विद्युत विभाग: डैडी जैन की भ्रष्टाचार पर दिशा बदलो नीति पर चलता पूर्वान्चल प्रबंधन:स्मार्टसिटी वाराणासी में 30 करोड़ के फर्जी टेंडर की जाँच पर बाँधे हाथ:अंकल ने रोक विजय रथ
वाराणासी 10 मई: पूर्वान्चल के आका औऱ डैडी जैन की भ्रष्टाचार पर ध्यान भटकाव की नीति के लागू होने के बाद, स्मार्ट सिटी वाराणासी में 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले के नटवरलाल औऱ मास्टरमाइंड तत्कालीन अधीक्षण अभियंता द्वारा किये गए घोटाले की जांच पर मौन धारण कर नटवरलाल की पूर्व में शिकायत की बंद पड़ी जांच को 8 माह बाद तीन शिकयतकर्ताओ को शपथ- पत्र औऱ सबूत उपलब्ध कराने हेतु पत्र भेजा।
उल्लेखनीय है कि 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले के नटवरलाल कार्यकारी अधिकारी पर पूर्व में वाराणासी के उपभोक्ताओं के द्वारा कार्यकारी अधिकारी की शिकायतें किये जाने के बाद फरवरी-24 में एक जांच समिति गठित की गई थी,जिसमे एक सदस्य द्वारा जांच करने से किनारा कर लिया गया था। जिसके बाद से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
30 करोड़ के फर्जी टेंडर करने, उनके फर्जी प्रपत्र सार्वजनिक होने औऱ घोटाले की खबरें समाचार पत्रों में सुर्खियां बटोरने के बाद पूर्वान्चल प्रबंधन द्वारा 30 करोड़ के घोटाले को दिशा-हीन करते हुऐ बंद पड़ी जांच को दोबारा शुरू करने के लिए नई समिति का गठन किया।
घोटाले की आँच की जद में मुखिया
सूत्र बताते है 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले में जाँच कराने मंडल मुखिया से लेकर पूर्वान्चल निगम मुख्यालय के अधिकारियो तक जाँच की आँच पहुँचती है क्यो कि सभी फर्जी टेंडर के कार्य/कार्य समिति का अनुमोदन औऱ वित्तीय औऱ प्रशासनिक अनुमोदन पर निगम मुखिया तक के हस्ताक्षर है।
चांदी की चमक से रुका विजय रथ
जंहा एक ओर पूर्वान्चल निगम प्रबंधन 30 करोड़ के घोटाले पर चांदी की प्लेट की दावत कर चुका तो दूसरी विद्युत मजदूर पंचायत के जिला अध्यक्ष, विजय सिंह द्वारा जांच की मांग पर घमासान मचाने के बाद भ्रष्टाचारी महत्वकांक्षी की पूर्ति के लिए मिल कर लूटो नीति पर आगे बढ़ कर चांदी की प्लेट में नाश्ता करते नजऱ आ रहे है।
उल्लेखनीय है कि विद्युत मजदूर पंचायत के जिलाध्यक्ष विजय सिंह द्वारा 30 करोड़ के फर्जी जांच कराने औऱ महिलाकर्मी के उत्पीड़न की जाँच की मांग पर घमासान मचा रखा था,परन्तु नटवरलाल के द्वारा पंचायत के अंकल से मामले में समझौता होने से विजय सिंह के भ्रष्टाचार पर विजय रथ के पहिये जाम कर दिए।