विद्युत विभाग:विद्युत व्यवस्था के लिए 1040 करोड़ की सौगात: स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन प्रणाली से विश्वपटल पर छाने की तैयारी:चुनावी बयार पत्रकारो के द्वार
वाराणासी 16 मार्च:प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को विश्वस्तरीय ट्रिपिंग विहीन बनाने के लिए चल रही तमाम योजनाओं के साथ अब वाराणासी शहर में बढ़ते पर्यटकों की संख्या के मद्देनजर औऱ विश्वपटल पर वाराणासी की पहचान अग्रणी शहरों में होने के लिए 1040 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गई।
पूर्वांचल मुखिया ने प्रेसकांफ्रेंस कर दी जानकारी
हमेशा पत्रकारों से कन्नी काटने औऱ उनका फोन न उठाने वाले पूर्वान्चल मुखिया प्रबंध निदेशक शम्भू कुमार आईएएस ने आज सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिये तमाम प्रिंट औऱ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए प्रेसकांफ्रेंस आयोजित की। मुखिया अपने तमाम संतरियों के साथ कॉन्फ्रेंस हॉल में 12 बजे पत्रकारों को दर्शन देने के लिए सूचना प्रसारित कराई, लगभग 1 बजे पूर्वान्चल के मुखिया ने दिव्य दर्शन देते हुए बताया कि वाराणासी शहर की स्मार्ट विद्युत व्यवस्था के लिए 1040 करोड़ धनराशि की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई।
अपने कार्यकाल में दो बार पत्रकारों को दिया दर्शन
कॉन्फ्रेंस में तमाम पत्रकारों के द्वारा प्रेस से कन्नी काटने औऱ फोन न उठाने औऱ मुलाक़ात का समय न देने के सवालों का जवाब देने कि आगे से इसका ध्यान दिया जाएगा के साथ बताया कि शहर के अंदर बिजली उपकरणों को मजबूत किया जाएगा। जिले में नए उपकेंद्रों का निर्माण होगा। अनेको उपकेंद्रों पर अतिरक्ति पावर ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। लगभग दो हजार वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि की जाएगी।
5 उपकेन्द्रों को जेआईएस में किया जाएगा तब्दील
मुखिया ने बताया कि अलावा मैदागिन, नगर निगम, बेनियाबाग, गोदौलिया, वद्यिापीठ उपकेंद्र को जेआईएस में तब्दील कर दिया जाएगा। शहर की आपूर्ति व्यवस्था में सुधार करने के लिए तीन बड़ी योजना को अपनी स्वीकृति दे दी है जिसके लिए बजट भी जारी किया जा चुका है। लगभग एक हजार करोड़ की योजनाओं से वाराणासी शहर की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में अमूलचूल परिवर्तन आयेगा।
स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन योजना के तहत यातायात में बाधक बने ट्रांसफार्मर और पोल शफ्टि किये जाएंगे। नमो घाट, सिगरा, नगर निगम, रामनगर आदि इलाके में अंडरग्राउंडिंग का काम कराया जाएगा। ई-सब स्टेशन बनाये जाएंगे। शहर के 50 उपकेन्द्रों को स्कॉडा के जरिए उपकेंद्रों को संचालित किया जाएगा साथ ही ट्रांसफार्मरो की निगरानी के लिए एक उच्च तकनीकी की प्रणाली स्थापित की जाएगी।ओवर हेड 11 केवीए फीडरों की ड्रोन कैमरे से हाईटेंशन लाइनों की निगरानी होगी जिससे समय रहते लाइन में आने वाले फॉल्ट का पता चल जाए और उसकी तत्काल मरम्मत करा दी जाएगी। इससे बिजली कटौती कम होगी।नगर निगम पर एक नवीन प्रकार के उपकेंद्र ई०हाउस की स्थापना की जाएगी जिससे क्षेत्र में बढ़ रहे विद्युत भार को उचित आपूर्ति दी जा सके।
निदेशक तकनीकी जितेंद्र नलवाया ने बताया कि नए ट्रांसफार्मर लगाने और क्षमतावृद्धि का काम शुरू हो गया है अगले माह में कार्य पूरा भी हो जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन आर०के०जैन, मुख्य अभियंता नियोजन चंद्रजीत कुमार,मुखिया के स्टाफ आफिसर ए०पी०कुमार आदि थे।