ताज़ातरीन

विद्युत विभाग:केंद्रीय RDSS योजना: UPPCL ने 25000 हजार करोड़ के टेंडर में 1750 करोड़ की बैक गारंटी की माफ़: पूंजीपतियों को फ़ायदा:विभाग का घाटा

वाराणासी 6 सितम्बर: केंद्रीय RDSS योजना में उपभोक्ताओं के परिसरों पर लगने वाले प्रीपेड मीटर के टेंडर में 10% की बैंक गारंटी को 3% करने के उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के निर्णय पर सवाल उठने लगे है।

केंद्रीय IPDS योजना की राह पर RDSS योजना

उल्लेखनीय है की प्रदेश की बिजली व्यवस्था विश्वस्तरीय करने के लिए केंद्र सरकार ने IPDS योजना के बाद RDSS योजना लागू की, IPDS योजना में हुए कार्यो में टेंडरर औऱ स्थानीय अधिकारियो की मिलीभगत से जम कर भ्रष्टाचार हुआ,जिसकी शिकायत होने पर केंद्रीय ऊर्जामंत्री मंत्रालय ने पूर्वान्चल निगम के वाराणासी शहर के कार्यो की जाँच के निर्देश दिये है, जिसकी जांच आज तक सुरू नही हो पाई है।

केंद्रीय RDSS योजना में भी अब पूंजीपति टेंडरर को ऊर्जा प्रबंधन द्वारा वित्तीय लाभ पहुँचाने का खेल शुरु हो चुका है

केंद्रीय RDSS योजना के तहत वाह्य ऐजेंसी से प्रदेश में उपभोक्ताओ के परिसरो पर प्रीपेड मीटर स्थापित करने के लिए टेंडर प्रिक्रिया में 10% बैंक गारंटी की शर्त पर निविदा निकाली, निविदा प्रक्रियाओं के पूर्ण होने के बाद ऊर्जा प्रबंधन ने टेंडरर को फ़ायदा पहुँचाते हुए टेंडर पाने वाली फर्मों के लिए अपनी पूर्व की शर्तों/नियमो को दरकिनार कर पूंजीपती फर्मो को राहत देते हुए 3% बैंक गारंटी का आदेश निर्गत किया।

टेंडर होने के बाद पलटा अपना निर्णय,निर्णय से विभाग को घटा,पूंजीपती फर्मो को फ़ायदा

25000 करोड़ की लागत से उपभोक्ताओ के परिसरो पर लगने वाले प्रीपेड मीटर के टेंडर में 10% के हिसाब से 2500 करोड़ बैंक गारंटी ऊर्जा विभाग में जमा होती, परन्तु अब 3% के हिसाब से सिर्फ 750 करोड़ ही विभाग में बैंक गारंटी जमा होगी। विभाग को 1750 करोड़ से मिलने वाले शुद्घ ब्याज का घाटा सहना पड़ेगा, जो करोड़ में हो सकता है। वही बैंक गारंटी को कम करने से कार्य की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ना लाज़मी होगा जैसा वर्तमान में स्मार्ट मीटर में देखा जा सकता है।
ऊर्जा प्रबंधन के इस फ़ैसले को पूंजीपतियों को फ़ायदा पहुँचाने के रूप में देखा जा रहा है।

सूट बताते हैं कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में भी इसी प्रकार के टेंडर में राहत दी गई है।

पड़ताल जारी _______

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *