विद्युत विभाग:प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र समेत प्रदेश के कई जनपदों की बिजली गुल,कई सौ करोड़ राजस्व का नुकशान, मा. ऊर्जा मंत्री ने आंदोलन से उत्पन्न हो रहे संकट के प्रति व्यक्त की चिंता,संघर्ष समिति ने किया स्वागत
वाराणसी 1 दिसम्बर: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले हो रहे शांति पूर्ण कार्य बहिष्कार आज तीसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलन के कारण तीन दिनों से कैस-काउंटर बंद होने से कई सौ करोड़ के राजस्व का नुकसान होने की खबरे आ रही है। समिति के द्वारा उपकेंद्रों के SSO को दूर रखने के बाद भी प्रबंधन के लचर रवैये से प्रदेश के कई जनपदों की बिजली गुल हो गई।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है की इन सब के जिम्मेदार चैयरमैन ही है शीर्ष प्रबंधन के मनमाने,गलत नीतियों एवं दमनकारी रवैय्ये के चलते कार्य का वातावरण समाप्त हो चुका है ऐसे वातावरण में बिजलीकर्मियों के लिये अब कार्य बहुत ही मुश्किल हो गया है चेयरमैन सिर्फ हिटलरशाही पर उतारू है।
चैयरमैन पर सरकार को गुमराह करने औऱ छवि खराब करने के आरोप
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि चैयरमैन बिजलिकर्मियो के प्रति सरकार को गुमराह कर रहे है औऱ हट-धर्मिता से आज भी दमनात्मक कार्यवहियो से आंदोलन को पूर्ण हड़ताल में तब्दील करने का षड्यंत्र में लगे है जिससे प्रदेश की जनता को आंदोलन से मुस्किलो का सामना करना पड़े,जिस कारण आज मा. ऊर्जा मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा जी द्वारा बिजली कर्मियों के चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता भी व्यक्त की गई है संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवं बिजली कर्मियों से अपील किये जाने का स्वागत किया है।
स्वेच्छाचारी के चलते ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य नही करने का शीर्ष प्रबंधन पर आरोप
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जहां एक ओर माननीय ऊर्जा मंत्री ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनाने हेतु प्रयासरत है वही ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का रवैया इतना स्वेच्छाचारी है कि वह माननीय ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य करने हेतु तैयार नहीं है। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। माननीय ऊर्जा मंत्री भी बेहतर कार्य संस्कृति चाहते हैं और बिजली कर्मी भी माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय ऊर्जा मंत्री के लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध़ है किंतु ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन खासकर चेयरमैन ने निगमों में नकारात्मक एवं भय का वातावरण बना रखा है जिससे कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो चुका है। ऊर्जा निगमों में स्वेच्छाचारिता समाप्त करने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने हेतु बिजलीकर्मी पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से शान्तिपूर्ण आन्दोलन कर रहे हैं।
संघर्ष समिति ने चुनावी क्षेत्रों को रखा है आंदोलन से दूर
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जी.वी. पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, राजेन्द्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, चन्द्रभूषण उपाध्याय, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मो. वसीम, सुनील प्रकाश पाल, राम चरण सिंह, ए.के. श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, माया शंकर तिवारी, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, पी.एस. बाजपेई, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद, मो. इलियास और आर.के. सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के दमनात्मक रवैय्ये से बिजलीकर्मियों में इतना गुस्सा है कि वे इस अत्यधिक तनावपूर्ण एवं नकारात्मक माहौल में कार्य कर सकने में हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं। इस स्थिति में बिजलीकर्मियों को मजबूरन अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होना पड़ा है। बिजलीकर्मियों ने मा ऊर्जा मंत्री की अपील को देखते हुए कार्य बहिष्कार से उन सभी जनपदों के बिजलीकर्मियों को अलग रखा है जहाँ आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी है। साथ ही बिजली उत्पादन घरों, पारेषण उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण उपकेंद्रों की शिफ्ट में कार्यरत बिजलीकर्मियों को भी कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप्प न हो और आम जनता को तकलीफ न हो।
*प्रदेश के कई जनपदों में बिजली व्यवस्था प्रभावित*
सभी ऊर्जा निगमों के बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कार आन्दोलन पूरे प्रदेश में पूर्ण सफलता के साथ हो रहा है जिसमें भारी संख्या में बिजलीकर्मी उपस्थित हुए एवं प्रबन्धन के प्रति अपना रोष एवं आक्रोश व्यक्त किया। कार्य बहिष्कार आन्दोलन के आज तीसरे दिन कई जिलों की विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है जिनमें लखनऊ, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, सहारनपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट प्रमुख हैं। संघर्ष समिति ने पुनः स्पष्ट किया कि बिजलीकर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से आम जनता को कोई तकलीफ न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है किन्तु जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबन्धन जिम्मेदार है, जो जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि यदि शान्तिपूर्ण आन्दोलन पर या किसी भी बिजलीक र्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गयी तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।