विद्युत विभाग:उपभोक्ता की आवाज के खबर का असर,भ्रष्टाचार पर डेंटिंग-पेंटिंग
हड़कंप के बाद आननफानन में तबादला निरस्त,पूर्वांचल प्रशासन की कार्यवाही पर चुप्पी,अब कॉर्पोरेशन मुखिया पर कार्यवाही का दबाव,कर चुके है इसी प्रकार के मामले में निलंबन की कार्यवाही
वाराणसी18अगस्त:भ्रष्टाचार औऱ मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना करने की ख़बर के बाद मुख्य अभियंता,गोरखपुर ने सुबह 17 अगस्त को किया तबादला 17 अगस्त की देर रात में निरस्त दिया।मजे की बात यह है कि जनाब से इस मनमानी के बारे में पूर्वांचल मुखिया ने कोई स्पष्टिकरण भी नही मांगा,जनाब द्वारा खुद ही किये गए भ्रष्टाचार को खुद ही समाप्त कर दिया।सूत्र बताते है की पूर्वांचल में जब भी कोई भ्रष्टाचार का मामला उजागर होता है तो तत्काल चहेतो को बचाने में भ्रष्टाचारी के पास फोन जाता है औऱ बताया जाता है की शिकायत मिली है उस पर क्या किया जाए,कार्यवाही से बचना है तो मामले में जांच सुरू होने से पहले लीपापोती कर लो औऱ सुरू होता है भ्रष्टाचार की गंगा में गोते लगाने का खेल।
खुदको कर बुलंद इतना कि ख़ुदा पूछे की ऐ बंदे बता तेरी रजा क्या है,पूर्वांचल में भ्रष्टाचारियो का पलड़ा है भारी
पूर्वांचल डिस्कॉम में मुख्यमंत्री की तबादला एक्सप्रेस की एमरजेंसी ब्रेक लागये जाने से पहले मुख्य अभियंता स्तर पर जम कर तबादला एक्सप्रेस चली,जिसमे भ्रष्टाचार औऱ मनमानी की तमाम शिकायत पूर्वांचल डिस्कॉम से ले कर कॉरपोरेशन मुख्यालय तक हुई पर पूर्वांचल में किसी भी प्रकार की दंडनीय कार्यवाही नही हुई जबकी इसके विपरीत ठीक इसी तरह के मामले में कॉर्पोरेशन मुख्यालय द्वारा मेरठ में 1 मुख्य अभियंता समेत कई अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही की गई पर पूर्वांचल डिस्कॉम में मुख्य अभियंता, गोरखपुर द्वारा औऱ मुख्य अभियंता, मिर्जापुर द्वारा समान प्रवर्ती के मामलों पर कोई कार्यवाही न होना ये दर्शाता है कि भ्रष्टाचार की कमाई दौलत से कैसे चांदी की चमक से अंधा औऱ पैसों की खनक से बहरा किया जा सकता है