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महाकाल समिति की बैठक में कई अहम निर्णय,गर्भगृह में 4 जुलाई से 11 सितंबर तक प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध

उज्जैन 26 जून :महाकाल समिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। तय हुआ है कि 4 जुलाई से 11 सितंबर 2023 तक श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह दर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान 1500 रुपये के जलाभिषेक की रसीद भी बंद रहेगी।
विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सावन-भादो में 70 दिनों तक दर्शनार्थियों का प्रवेश पूरी तरह बंद रखने पर सहमति बन गई है। इस दौरान किसी वीआईपी को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। साथ ही 11 जुलाई से उज्जैन के दर्शनार्थियों को अलग द्वार से मंदिर में प्रवेश मिलेगा। लड्डू प्रसाद की कीमत अब 360 रुपये किलो से बढ़ाकर 400 रुपये किलो करने का निर्णय भी श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की बैठक में पास हुआ है।

श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह दर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित : 1500 रुपये के जलाभिषेक की रसीद भी बंद

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक श्री महाकाल महालोक कंट्रोल रूम में कलेक्टर एवं अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें श्री महाकालेश्वर भगवान की दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था के संबंध में निर्णय लिया गया कि 4 जुलाई से 11 सितंबर 2023 तक श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह दर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान 1500 रुपये के जलाभिषेक की रसीद भी बंद रहेगी। साथ ही श्रद्धालुओं के सरल सुलभ दर्शन के लिए प्रशासन द्वारा चाक चौबंद व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इससे सभी श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सकें। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादो मास के दौरान प्रातःकालीन होने वाली भस्मआरती में चलित भस्मार्ती दर्शन व्यवस्था रहेगी, जिसमें श्रद्धालु बिना पंजीयन के चलित रूप से (बिना रुके) भस्मार्ती के दर्शन कर सकेंगे।

11 जुलाई को स्थानीय जन सुविधा के लिए दर्शन व्यवस्था का शुभारंभ

बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रावण-भादो माह में पहले से अनुमति प्राप्त कावड़ यात्री शनिवार, रविवार एवं सोमवार को छोड़कर मंगलवार से शुक्रवार तक द्वार क्रमांक 1 अथवा 4 से मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश कर सकेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या होने से समयाभाव के कारण उज्जैन शहर में निवासरत श्रद्धालुओं की महाकाल के प्रति धार्मिक आस्था देखते हुए पृथक से दर्शन व्यवस्था बनाई जा रही है। 11 जुलाई 2023 को महापौर मुकेश टटवाल द्वारा स्थानीय जन सुविधा के लिए दर्शन व्यवस्था का शुभारंभ किया जाएगा।

लड्डू प्रसाद अब 400 रुपये किलो

प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्रद्धालुओं को लागत मूल्य पर लड्डू प्रसाद उपलब्ध कराया जाता है। मंदिर को वित्तीय हानि न हो इसके लिए लड्डु प्रसाद लागत मूल्य की गणना की गई। वर्तमान में लड्डू प्रसाद लागत रु . 400.84 रुपये प्रतिकिलो आ रही है। इस प्रकार मंदिर को 40.84 रुपये की वित्तीय हानि हो रही है। लड्डू प्रसाद की दर में 100 ग्राम का पैकेट 40 रुपये के स्थान पर 50 रुपये, 200 ग्राम का पैकेट 80 के स्थान पर 100 रुपये, 500 ग्राम का पैकेट 180 के स्थान पर 200 रुपये तथा एक किलो का पैकेट 360 के स्थान पर 400 रुपये किए जाने का निर्णय लिया गया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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