विद्युत अभियंता संघ की आपातकालीन महासभा ने लिया हड़ताल का निर्णय,मा. ऊर्जा मंत्री से टकराव टालने हेतु सार्थक हस्तक्षेप की अपील
वाराणसी 27 नवंबर:उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ द्वारा आज दिनांक 27 नवंबर को लखनऊ में आहूत आपातकालीन महासभा में पूरे प्रदेश से भारी संख्या में आये बिजली अभियन्ताओं ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करते हुए ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की अलोकतांत्रिक, स्वेच्छाचारी, दमनकारी, नकारात्मक और उत्पीड़नात्मक रवैये के विरोध में एवं ज्वलन्त समस्याओं के निराकरण हेतु हड़ताल करने का निर्णय लिया तथा घोषणा की कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा हड़ताल का आह्वान होते ही प्रदेश के समस्त विद्युत अभियन्ता तत्क्षण हड़ताल पर चले जायेंगे।
निगमों के शीर्ष प्रबंधन के अलोकतांत्रिक, स्वेच्छाचारी, दमनकारी एवं उत्पीड़नात्मक रवैये की की गयी निन्दा
विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष राजीव सिंह और महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने जारी बयान में कहा कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के पक्षपातपूर्ण, अलोकतांत्रिक, स्वेच्छाचारी, दमनकारी, नकारात्मक और विद्वेषपूर्ण रवैये के कारण ऊर्जा निगमों की गिरती परफॉर्मेंस, बढ़ती नकारात्मकता एवं अव्यवहारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का अत्यधिक दबाव व मानसिक तनाव देने वाली कार्यप्रणाली के कारण अभियन्ताओं के गिरते स्वास्थ्य आदि के दृष्टिगत ऐसी कार्यप्रणाली को समाप्त करने हेतु संघर्ष किये जाने की सामयिक एवं महती आवश्यकता को देखते हुए आपातकालीन महासभा आहूत की गयी है। महासभा में ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के अलोकतांत्रिक, स्वेच्छाचारी, दमनकारी और उत्पीड़नात्मक रवैये से ऊर्जा निगमों में उत्पन्न नकारात्मक कार्य प्रणाली के चलते ऊर्जा निगमों की घटती परफॉर्मेंस एवं अभियन्ताओं के गिरते मनोबल के दृष्टिगत अन्याय का प्रतिकार करने हेतु उठाये जाने वाले लोकतांत्रिक कदमों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ तथा महासभा में बिजली अभियन्ताओं ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की कार्यप्रणाली तथा अभियन्ताओं की ज्वलन्त समस्याओं के प्रति उपेक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाये जाने पर प्रबन्धन के प्रति गम्भीर आक्रोष व्यक्त करते हुए निन्दा की गयी और न्यायोचित मांगों के समाधान कराने हेतु हड़ताल करने का निर्णय लिया गया। साथ ही वर्तमान में शान्तिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से चल रहे संघर्ष के क्रम में 29 नवम्बर से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार
सफल बनाने का संकल्प लिया गया
कार्य बहिष्कार को शतप्रतिशत सफल बनाने का संकल्प लिया गया
आपातकालीन वार्षिक आमसभा में अभियन्ताओं का जोश व आक्रोश चरम पर दिखाई दिया तथा हर अभियन्ता अन्याय का प्रतिकार करने हेतु प्रतिबद्ध रहा। महासभा में आक्रोशित अभियन्ताओं ने ऊर्जा निगम प्रबन्धन की दमनकारी, पक्षपातपूर्ण, विद्वेषपूर्ण एवं नकारात्मक कार्यप्रणाली के कारण ऊर्जा निगमों की घटती परफॉर्मेंस एवं क्षेत्रों में जनता को बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने में धरातल पर हो रही व्यवहारिक कठिनाईयों एवं बिजलीकर्मियों की ज्वलन्त समस्याओं के प्रति प्रबन्धन के उदासीन एवं उपेक्षात्मक रवैये की निन्दा की गयी तथा अन्याय के विरूद्ध एकजुट होकर पूर्ण संघर्ष करने का निर्णय लिया गया। साथ ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न श्रम/सेवा संगठनों के द्वारा संयुक्त रूप से ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित किये जाने एवं बिजली कर्मियों की न्यायोचित मांगों के सार्थक निराकरण हेतु शान्तिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से चलाये जा रहे संघर्ष के क्रम में 29 नवम्बर से घोषित कार्य बहिष्कार को शतप्रतिशत सफल बनाने का संकल्प लिया गया।
मा. ऊर्जा मंत्री जी से ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने एवं टकराव टालने की अपील
बिजली अभियन्ताओं ने आमजन को बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों, ऊर्जा निगमों को आत्मनिर्भर बनाने, ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने के उपायों सार्थक चर्चा करने एवं शीर्ष प्रबन्धन द्वारा उत्पन्न किये गये टकराव टालने हेतु मा. ऊर्जा मंत्री जी से सार्थक हस्तक्षेप करने की अपील की है।
आज की आपातकालीन महासभा में मुख्य अतिथि के रूप में ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन इं0 शैलेन्द्र दुबे उपस्थित रहे। साथ ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के विभिन्न श्रम/सेवा संगठनों के विभिन्न पदाधिकारी सम्मिलित हुए जिसमें मुख्यतया श्री जय प्रकाश, श्री सुहेल आबिद, श्री महेन्द्र राय, श्री केएस रावत, श्री पी एन तिवारी आदि सम्मिलित रहे।