विद्युत विभाग:संघर्ष समिति का पावर सेक्टर बचाओ-भारत बचाओ के नारे के साथ मेरठ में बिजली व्यवस्था सुधार संगोष्ठी: जिम्मेदार दे एक वर्ष में कर देंगे सुधार
वाराणासी/मेरठ 4 अक्टूबर: संघर्ष समिति के पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के तहत आज बिजली व्यवस्था में सुधार हेतु आयोजित संगोष्ठी में बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने हिस्सा लिया।
संगोष्ठी की मुख्य अतिथि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती चैत्रा वी थीं। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे थे।
खराब परफॉर्मेंस वाले एक डिवीजन की जिम्मेदारी दे संघर्ष समिति को,एक साल में कर देंगे सार्थक सुधार
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि संघर्ष समिति की नीति प्रारम्भ से ही सुधारोन्मुख रही है। उन्होंने केस्को में सुधार की पहल और सफलता का विवरण दिया। उन्होंने पटियाला मॉडल अपनाते हुए अधिक लाइन लॉसेज वाले इलाकों में पोल पर मीटर माउन्ट करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मेरठ विद्युत वितरण निगम के सभी क्षेत्रों में सबसे खराब परफॉर्मेंस वाले एक डिवीजन की जिम्मेदारी यदि संघर्ष समिति को दी जाय तो संघर्ष समिति एक साल में सार्थक सुधार की चुनौती स्वीकार करने को तैयार है।
निलंबित कर्मचारियों/अभियंताओ को करे बहाल,ले योगदान,होगा गुणात्मक सुधार
संयोजक ने कहा कि मार्च की हड़ताल के चलते निलम्बित/निष्कासित किए गए बिजली कर्मी अपने कार्य में अत्यधिक दक्ष और कुशल हैं। इन बिजली कर्मियों को तत्काल बहाल कर सुधार अभियान में इनका भी योगदान लिया जाए तो बहुत अच्छा वातावरण बनेगा और गुणात्मक सुधार होगा।
प्रबंध निदेशक का सहयोग का आश्वासन
प्रबन्ध निदेशक मैडम चैत्रा वी ने सुधार संगोष्ठी आयोजित करने हेतु संघर्ष समिति को धन्यवाद दिया। उन्होंने सुधार प्रक्रिया कई उदाहरण देते हुए बहुत सरल शब्दों में बहुत ही प्रभावी ढंग से रखी। उन्होंने सुधार कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करते हुए प्रबन्धन की ओर ओर से पूरा सहयोग देने की बात की।
बिजली व्यवस्था सुधार संगोष्ठी में इं० प्रभात सिंह, इं०जितेंद्र सिंह गुर्जर, इं० जी वी पटेल, राजेन्द्र घिल्डियाल, आर० वाई० शुक्ल, योगेन्द्र लखा मुख्य रूप से उपस्थित हुए।