राजनीति

विकास और सम्पन्नता के नवीन मानक गढ़ रही अयोध्या नगरीय मॉडल: राज्यपाल

लखनऊ 2 फ़रवरी: वर्ष 2024 के प्रथम और 18वीं विधानसभा के सातवें सत्र की शुरुआत राज्यपाल श्रीमती आनंदी के अभिभाषण से हुई। अभिभाषण में राज्यपाल ने योगी सरकार के कामकाज का ब्यौरा देते हुए कहा कि अयोध्या अपने त्रेतायुगीन वैभव के साथ नगरीय विकास और सम्पन्नता के मॉडल के रूप में नवीन मानक गढ़ रही है। देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालुओं ने नव्य-भव्य और दिव्य अयोध्या धाम में हुए विकास और सौंदर्य की खूब सराहना की है।

ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ने दोनों विभाग केकर्मचारियों और अधिकारीयों को दी शुभकामनायें

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री एके शर्मा जी ने मा. राज्यपाल महोदया का अपने अभिभाषण में अयोध्या धाम में हुए नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग के कार्यों का उल्लेख करने के लिए हृदय से धन्यवाद दिया है। साथ ही दोनों विभाग के कर्मचारियों और अधिकारीयों को शुभकामनायें दी हैं।

राज्यपाल ने प्रदेश में कराये गए ऊर्जा और नगर विकास के कार्यों का अभिभाषण में किया उल्लेख

बजट सत्र में राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से भारत के इतिहास में वर्ष 2024 अविस्मरणीय स्मृति के रूप में दर्ज हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के रूप में राष्ट्र मन्दिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा है। अयोध्या धाम को नव्य-भव्य और दिव्य बनाने के लिए नगरीय विकास और ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत कार्य किये गए हैं। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की दृष्टिगत पहुंच मार्गो रामपथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, मल्टी लेवल पार्किंग तथा अन्य अवस्थापना एवं जन सुविधाओं का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है।

राजयपाल ने अपने अभिभाषण में ऊर्जा विभाग द्वारा किये गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में माह अप्रैल से दिसम्बर, 2023 तक ग्रामीण क्षेत्र में 18 घण्टे 09 मिनट, तहसील क्षेत्र में 21 घण्टे 34 मिनट तथा शहरी क्षेत्र में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति की गई। वर्ष 2012-17 में निर्गत लगभग 08 लाख विद्युत संयोजनों के सापेक्ष वर्ष 2017 से अब तक लगभग 20 गुना, 165 लाख विद्युत संयोजन निर्गत किये गये हैं। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 से अद्यतन कुल 740 नये 33/11 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र ऊर्जीकृत किये गये एवं 01 हजार 589 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि की गयी है। वहीं वर्ष 2017 से अद्यतन लगभग 03 लाख 53 हजार निजी नलकूप संयोजन भी निर्गत किये गये।

बजट सत्र के अभिभाषण में राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की तापीय इकाइयों के कुल विद्युत उत्पादन 33 हजार 556 मिलियन यूनिट के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में 06 हजार 190 मिलियन यूनिट अधिक, 39 हजार 746 मिलियन यूनिट उत्पादन किया गया। मार्च, 2017 से अब तक 176 पारेषण उपकेन्द्रों एवं तत्सम्बन्धी लाइनों का लगभग 21 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कर ऊर्जीकृत किया गया।

वहीं, प्रदेश में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत परियोजनाओं में पिछले लगभग 07 वर्षों में 10 गुने की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में वर्ष 2017 तक कुल स्थापित 288 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी, जो वर्तमान में लगभग 26 सौ मेगावॉट हो गयी हैं। सोलर रूफटॉप संयंत्रों की क्षमता में पिछले लगभग 07 वर्षों में साढ़े 04 गुने से अधिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 तक मात्र 71 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप संयत्र स्थापित थे। वर्तमान में 328 मेगावॉट सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित हैं।

साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या एवं वाराणसी को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। अयोध्या में 40 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें अभी तक 10 मेगावाट क्षमता का संयंत्र संचालित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त अयोध्या में 10 किलोमीटर लंबे मार्ग को सोलर स्मार्ट स्ट्रीट लाइट द्वारा प्रकाशित किया गया है जो एक विश्व रिकॉर्ड है।

राज्यपाल ने अपने अभी भाषण में नगर विकास के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत देश में सर्वाधिक 17 लाख 34 हज़ार पाठ विक्रेताओं को लगभग 2317 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया है। अमृत योजना भी भी सभी नगरीय निकयों में लागू की गयी है। जिसके अंतर्गत लगभग 10 लाख घरों में जलापूर्ती तथा 8 लाख घरों में सीवरेज संयोजन का कार्य पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि फेम इण्डिया स्कीम -। तथा फेम इण्डिया स्कीम -।। के अन्तर्गत प्रदेश में 740 इलेक्ट्रिक / वातानुकूलित बसों का संचालन कराया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत इलेक्ट्रिक बसों में सी.सी.टी.वी. एवं पैनिक बटन की स्थापना की गई है। वहीं मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत 241 विस्तारित नगरीय निकायों में मूलभूत आवश्यक सुविधाओं का विकास एवं सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट स्कीम (अर्बन) प्रारम्भ की गई है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हेतु सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सी.सी.टी.वी. कैमरों की स्थापना, इण्टीग्रेशन, डार्क स्पॉट्स का चिन्हीकरण व लाइट्स लगाना, हॉट प्वाइण्ट्स को चिन्हित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस / टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

वहीं प्रदेश के युवाओं को सरकार के साथ नीति प्रबन्धन, क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण कार्यों में सहभागिता का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम’ में चयनित शोधार्थी 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों में कार्यरत हैं।

मा. राज्यपाल महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य एवं बी. एल. सी./ए. एच. पी. परियोजनाओं की जियो टैगिंग में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वहीं अमृत सरोवर योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022 से 15 हजार 274 अमृत सरोवरों का कार्य पूर्ण करते हुए उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर रहा है।

प्रदेश में 303 वृहद निराश्रित गौवंश संरक्षण केन्द्रों सहित विभिन्न प्रकार के 7,239 गौवंश संरक्षण केन्द्र स्थापित करते हुए अब तक 14 लाख 38 हजार से अधिक गौवंश को संरक्षित किया गया है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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