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यूपी सरकार बिजली, सड़क, सीवर व्यवस्था की निगरानी अब होगी क्यूआर कोड से,7000 खंबों में लगाए गए कोड

लखनऊ 26 नवम्बर :प्रदेश के 100 से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली-सड़क-सीवर-सफाई की रियल टाइम निगरानी होगी। इसके लिए देश में पहली बार यूपी के औद्योगिक क्षेत्रों में क्यूआर कोड सिस्टम लागू किया गया है। शुरुआत इन क्षेत्रों में लगे 31 हजार बिजली के खंभों से कर दी गई है।

उप्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में इसके लिए डाटा सेंटर बनाया गया है। वहां एक-एक शिकायत सिस्टम पर दर्ज कर तत्काल उसका निस्तारण किया जाएगा। शिकायतों के अनुपात के आधार पर रखरखाव वाले फर्म पर पेनाल्टी लगाई जाएगी। सुधार न होने पर ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसेवाओं में ज्यादा से ज्यादा तकनीक के इस्तेमाल के निर्देश दिए हैं। यूपीसीडा ने इसकी शुरुआत बिजली के खंभों पर क्यूआर कोड लगाने के पायलट प्रोजेक्ट के साथ कर दी है। पहले चरण में 25 औद्योगिक इलाकों में लगे 15 हजार खंबों पर क्यूआर कोड लगेंगे। इनमें से 7000 पर काम पूरा हो चुका है। इसके बाद यह व्यवस्था सड़क निर्माण संस्था, सीवर व सफाई में लागू की जाएगी।

ऐसे काम करेगा सिस्टम

खंभों व स्ट्रीट लाइट के लिए फर्मों के साथ तीन साल का सालाना रखरखाव शुल्क तय किया गया है। खंभों का क्यूआर कोड स्कैन करते ही जिम्मेदार फर्म का नाम, रखरखाव की अवधि, उसकी फीस व दो मोबाइल नंबर (यूपीसीडा के प्रबंधक व सहायक प्रबंधक का) सामने आ जाएंगे। इस पर की गई शिकायत ठेकेदार के साथ यूपीसीडा के डाटा सेंटर में दर्ज होगी।

पेनाल्टी के नियम बेहद सख्त

औद्योगिक क्षेत्रों के मुख्य गेटों पर भी क्यूआर कोड होंगे। यहां से पूरे इलाके की शिकायत हो सकेगी। पैनल सिस्टम की निगरानी अलग से होगी। एक पैनल से 40 खंभे जुड़े होते हैं। पैनल बंद होते ही सूचना यूपीसीडा के कस्टमर रिलेशन डाटा सेंटर पर पहुंच जाएगी। इसका कॉल सेंटर बनाया गया है। ठेकेदार को होने वाले भुगतान को भी इससे लिंक किया जाएगा। जितनी शिकायतें आएंगी, उतनी ही पेनाल्टी लगेगी। 95 फीसदी से ज्यादा खंभों पर स्ट्रीट लाइट हर समय ठीक रखनी होगी। इससे कम पर प्रति स्ट्रीट लाइट के आधार पर अलग से पेनाल्टी लगेगी। प्रत्येक इंडस्ट्रियल सेक्टर के व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं। इससे उद्यमियों को जोड़ा गया है। वे भी शिकायतों को क्रास चेक कर सकेंगे। एक माह में 140 औद्योगिक इलाके सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिए जाएंगे। करीब 1400 कैमरों को टीवी स्क्रीन से जोड़ा जा रहा है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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