मोहनसराय किसान संघर्ष समिति द्वारा बेमियादी धरना तीसरे दिन किसानो ने सर पर कफन बाधकर लिया संकल्प
हम इसी कफन और इसी मिट्टी मे दफन हो जायेगे लेकिन अपनी जमीन लूटने नही देगे
रोहनिया4 जून :मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के तत्वावधान मे बैरवन मे अनिश्चित कालीन बेमियादी धरना अनवरत तीसरे दिन भी जारी रहा। 101 किसानो ने सर पर कफन बाधकर ये संकल्प लिया कि हम इसी कफन मे अपनी इसी पुस्तैनी जमीन मे दफन हो जायेगे लेकिन जीते जी अपने जीविकोपार्जन की एक मात्र साधन बहुफसली पुस्तैनी जमीन लूटने नही देगे।
अन्नदाता के दृढ़संकल्प और उनके साथ 16 मई को हुये बर्बर लाठीचार्ज , दमनात्मक कार्यवाई एवं किसानो के घरो का दरवाजा तोड़कर बहन बेटियो के साथ हुये क्रूर अमानवीय अत्याचार की दास्तान सुनकर दिल्ली से चलकर आये प्रख्यात समाजवादी नेता रघु ठाकुर जी , किसान नेता पूर्व विधायक सुनीलम जी , गांधी वादी नेता रामधीरज जी सहित दर्जनो राजनीतिक सामाजिक संगठनो के प्रतिनिधियो के आखो से आशू बहने लगा।
बेमियादी धरना एवं मोहनसराय किसान अंदोलन के नेतृत्व कर्त्ता मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” ने कहा कि समाचार पत्रो के माध्यम से पता चला है कि मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ जी मोहनसराय किसान अंदोलन का संग्यान लेकर वर्तमान दर से मुआवजा और किसानो पर चल रहे फर्जी मुकदमे वापस का आदेश दिये है लेकिन उसमे स्पष्ट नही है कि भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर वर्तमान सर्किल दर का चार गुना मुआवजा दिया जायेगा या केवल वर्तमान सर्किल दर , किसान संघर्ष समिति की मांग है कि सरकार का प्रतिनिधि बेमियादी धरना स्थल पर आकर वार्ता करे अगर वर्तमान भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून के आधार पर चारगुना मुआवजा और पुनर्वास देते है तो लिखित सहमति बनाये लेकिन किसानो के ऊपर हुये दमन एवं अमानवीय कृत्य की ऊच्च न्यायालय इलाहाबाद के किसी जज या जिला जज की अध्यक्षता मे न्यायिक जांच का गठन हो , जिन किसानो की जमीन उक्त योजना मे थी ही नही या जो मुआवजा नही लिये है जिनकी संख्या लगभग 70% है जिनको माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश मे मालिकाना हक कायम रखने का स्पष्ट आदेश दिया है उनके खेतो की लहलहाती सब्जी और फूल की खेती रौदने वालो पर मुकदमा दर्ज कर कठोर वैधानिक कार्रवाई हो, फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाय, माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से स्पष्ट है कि 16 मई की दमनात्मक कार्यवाई पूर्णतया गैरकानूनी थी क्योकि माननीय उच्च न्यायालय का आदेश है कि मालिकाना हक किसानो का बना रहेगा तो जिसकी सुनवाई 17 मई को निर्धारित हुई थी तो 16 मई को गैरकानूनी तरीके से अवैध कब्जा लेने गये अधिकारियो को और उक्त अवैधानिक कब्जा का आदेश देने वाले अधिकारियो को तत्काल बर्खास्त किया जाय।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल ने कहा कि मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना से प्रभावित किसानो की पांच सूत्रीय मांगे, 1- माननीय उच्च न्यायालयलके आदेश का अनुपालन करते हुये जो किसान मुआवजा नही लिये है उनकी भूमि या तो डीनोटिफिकेशन कर जमीन पर वैधानिक अधिकार किसानो को दिया जाय , 2- वाराणसी के सांसद की अन्नदाता किसानो से वार्ता करे। 3- किसानो पर दमनात्मक एवं दरवाजा तोड़कर बहन बेटियो से अमानवीय कृत्य करने वाले दोषी अधिकारियो एवं पुलिस कर्मियो पर कठोर वैधानिक कार्रवाई एवं सम्पूर्ण घटना की न्यायिक जांच । 4- किसानो पर लगे फर्जी मुकदमे वापस हो , 5- किसानो की जमीन पर कोई कार्यवाही से पहले मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के कोर कमेटी से वार्ता । उक्त मागे पूर्णतया जेनविन एवं वैधानिक है इसे मानना सरकार का दायित्व है।
बेमियादी धरना मे सर्वसम्मत से निर्णय हुआ कि पाचो मागे जब तक पूरा नही होगी बेमियादी धरना चलता रहेगा।
राष्ट्रीय समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र मे दर्जनो महिलाये पुलिस के दमन से लहूलुहान हो गयी , सैकड़ो किसान घायल है , दर्जनो किसानो के घरो का दरवाजा तोड़कर बहन बेटियो के साथ घृणित अमानवीय कुकृत्य हुआ है और बनारस का सासंद मौन है, कुम्भकरणी नीद ले रहा , भाजपा संवेदनहीनता की पराकाष्ठा लाघ गयी , क्या कृषि प्रधान देश के किसानो पर बर्बर दमनात्मक कार्यवाई करके भारत विश्व खुरू बनेगा, धरना का नेतृत्व मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक विनय शंकर राय “मुन्ना” संचालन अपनादल कमेरावादी के प्रदेश महासचिव गगन प्रकाश यादव ने किया । मार्च एवं बेमियादी धरना को मुख्य रूप से सपा नेता गोपाल यादव अलौदीपुर, काग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, कांगेस के प्रदेश प्रवक्ता संजीव सिंह, शशि प्रताप सिंह, संतोष मौर्या, कैलाश पटेल, आशीष पटेल,लक्ष्मी नरायण यादव, गोपाल पटेल, सुजीत मास्टर, इन्जीनियर अनिल यादव, मेवा पटेल, छेदी पटेल, उदय पटेल, प्रेम शाह , राधा देव, सुनीता पटेल, उर्मिला पटेल, दिनेश तिवारी, बिटना देवी ने धरना और गिरफ्तारी के बाद हुयी सभा को सम्बोधित किये तथा अवधेश प्रताप , राहुल पटेल, शीला देवी, लालमनी पटेल, कलावती देवी ,राजपति देवी, विजयी पटेल , बबलू पटेल, राम नारायण पटेल, रमेश पटेल, नीरज पटेल, प्रेम शाह, विजय पटेल, रोहित पटेल, अजय पटेल, आनंद पटेल, विजय पटेल, सुरेंद्र पटेल, महेंद्र पटेल, कल्लू पटेल, कमलेश पटेल, बहादुर पटेल एवं रामलाल पटेल सहित सैकड़ो किसान मार्च और धरना मे सक्रिय रूप से शामिल थे।