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वाराणसी पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी,साड़ी कारोबारियों से ठगी के मामले के आरोपी को दिल्ली से किया गिरफ्तार

वाराणसी16दिसम्बर :साड़ी कारोबारियों से ठगी मामले में वांछित राहुल सिंह उर्फ अजय अरोड़ा को सिगरा पुलिस ने नई दिल्ली के गीता नगर कालोनी थाना के शास्त्री नगर से गिरफ्तार किया। अजय अरोड़ा नई दिल्ली में ऑनलाइन फूड कंपनी में डिलिवरी ब्वॉय का काम करता था। यहां कई कारोबारियों को चपत लगाया था। दस से अधिक मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज हैं। एसीपी चेतगंज शिवा सिंह ने बताया कि इनका एक गिरोह है, जो कारोबारियों को झांसा देकर उनका माल़ मंगाते थे और फिर भुगतान के बजाय लापता हो जाते थे। फर्जी मुहर और बिल सहित अन्य कूटरचित दस्तावेज के जरिए व्यापारियों को अपने जाल में फंसाते थे। नई दिल्ली के गीता कालोनी थाना अंतर्गत शास्त्री नगर में रहने वाले अजय अरोड़ा के खिलाफ व्यापारियों ने मुकदमा दर्ज कराया था। वह यहां अपना नाम राहुल सिंह बताता था। इस आधार पर उसकी खोजबीन शुरू की गई। गुरुवार को सिगरा थाने की एक टीम नई दिल्ली गई। टीम को जानकारी मिली की राहुल सिंह उर्फ अजय अरोड़ा की पत्नी बन्दना अरोड़ा वैशाली स्थित निजी स्कूल में पढ़ाती है। तफ्तीश के दौरान सामने आया कि अजय अरोड़ा ऑनलाइन फूड कंपनी में डिलिवरी ब्वॉय का काम करता है। इसके बाद उसे दबोचा गया। पुलिस की पूछताछ में अजय अरोड़ा ने बताया कि कालोनी में रहने वाले दंपती नीलम सोनी व गगन सोनी बनारस में विभिन्न नाम से साड़ी की गद्दी खोलकर साड़ी कारोबारियों से सैंपल मांगते थे और ग्राहकों को दिखाने के नाम पर धोखाधड़ी का कार्य करते रहे। इन लोगों के साथ राज गुप्ता, जसवीर कौर, विशाल शर्मा, संजीव पाठक और अंशु गुप्ता थे नीलम सोनी व गगन सोनी के कहने पर मैं बनारस आया। राजू गुप्ता, संजीव पाठक, विशाल शर्मा व नीलम सोनी व गगन सोनी ने मेरा नाम अजय अरोड़ के बजाय व्यापारियों को राहुल सिंह बताकर हर जगह इसी नाम का प्रयोग करते रहे और कई जनपदों के व्यापारियों का सैम्पल के नाम पर कीमती साड़ियां मंगाकर उनकों यह कहते हुए कि सेठ जी आये हैं, होटल में रूके हैं। सैंपल पसंद करने के लिए सेठ जी के यहां भेजा जा रहा है। पसन्द होने पर भुगतान कर दिया जाएगा। यह आश्वासन देकर व्यवसायियों को वापस कर देते थे और उनके माल को रख लेते थे और विश्वास के तौर पर ताकि व्यापारियों को कोई शक न हो उन्हें चेक और कपड़े का रखने की रसीद थमाते थे। इन लोगों ने कई विभाग की जाली मुहरें बनाकर रखे थे, जिसमें जहां जिस मुहर की जिस किसी विभाग की जरूरत पड़ती थी उस कागज पर, वही मुहर लगाकर फर्जी उस विभाग के अधिकारी का हस्ताक्षर कर उसका प्रयोग करते रहते थे। पुलिस की पूछताछ में अजय ने बताया कि जब इन लोगों के इस धोखाधड़ी के बारे में जाना तो का काम करने से मना कर दिया और दिल्ली वापस आया। मुझे सभी लोग जो धोखाधड़ी से पैसा मिलता था उसमें भी हिस्सा देते थे और दुकानों पर काम करने के एवज में मासिकवेतन 15,000 रुपए महीना कभी राजू गुप्ता, किसी माह में संजीव पाठक, सभी लोग देते थे। पुलिस की पूछताछ में अजय अरोड़ा ने बताया कि कालोनी में रहने वाले दंपती नीलम सोनी व गगन सोनी बनारस में विभिन्न नाम से साड़ी की गद्दी खोलकर साड़ी कारोबारियों से सैंपल मांगते थे और ग्राहकों को दिखाने के नाम पर धोखाधड़ी का कार्य करते रहे। इन लोगों के साथ राज गुप्ता, जसवीर कौर, विशाल शर्मा, संजीव पाठक और अंशु गुप्ता थे नीलम सोनी व गगन सोनी के कहने पर मैं बनारस आया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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