वह रे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम,पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में ई-टेंडरिंग भ्रष्टाचार जांच पर कार्यवाही के दिए आदेश
लखनऊ 25 फरवरीउत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचार के नये आयामों में प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार पर zero tolrance की नीति को धता बात कर ई-टेंडरिंग में घोटाले /भ्रष्टाचार का खुला खेल चालू है।ईमानदारी का चिराग लेकर भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारीयो को ढूढने वाले बड़के बाबू के ईमानदारी के चिराग तले भ्रष्टाचार का अंधेरा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में पूर्णतः कायम हो चुका है,जिस पूर्वांचल डिस्कॉम में अनेकों भ्रष्टाचार के मामलों में पिछले कुछ वर्षों में जाँचे कछुआ चाल से हो रही है,वही पर एक औऱ भ्रष्टाचार ने UPPCL के अवैध रूप से नियुक्त बड़के बाबू को भ्रष्टाचरियो ने रोक सके तो रोक लो की खुली चुनौती दी औऱ जाँच को *आया राम गया राम* का मूर्तीरुप देने को पूर्वांचल डिस्कॉम से ले कर कारपोरेशन मुख्यालय हमेशा की तरह चांदी के जूतों से मुँह सुजाने लगे , मुख्य बात तो ये है कि भ्रष्टाचार के मास्टर माइंड का नाम ही गायब है और कुछ तो हाल में ही सेवा-निवृत्त भी हो चुके है ।
पाठको को बताते चले कि UPPPCL के पूर्वांचल डिस्कॉम में विगत 3-4 वर्षों में ई-टेंडरिंग में हुआ भ्रष्टाचार के लिए भ्रष्टाचारियो की चुनौती को स्वीकारते हुए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के द्वारा मुख्य अभियंता (जाँच समिति) को वाह्य एजेंसी के द्वारा ई-टेंडरिंग की ऑडिट के समय पकड़े गए बड़े भ्रष्टाचार में दोषी 3 भ्रष्टाचारी अधिकारियों/कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही के आदेश दिये है, वैसे पाठको को यह भी बताते चले कि अगर इटर प्रोटोकॉल ऐड्रस यानि I P ADDRESSE की जाँच हो जाए तो बडे बडे खेल खुलेगे परन्तु अब चुनौती यह भी है कि भ्रष्टाचार के आदी चादी के जूते के शौकीन अपने आप को कैसे इस मार से बचाते है ई-टेंडरिंग में भी भ्रष्टाचार करने के नये तरीके इजात करने वालो के चांदी के जूतों चला कर अपने आप को कैसे बचाते है फिलहाल मुख्य अभियंता (जाँच समिति) की प्रसाद के साथ गणेश परिक्रमा चालू हो चुकी है, हमेशा की तरह लीपा-पोती के लिए। खैर
भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है