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विद्युत विभाग:प्रदेश में कड़ी कार्यवाही:अभियंताओं के विरुद्ध वारंट जारी:अधिनियम लागू होने के बाद पहली बार ऐसी कार्यवाही

वाराणासी/लखनऊ 11 फरवरी:””””””हाले पूर्वान्चल, शम्भू राज में कायम मिशाल”””””’
हिंदुस्तान में सूचना अधिकार अधिनियम-2005 लागू होने के बाद से उत्तर प्रदेश में राज्य सूचना आयुक्त ने कड़ी कार्यवही करते हुए बिजली विभाग के अधिकारियो के विरुद्ध वारंट जारी कर पुलिस उप आयुक्त, काशी जोन को अधिकारियो को अगली तारिक़ को आयोग के समक्ष पेश करने के निर्देश जारी किये।

मा०आयोग के आदेशों की अवहेलना करने वाले पूर्वान्चल के अधिकार

1-अनिल वर्मा,अधीक्षण अभियंता, नगरीय मंडल-द्वितीय, वाराणासी।
2-आर०के०गौतम,अधिषासी अभियन्ता,नगरीय वितरण खंड-तृतीय।
3-सर्वेश यादव,सहायक अभियंता,चौक, मच्छोधरी।
4-रवि आनंद,सहायक अभियंता,लोहता,नगरीय वितरण खंड-सप्तम।
वाराणासी कज्जाकपुरा के निवासी उमा शंकर यादव को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना न देने पर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में अपील दायर की, मा०आयोग के आदेशों की लगातार अवहेलना औऱ सूचना न देने पर औऱ आयोग के समक्ष हाज़िर न होने के कारण सूचना आयुक्त श्री उमेश कुमार उत्प्रेती द्वारा गिरफ़्तारी वारंट जारी किया गया।
पूर्वान्चल निगम के अधिकारियो ने उपभोक्ता को विद्युत बिल 2 लाख 24 हजार 7 सौ 41 हजार बकाया बिल न जमा करने पर उपभोक्ता को आर०सी०जारी कर दी जिसमे संयोजन संख्या – 184352100 का विद्युत संयोजन वर्ष 1911 दिखाया गया।
मा०आयोग ने पूर्वान्चल के अधिकारियो से जानना चाहा कि

1- वर्ष 1911 में क्या उपभोक्ता को विद्युत कनेक्शन दिया जा रहा था?
2-वर्ष -1911 में विद्युत मूल्य क्या था एव गणना किस आधार पर की जाती थी?
3-वर्ष-1911 में कौन सी संस्था वाराणासी में विद्युत आपूर्ति करती थी?

मा०आयोग के प्रश्नों का संतोषजनक जवाब पूर्वान्चल के अधिकारियो ने द्वारा नही दिया गया। मा०आयोग ने संबंधित अधिकारियों को कई बार नोटिस भी जारी किये परन्तु अधिकारी आयोग के समक्ष उपस्थित नही हुऐ।
उल्लेखनीय है कि पूर्वान्चल निगम में मा०आयोग के द्वारा सूचना न देने पर दर्जनों अधिकारियो पर कार्यवाही कर 25 हजार का जुर्माना लगाया जा चुका है जिसकी वसूली की कार्यवाही प्रचलित है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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