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विद्युत विभाग: कुम्भ-2019 के घोटाले के मास्टरमाइंड निदेशक को मिलता आशिर्वाद:चेयरमैन की भ्रष्टाचारी से जुगलबंदी: टेबल पर दबी रखी कुम्भ घोटाले की फ़ाइल

वाराणसी 15 जुलाई: भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस की नीति के चिराग तले अंधेरा पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम में समय-समय पर तत्कात और प्रीमियम टिकटधारी लाभार्थियों को लेकर चलती तबादला एक्सप्रेस के स्टेशन मास्टर निदेशक, राजेन्द्र प्रसाद औऱ उनके खजांची अभियन्ता के काले कारनामो को कदम कदम पर चेयरमैन का आशिर्वाद प्राप्त हो रहा है। कुम्भ-2019 के घोटाले के आरोपी होने के बावजूद वर्ष-2021 में चेयरमैन के आशिर्वाद से निदेशक पद पर चयन हो गया औऱ कुम्भ घोटाले में बाकी आरोपियो को भी प्रमोशन के लाभ मिला।
पूर्वान्चल में निदेशकों के तीन-तीन पदों पर कब्जा जमाए कुम्भ घोटाले के आरोपी एक रूप तीन स्वरूप के द्वारा तबादला एक्सप्रेस में किये जा रहे भ्रष्टाचार औऱ मनमानी पर प्रबंध निदेशक शम्भू कुमार के द्वारा ब्रेक लागये जाने पर भी स्टेशन मास्टर ने तबादला एक्सप्रेस को चलाया।

घोटालेबाज निदेशक ने पूर्वान्चल डिस्कॉम को दिखाई अपनी ताकत

निदेशक,राजेन्द्र प्रसाद की ताकत का अंदाज़ा पूर्वान्चल डिस्कॉम को तब लगा जब 7 जुलाई को माननीय प्रधानमंत्री के वाराणासी में कार्यक्रम के दौरान मा० ऊर्जामंत्री ऐ०के० शर्मा रात्रि में पूर्वान्चल डिस्कॉम के गेस्ट हाउस पहुचे थे। ऊर्जामंत्री के प्रोटोकॉल के बावजूद कुम्भ घोटाले के आरोपी द्वारा ऊर्जामंत्री को रिसीव नही किया औऱ मुलाक़ात भी नही की जबकी ऊर्जामंत्री 10 क़दम पर रूके थे।गेस्ट हाउस औऱ कुम्भ घोटाले के आरोपी निदेशक, राजेन्द्र प्रसाद का बंगला आमने-सामने हैं। प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर ऊर्जामंत्री औऱ प्रबंध निदेशक भ्रष्टाचारी का आज तक कुछ भी नही कर पाये।
चर्चा तो यह भी हो रही हैं कि प्रबंध निदेशक, शम्भू कुमार भी कुम्भ घोटाले के आरोपी निदेशक, राजेन्द्र प्रसाद की चरममैन से नजदीकियों के कारण ख़ौफ़ खाते है। जिसका उदाहरण तब देखा गया जब भीषण गर्मी में प्रबंध निदेशक विद्युत आपूर्ति के लिए जिलों-जिलों के पावर हाउसों की खाक छान रहे थे तो राजेन्द्र प्रसाद अपने आलीशान बंगले औऱ वातानुकूलित कार्यालय से निकलना तक न समझा औऱ प्रबंध निदेशक निकाल भी नही पाये।

चेयरमैन औऱ राजेन्द्र प्रसाद में जुगलबंदी:ईमानदारी की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल

ज्ञात रहे संयुक्त संघर्ष समिति भी चेयरमैन के भ्रष्टाचार औऱ मनमानियों को खुले मंचो से विरोध किया औऱ ऊर्जामंत्री के साथ सरकार को भी अवगत कराया जिसका नतीजा तो कोई नही निकला परन्तु अपनी चालो से संघर्ष समिति के पदाधिकारियों औऱ उनसे जुड़े बिजलिकर्मियो/अभियंताओ का निलंबन, शोषण किया जाने लगा। उत्पीड़न वापस लेने के लिऐ ऊर्जामंत्री ने प्रेस के सामने चैयरमैन को निर्देश दिए किन्तु चेयरमैन ने ऊर्जामंत्री का भी निर्देश नही माना। चेयरमैन की मनमानियों औऱ भ्रष्टाचार की कहानियों का प्रसारण भारत समाचार पर भी खूब चला। एक राजनीतिक पार्टी ने भी बिजली विभाग और सरकार के बीच तनातनी/खींचातानी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उजागार किया था।सूत्रों के अनुसार संघर्ष समिति के औऱ पूर्वान्चल डिस्कॉम की मुखबिरी का काम राजेंद्र प्रसाद तो मध्यांचल में एक विशेष संगठन के विशेष नेता ने संभाल रखा है।

चेयरमैन की ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह,ऊर्जामंत्री की शिकायत पर चेयरमैन के चहेतों की नियुक्ति हो चुकी है रद्द
भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस की नीति के चिराग तले अंधेरा

उल्लेखनीय है कि UPPCL चेयरमैन के द्वारा अपने चहेतों को निगमो के निदेशको के पदों पर की गई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की भनक लगते ही मा०ऊर्जामंत्री अरविंद कुमार शर्मा के द्वारा निदेशको के चयन में भ्रष्टाचार की शिकायत पर मा०मुख्यमंत्री जी ने चेयरमैन द्वारा चयनित 14 निदेशको की नियुक्ति रद्द कर दी,जो खबर विभाग में चर्च का विषय बनी हुई थी परन्तु आज तक चेयरमैन के द्वारा कुम्भ घोटाले के आरोपी राजेन्द्र प्रसाद के वर्ष-2021 में चयन औऱ नियुक्ति की जांच नही हुई।

जाने कुम्भ घोटाले की कहानी जो ऊर्जामंत्री औऱ सरकार ने नही जानी

उल्लेखनीय है कि कुम्भ मेला-2019 के कार्य निष्पादन की 7 इकाइयो की हुई जांच में प्राकल्लन,निविदा,आहरण-वितरण,मेले में अस्थायी फर्जी कनेक्शनों के वर्कऑर्डर/टेंडरों में मनमानी औऱ किये गए भुगतान में जम का घोटाला किया गया था
जांच समिति औऱ तत्कालीन आयुक्त,प्रयागराज की जांच में पाया गया कि बिजली विभाग ने कुम्भ-2019 में सम्पादित किये गए कार्यों का स्वीकृत प्राकल्लन औऱ निष्पादित प्राकल्लन की गणना में लगभग 20 प्रतिशत की सुपरविजन, टी.एन. पी.औऱ कॉन्टेन्जेन्सी चार्जों की गणना न कर लगभग 4000 लाख का विभाग को चूना लगाया। मनमाने तरीके से आहरण-वितरण अधिकारी द्वारा लगभग 6500 लाख की धनराशि बगैर पूर्वांचल मुख्यालय के अनुमोदन के अपने तऱीके से खर्च कर भ्रष्टाचार के गोते लगाये। प्राविधानिक कार्यो के सापेक्ष निस्तारित निविदाओं में लाखों का भ्रष्टाचार किया गया। कराए गए कार्य के लिए निष्पादित प्राकल्लन में सामग्री के मूल्यों की गणना कारपोरेशन के रेस्पो रेट वर्ष 18-19 के अनुसार न कर वर्ष 17-18 के रेट से कर लगभग 2000 लाख का चूना लगया औऱ सरकार के द्वारा बिजली विभाग को दी गई राशि के खर्च का हिसाब-किताब जिला के नोडल अधिकारी को नही दिया गया।
विभागीय जांच में निम्नलिखित अधिकारी औऱ अभियन्ता दोषी पाये गये थे परन्तु घोटाले की फ़ाइल सालों पूर्वान्चल डिस्कॉम में दबी रही उसके बाद पूर्वान्चल डिस्कॉम से चल कर UPPCL मुखिया के दरबार मे में दबी पड़ी है घोटाले के आरोपियों को लाभार्थी की श्रेणी में डाल कर चेयरमैन द्वारा प्रमोशन पर प्रमोशन दिया जाता रहा जिसका जीत जागत सबूत पूर्वान्चल में निदेशक,वाणिज्य राजेन्द्र प्रसाद है।

#1-ई० शैलेंद्र कुमार,तत्कालीन अधीक्षण अभियंता,सेवानिवृत्त
#2-ई० अनिल वर्मा,तत्कालीन अधीक्षण अभियंता,सेवानिवृत्त
#3-ई० आशुतोष,अधीक्षण अभियंता वर्तमान में प्रमोशन के लाभ ले कर मुख्य अभियंता, आजमगढ़ के पद पर तैनात है तबादला एक्सप्रेस में प्रीमियम टिकट से यात्रा करने की तैयारी में।
#4-ई० राजीव कुमार,अधीक्षण अभियंता
#5-ई० आनंद पाण्डेय,अधीक्षण अभियंता हाल ही में वितरण मंडल-मऊ के पद से रिटायर्ड हुये है।
#6-ई० सुशील कुमार श्रीवास्तव,अधीक्षण अभियंता
#7-ई० सैयद तारिक़ जलील,अधीक्षण अभियंता
#8-ई० राकेश कुमार,अधीक्षण अभियंता
#9-ई०अखिल किशोर लाल,अधीक्षण अभियंता
#10- ई०राजेन्द्र प्रसाद,अधीक्षण अभियंता,वर्तमान में प्रमोशन का लाभ लेकर निदेशक,वाणिज्य पद पर चयनित हो कर पूर्वान्चल में है तैनात औऱ चेयरमैन की कृपा से तीन-तीन निदेशको का अतिरिक्त कार्य कर रहे है।
#11-ई०अनूप कुमार सिन्हा, अधिषासी अभियंता
#12-ई०मनोज कुमार गुप्ता, अधिषासी अभियंता
#13-ई०रमाकान्त, अधिषासी अभियंता
#14-ई०अवधेश कुमार मिश्रा, अधिषासी अभियंता
#15-ई०सुजीत कुमार सिंह,अधिषासी अभियंता
#16-ई०राम सेवक,अधिषासी अभियंता
#17-ई०अशोक कुमार,अधिषासी अभियंता
#18-ई०अविनाश,अधिषासी अभियंता वर्तमान में तबादला एक्सप्रेस में प्रीमियम टिकट के लाभार्थी
#19-ई०विष्णु दयाल यादव,अधिषासी अभियंता
#20-ई०भविष्य कुमार सक्सेना, अधिषासी अभियंता
#21-ई०मनोज कुमार,अधिषासी अभियंता
#22-ई०रमेश चन्द्र पांडेय,अधिषासी अभियंता
#23-ई०राहुल सिंह,अधिषासी अभियंता
*पूर्वान्चल डिस्कॉम में कुम्भ घोटालेबाजो का राज़, भ्रष्टाचार के अलावा दूजा नही कोई काज*
भ्रष्टाचार के विरुद्ध युद्घ शेष है…………

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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