विद्युत विभाग: अधीक्षण अभियंताओं की अपनी अपनी शर्ते:भ्रष्टाचार का नया अध्याय:नीचे से ऊपर तक होता भ्रष्टाचार का खेल
वाराणसी 9 मई:पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार के साम्राज्य में पहले मिर्जापुर औऱ मऊ में ई०टेडरिंग घोटाला प्रकाश में आने के बाद अब गाजीपुर मंडल के अधीक्षण अभियंता भी ई०टेडरिंग में भ्रष्टाचार की बांसुरी बजाते नजर आ रहे हैं।
मिर्जापुर औऱ मऊ के ई०टेडरिंग घोटाले के दोषियो पर कार्यवाही न होने से भ्रस्टाचारिओ की हिम्मत सातवे आसमान पर है औऱ नए नए कारनामे प्रकाश में आ रहे है।
गाजीपुर भी भ्रष्टाचार की रेस में
ताजा मामला 25/63/100 के०वी०ए० ट्रांसफार्मर की 11 के०वी० बुसिंग रॉड पर बेक लाइट कनेक्टर के द्वारा बनाये गए फ्यूज सेट एवं संबंधित अन्य उपकरण की आपूर्ति औऱ स्थापना से जुड़े कार्य की ई०टेडरिंग से है।
उक्त कार्य के लिए प्रयागराज/मऊ/गाजीपुर मंडलो ने ई०टेडरिंग के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की है।
एक समान कार्य के लिए एक समान नियम औऱ शर्तो को होना चाहिए पर गाजीपुर के अधीक्षण अभियंता ने अपनी अलग से शर्तो को जोड़ कर टेंडर प्रकाशित करवाया।
भ्रष्टाचार की राहें जुदा-जुड़ा,गाज़ीपुर मंडल के टेंडर मे सिर्फ सामग्री आपूर्ति
प्रयागराज औऱ मऊ मंडलो ने सामग्री आपूर्ति औऱ स्थापना दोनों के साथ काम का टेंडर प्रकशित किया जबकी गाज़ीपुर मंडल ने सिर्फ सामग्री आपूर्ति का टेंडर प्रकाशित किया औऱ रेट भी प्रयागराज औऱ मऊ के समान है।
शूत्रो के अनुसार गाजीपुर के अधीक्षण अभियंता ने एक अपने चहेते ठेकेदार को फ़ायदा पहुचाने औऱ उसको टेंडर देने के लिए साजिशन मनमानी शर्तो को जोड़ा है जिससे अन्य ठेकेदार प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाये।
बताते चले गाजीपुर के अधीक्षण अभियंता गाजीपुर में तैनाती से पहले पूर्वान्चल डिस्कॉम में वाणिज्य इकाई में तैनात थे। जंहा से भ्रष्टाचार पर आज भी कृपा बरस रही हैं।
मिर्जापुर औऱ मऊ में ई०टेडरिंग घोटाले के खुलने के बाद टेंडर निरस्त कर दिए गए है जांच में अधिकारी दोषी भी पाए गए पर डिस्कॉम प्रबंधन के द्वारा आज तक दोषियों पर कार्यवाही न कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिए जाने से भ्रस्टाचारिओ का मनोबल बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे है।
भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है……..