विद्युत विभाग: संघठनो में घमासान के बाद,टेंडर को मिल बांट कर लूटने की नीति पर हुआ समझौता:अकेली पड़ी महिलाकर्मी पुलिस कमीश्नरेट:जांच में जुटी पुलिस:
वाराणासी 8मई:पूर्वान्चल निगम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में घोटाले के मास्टरमाइंड अधीक्षण अभियंता औऱ नटवरलाल कार्यकारी अधिकारी (लिपिक) के द्वारा 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले को अंजाम देने औऱ काली कमाई की बंदरबांट से घोटाले की पोल खुलने औऱ फर्जी टेंडर के प्रपत्र सार्वजनिक होने के बाद,घोटाले की जाँच में आज तक पूर्वान्चल की डैडी द्वारा कोई भी जांच समिति का नही बनाये जाने से औऱ घोटाले की दिशा महिलाकर्मी के उत्पीड़न के मामले में मोड़ने से मामले में 2-2 कर्मचारी संगठनों द्वारा अपने-अपने पदाधिकारी/सदस्य के पक्षो में उतरने के बाद मचे घमासान का भ्रष्टाचार पर सब भाई-भाई की नीति पर समझौता कर दोनों संघठनो ने अपनी लाभ-हानि का आंकलन कर मंडल के टेंडर कार्य को मिल-बांट कर कार्य रहने औऱ काली कमाई को हाफ-हाफ करने पर सहमति बनने औऱ महिलाकर्मी के मामले में न बोलने की बात पर सहमति बनी।
महिलाकर्मी न्याय के लिए पहुँची पुलिस के दरबार
30 करोड़ के फर्जी टेंडर की जांच औऱ महिला कर्मी के पक्ष में विद्युत मजदूर पंचायत के खड़े होने से मामले ने तूल पकड़ा तो नटवरलाल कार्यकारी अधिकारी(लिपिक) के पक्ष में विद्युत मजदूर संगठन खड़ा हो गया।
दोनों संघठनो के घमासान के बाद भ्रष्टाचार औऱ महिलाकर्मी के उत्पीड़न पर आपसी समझौता हो जाने पर महिलाकर्मी अपनी उत्पीड़न को लेकर पुलिस से शिकायत की जिसपर वाराणासी पुलिस जांच में जुटी है।
कर्मचारी संगठनों का आपसी समझौता हो जाने की खबर से वाराणासी के बिजलीकर्मियों में तरह तरह की चर्चा रही, तमाम कर्मचारियों का कहना है कि काली कमाई औऱ मलाईदार पद के लिए संगठन हमेशा ऐसा ही करते रहे है ये दोनों संगठन कर्मचारियों को बेवकूफ़ बनाते रहते है औऱ अपना उल्लू सीधा कर लेते है।
दोनों संघठनो के सूत्रों के अनुसार विद्युत मजदूर संगठन के पदाधिकारी औऱ नटवरलाल साथ मे विद्युत मजदूर पंचायत के अंकल कहे जाने वाले पदाधिकारी के घर जा कर मंडल में टेंडर कार्य को साझेदारी की नीति के तहत समझौता किया, जिस पर पंचायत के अंकल के द्वारा अपने संगठन के पदाधिकारियों को मामले चुप रहने के आदेश दिए।