एक झलक

हाय हाय रे UPPCLभ्रष्टाचार और लूट के खेल मे दक्षिणाचल ने लगाई छलाग, कहा हम भी किसी से कम नही

लखनऊ 24 नवम्बर पाठको को याद दिलाना चाहता हूँ कि दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम मे भी बडे बडे भ्रष्टाचारी छुपे बैठे है वैसे तो एक संगठन विशेष के अध्यक्ष महोदय के ऊपर 50 करोड के छोटे ट्रांसफार्मर खरीद घोटाले मे अब तक कोई कार्रवाई नही हुई है तो जब अध्यक्ष महोदय बच सकते है तो समकक्ष क्यो नही बच सकते तू डाल डाल हम पाथ पाथ तुम पकडे गये हम तो बच निकलेगे तुमने खुद किया भ्रष्टाचार और हमने दूसरो से कर वाया तुम अकेले फसे हम पूरी टीम के साथ यानि कि दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम मे खूब कस कर चल रहा है चांदी का जूता प्रदेश की सबसे बडी बिजली चोरी 10 निजी नलकूपो पर हो रही थी बिजली चोरी अगर हिसाब करे तो 75 किलो वाट की कम से कम चोरी सूत्र बताते है कि बिना किसी कनेक्शन के यह सभी निजी नलकूप पर कनेक्शन दिया गया था आखिर एक लम्बे समय से हो रही चोरी के लिए क्या सविदा कर्मी और टीजी 2 ही जिम्मेदार है क्या क्षेत्र के जेई ,एसडीओ और अधीषशी अमियन्ता आखो मे तेल डाल कर चादी के जूते से अपना मुंह सुजवा कर कही सोने गये थे आखिर तार खम्बे ट्रांसफार्मर आदि सभी चीजे कहा से आयी क्या स्टोर वाले भी इस मे मिले हुए है क्या अधीक्षण अभियन्ता महोदय क्या कर रहे थे क्या उनको नही मालूम कि उनके अधीनस्थ क्या कर रहे है आखिर कैसे बिना प्रबन्ध निदेशक के आदेश के सविदा कर्मचारियो को कैसे नौकरी से निकाला गया क्या सभी आदेशो की अनदेखी कर बस चादी के जूते का साम्राज्य कासगंज मे कायम है जब की अपने स्तर से कार्यवाही कर सारे मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है अब देखते है कि 50 करोड़ के ट्रांसफार्मर धोटाले की तरह इस की भी जांच कछुआ गति से चलेगी और इस खेल के मास्टरमाइंड अधीक्षण अभियन्ता महोदय भी अन्य घोटालेबाजो की तरह पेन्शन ले कर आराम से सेवानिवृत्त हो कर चैन की बन्सी बजाते है या कार्य मे लापरवाही और शिथिलता के लिए जनाब को जिम्मेदार मान कर कुछ सजा भी दी जाऐगी या फिर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के पूर्व अधीक्षण अभियन्त के एक राव की तरह प्रबन्ध निदेशक महोदय मेहरबान हो कर छोड देते है । खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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