विद्युत विभाग:उच्चन्यायालय ने पूर्व चेयरमैन एम०देवराज को बनाया प्रतिवादी:18 अगस्त को देना है व्यक्तिगत जवाब:वर्तमान चेयरमैन को भी नोटिस
वाराणासी 8 अगस्त:””””””””समय है बलवान””””””””उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन आईएएस एम०देवराज,जो अपनी तैनाती के दौरान बिजलिकर्मियो के विरुद्घ मनमानी, उत्पीड़नात्मक कार्यवाही औऱ कठोर दंडनात्मक कार्यवाहियों के लिए विख्यात थे,को उच्चन्यायालय, प्रयागराज ने एक बिजलीकर्मी की बर्खास्तगी के आदेश में अपने अधिकारों का दुरुपयोग के विभागीय अनुशासनात्मक अपील लंबित रहते विवादित आदेश पारित करने का दोषी पाया और पीढ़ित की याचिका में व्यक्तिगत रूप से पार्टी(प्रतिवादी) बनाते हुए 18.08.23 तक या उससे पहले अपना रुख़ रखने का आदेश पारित किया।
एम०देवराज को नही है कानून का ज्ञान,हैअप्रशिक्षित
माननीय न्यायालय में अपने आदेश में कहा है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड कर्मचारी(अनुशासन औऱ अपील) के विनियम 13 के तहत अपने पुनरीक्षण क्षेत्राधिकारो का प्रयोग किया औऱ याचिकाकर्ता की सजा को बड़ा कर सेवा से बर्खास्त तक कर दिया। प्रतिष्ठान ने किसी भी गवाह की जांच नही की। माननीय न्यायालय ने कहा की एम०देवराज ने मामले की जड़ तक जाने पर ध्यान नही दिया औऱ एक जाँच रिपोर्ट के आधार पर सजा बढ़ाये जाने पर आगे बढ़ते। जिन्होंने अपने पुनरीक्षण अधिकारों का प्रयोग कर अपील के लंबित रहने तक विवादित आदेश पारित किया, प्रथम दृष्टया लगता है कि कानून का बहुत कम ज्ञान है ज़ाहिर तौर पर वे कानूनी रूप से अप्रशिक्षित है।
24 घण्टे में हो आदेश का तामिला
माननीय न्यायालय ने रजिस्ट्रार(अनुपालन) के द्वारा अध्यक्ष, UPPCL के माध्यम से पूर्व चेयरमैन आईएएस एम०देवराज को आदेश का तामिला का औऱ वर्तमान चेयरमैन,UPPCL को भी सूचित करने का आदेश दिया।