मंडलायुक्त की समीक्षा बैठक:लंबित राजस्व वादों को कम करने के निर्देश:चकबंदी एवं नामांतरण वाद दो महीने में कम करने के निर्देश:जिलाधिकारी बनाये केस डिस्पोजल कार्ययोजना
वाराणसी 14 अक्टूबर:प्रदेश की तहसीलों, चकबंदी न्यायालय एवं राजस्व न्यायालयो में जमीन-जायजायतो के लंबित मामलों के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने पर प्रदेश भर में इसकी कार्ययोजना बनाने और 2 माह में अनावश्यक लंबित मामलों के निपटारे के निर्देश पर संबंधित विभाग/अधिकारी इसकी तैयारी में लगे इसी अनुक्रम में प्रदेश के मंडलायुक्तओ ने भी बैठके कर जिलाधिकारियों को निर्देश दिए।
वाराणासी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में विभिन्न कोर्ट में पेंडिंग राजस्व केसों को कम करने हेतु समीक्षा बैठक आयोजित हुई जिसमें मंडलायुक्त ने सभी को पूरी जिम्मेदारियों के साथ अगले दो महीने में राजस्व से संबंधित वादों को कम करने हेतु निर्देशित किया। मंडल के चारों जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा केस डिस्पोजल को तैयार कार्ययोजना को मंडलायुक्त के समक्ष रखी गयी।
मंडलायुक्त ने कोर्ट के अन्य अंगों पेशकार, अहलमद को भी जिम्मेदारी देने को कहा जिससे की सभी की जिम्मेदारियों को तय किया जा सके। उन केसों जिनमें पार्टी नहीं आती उन 3 साल से ऊपर की पेंडिंग केसों को अलग बनाएं तथा उनको मेरिट पर एक दिन में निपटाने का काम करें।
सरकारी कर्मचारियों की बयान वाली सूची बनाकर ऐसे कर्मचारियों, लेखपाल को संबंधित डेट पर उपस्थिति सुनिश्चित कराकर बयान लिये जाएं। सुबह में जनसुनवाई के बाद 11 से 2 बजे तक सभी लोग डिस्पोजल का कार्य जरूर करें। पेशकार द्वारा सीरियल पर लगायी गयी केसों को पीठासीन अधिकारी नीचे के क्रम से भी सुनने का काम करें। सभी पीठासीन अधिकारी अपने काम को अब स्मार्ट रूप में करना सुनिश्चित करें।
तहसीलदार अविवादित नामांतरण वादों को आधे घंटे जरूर देखें ताकि केसों को कम किया जा सके। रजिस्टर तथा अभिलेखों को चेक करते रहें तथा हमेशा उनको अपडेट रखें तथा साफ-सफाई भी करा दें। अगले सप्ताह स्वतः उनके द्वारा दौरा करके रजिस्टर चेक किया जायेगा।
मंडलायुक्त ने सभी जिम्मेदार पीठासीन अधिकारियों को बार काउंसिल के सदस्यों से वार्ता करके इसमें उचित सहयोग लेने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने चकबंदी केसों को भी त्वरित आधार पर निस्तारित करते हुए फाइल पर उपस्थित-अनुपस्थित को जरूर लिखें ताकि अगली डेट पर उसको निस्तारित किया जा सके।
मंडलायुक्त ने स्पष्ट कहा कि इन केसों के त्वरित निष्पादन में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार न होने पाये नहीं तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी जौनपुर अनुज कुमार झा, जिलाधिकारी गाजीपुर आर्यका अखौरी तथा जिलाधिकारी चंदौली निखिल कुमार द्वारा अपने जिलों में पेंडिंग केसों के बारे में आने वाली रुकावटों को बताते हुए बताया गया कि वर्तमान में एसडीएम कोर्ट की धारा 24, धारा 116 व तहसीलदार कोर्ट में धारा 33 व धारा 34 के संबंध में सबसे ज्यादे वाद लंबित हैं जिनके रुकावटों को मंडलायुक्त के समक्ष रखा गया। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने वाराणसी में पेंडिंग कोर्ट केसों को आपसी समन्वय के द्वारा उन कोर्ट में ट्रांसफर करने को कहा जहां कोर्ट केसेज की पेंडिंग कम हो उनके सहायता से निपटाया जाये।
बैठक में एडीएम एफआर, एडीएम प्रशासन तथा एसडीएम व तहसीलदार उपस्थित रहे।