एक झलक

योगी सरकार ने एससी-एसटी छात्रों को दिया बड़ा तोहफा,इसी साल से मिलेगी बढ़ी हुई स्कॉलरशिप

लखनऊ 29 सितंबर :योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के एससी और एसटी से जुड़े लाखों छात्रों को बड़ा तोहफा दिया है।मौजूदा वित्तीय वर्ष से सरकार पूर्व दशम छात्रवृत्ति के तहत कक्षा 9 व 10 के अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को अब 3,500 रुपए प्रति वर्ष देगी। अभी तक इस वर्ग के छात्रों को प्रतिवर्ष 3,000 रुपए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती थी।अहम बात यह है कि अब ऐसे परिवार जो स्वच्छता कार्य से जुड़े हैं, इनके कक्षा 9 व 10 में पढ़ रहे बच्चों को भी सरकार की तरफ से पहली बार छात्रवृत्ति मिलेगी।इस योजना का लाभ सभी आय वर्ग के परिवार को मिलेगा।

सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि बच्चों के व्यक्तिगत विवरण आधार से स्वत: प्राप्त हो जाएंगे। विद्यार्थियों को अब आवेदन पत्र में निजी विवरण नहीं भरना होगा। आधार से नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि आदि स्वत: प्राप्त हो जाएगी। साथ ही सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड से बच्चों के प्राप्तांक ऑनलाइन प्राप्त हो जाएंगे,जिससे आवेदन के समय होने वाली त्रुटियों की संभावना खत्म हो जाएगी और अधिक से अधिक विद्यार्थी योजना का लाभ ले सकेंगे। इसी प्रकार डिजिलॉकर और एनपीसीआई से पोर्टल को जोड़कर खाता संख्या इत्यादि भरने में होने वाली गलतियों को भी खत्म कर दिया गया है।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में अब 31 मार्च तक कक्षा 11, 12 व अन्य ऊपरी कक्षाओं हेतु आवेदन किए जा सकेंगे, जिससे परीक्षा परिणाम देर से आने अथवा सत्र देर से प्रारंभ होने पर भी छात्रवृत्ति हेतु आवेदन किया जा सकेगा। बीएससी या बीए जैसे नॉन प्रोफेशनल कोर्स में छात्रवृत्ति प्राप्त करने के बाद बीटेक जैसे प्रोफेशनल कोर्स में भी अब छात्रवृत्ति की सुविधा मिलेगी।

विद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति चरणबद्ध रूप से लागू की जा रही है,जिन संस्थानों द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू नहीं की जाएगी उन्हे वित्तीय वर्ष 2025-26 से छात्रवृत्ति का लाभ नहीं दिया जाएगा। कक्षा 9 व 10 में 12 वर्ष से 20 आयु के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा एवं कक्षा 11, 12 व अन्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 40 वर्ष की आयु तक छात्रवृत्ति का लाभ मिल सकेगा।

अस्वच्छ पेशे में लगे व्यक्तियों के कक्षा 9 व 10 में पूर्ण अवधि आधार पर अध्ययन कर रहे आश्रित छात्र भी छात्रवृत्ति का लाभ ले सकेंगे। अस्वच्छ पेशे से तात्पर्य उनसे है जो हाथ से मैला ढोते हैं, चर्मकार, कूड़ा उठाने वाले और जान जोखिम में डालकर सफाई प्रक्रिया को पूर्ण करते हैं। ऐसे परिवारों के छात्रों द्वारा अपने माता-पिता, अभिभावक का अस्वच्छ पेशे में कार्य करने संबंधी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह प्रमाण पत्र स्थानीय निकाय, नगर निगम, नगर पालिका या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत प्राधिकारी द्वारा निर्गत होना चाहिए।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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