में जानवरों को खाने का चलन है. चिकन-मटन के अलावा, गाय, हिरण, खरगोश जैसे जीव भी खा जाते हैं. पर जब जानवरों के मांस को खाने की बात चलती है तो चीन से बदतर कोई देश नहीं है. वो इसलिए क्योंकि यहां शायद ही कोई ऐसा जीव होगा, जिसके मांस को लोग नहीं खाते होंगे. सांप-बिच्छू से लेकर, कुत्ते-बिल्ली तक लोग खा लेते हैं. बिल्लियों से जुड़ी ही एक खबर ने इन दिनों सभी को हैरान कर दिया है. वो इसलिए क्योंकि चीन में 1000 बिल्लियों को रेस्क्यू किया गया है, जिन्हें मारकर उनका मांस लोगों को बेचा जा रहा था. चौंकाने वाली बात ये है कि कैट मीट को चिकन-मटन और पोर्क मीट बताकर बेचा जा रहा था.

रिपोर्ट के अनुसार जैंगजियागैंग की पुलिस को हाल ही में कुछ जानवरों के एक्टिविस्ट ने टिप दी कि सैकड़ों बिल्लियों को ट्रकों में भरकर बूचड़खाने ले जाया जा रहा है. उनकी टिप पर पुलिस ने एक्शन लिया और ट्रकों को जब्त कर लिया. एक्टिविस्ट को कब्रिस्तान के पास कई बंद लकड़ी के डिब्बे मिले थे, जिसके अंदर बिल्लियां बंद थीं. एनिमल एक्टिविस्ट ने करीब 6 दिनों तक उन ट्रकों का पीछा किया, और जब उन्हें पता चला कि ट्रकों में बिल्लियों को भरकर बूचड़खाने ले जाया जा रहा है, तो उन्होंने तुरंत ही पुलिस को इसके बारे में सूचना दी.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बिल्लियों को बूचड़खाने में मारकर, उनका मांस देश के दक्षिणी भाग में सप्लाई किया जाता, जहां उन्हें पोर्क या मटन बताकर बेचा जाता. पुलिस ने करीब 1000 बिल्लियों को रेस्क्यू किया है. जानवरों के एक एक्टिविस्ट ने बताया कि इस व्यापार के जरिए 1 पाउंड कैट मीट, यानी करीब 450 ग्राम मांस को 300 रुपये तक में बेचा जा रहा था. प्रोसेस के बाद एक बिल्ली का मांस करीब 4 से 5 पाउंड तक होता है.

सीएनएन के मुताबिक पुलिस और एनिमल एक्टिविस्ट्स ने बिल्लियों को पास के एक शेल्टर होम में भेज दिया है. अगर बिल्लियों को मारकर मीट बेचने का प्लान सफल हो जाता तो आरोपी 17 लाख रुपये से ज्यादा कमा सकते थे. रिपोर्ट में फिलहाल ये तो नहीं बताया गया है कि इस मामले में कोई गिरफ्तारी हुई है या नहीं, ना ही ये पता चला है कि बिल्लियां आवारा थीं या पालतू. ये पहली बार नहीं है जब चीन में ऐसा कोई मामला सामने आया है. यहां यूलिन फेस्टिवल मनाया जाता है जहां कुत्तों को जिंदा जला दिया जाता है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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