विद्युत विभाग:चेयरमैन औऱ विद्युत कर्मचारियो में वर्ष-2000 जैसे टकराव के हालात,संघर्ष समिति का ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की अपील। घटक संघठनो का प्रदेश में तूफानी जान जागरण जारी
लखनऊ 18 नवंबर:संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन पर ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने 27 अक्टूबर को प्रबंधन को समस्याओं के समाधान हेतु पत्र दे दिया था किंतु आज तक समस्याओं पर ऊर्जा निगमों के चेयरमैन ने वार्ता की कोई पहल नहीं की इसके विपरीत ऊर्जा निगम प्रबंधन द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि वार्ता के लिए संगठन तैयार नहीं है जो पूरी तरह असत्य है।
चैयरमैन की फुट डालो नीति से कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं में भारी गुस्सा
17 नवंबर को होने वाले सत्याग्रह के 1 दिन पूर्व कुछ संगठनों को जो संघर्ष समिति के घटक संगठन है अलग से वार्ता हेतु बुलाया जाना किसी भी प्रकार नीति संगत नहीं था। इसी कारण इन संगठनों ने प्रबंधन को स्पष्ट बता दिया था कि संघर्ष समिति की नोटिस है अतः अलग-अलग वार्ता के लिए बुलाए जाने का कोई औचित्य नहीं है, संघर्ष समिति को बुलाया जाए हम हमेशा वार्ता के लिए तैयार हैं ।अब प्रबंधन के द्वारा वार्ता को लेकर चलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं में भारी गुस्सा व्याप्त है और टकराव का वातावरण बढ़ रहा है,पदाधिकारियों ने बताया यदि समस्याओं का समाधान न हुआ तो 22 नवंबर से नियमानुसार कार्य आंदोलन करेंगे और 29 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारंभ होगा जिसका सारा दायित्व ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का होगा।
प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग
संघर्ष समिति ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री माननीय श्री अरविंद कुमार शर्मा जी से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर सार्थक पहल करें जिससे वार्ता की मेज पर समस्याओं का समाधान हो सके और ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव न हो।
प्रबंध निदेशक नही है समस्याओं के निस्तारण में सक्षम अधिकारी
बताया जा रहा है कि 09 नवंबर को संघर्ष समिति को पत्र लिखकर प्रबंध निदेशक और कारपोरेशन ने वार्ता के लिए बुलाया था। यह वार्ता विफल रही क्योंकि लगभग सभी बिंदुओं पर प्रबंध निदेशक के द्वारा यह बताया गया कि वह इन समस्याओं का समाधान करने हेतु सक्षम अधिकारी नहीं हैं। संघर्ष समिति की ओर से वार्ता में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि संघर्ष समिति वार्ता के माध्यम से समस्याओं के समाधान का पक्षधर है और सक्षम अधिकारी अर्थात चेयरमैन को वार्ता करनी चाहिए। किंतु आश्चर्य का विषय है कि आज तक चेयरमैन ने संघर्ष समिति से वार्ता करने हेतु कोई पहल नहीं की है ।
तूफानी दौरे के तहत अलीगढ़ में हुई विशाल सभा
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का 3 नवंबर से शुरू हुए प्रांत व्यापी जन जागरण कार्यक्रम के क्रम में आज अलीगढ़ मे विशाल सभा हुई। 29 नवम्बर 2022 से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने से पहले 21 नवम्बर को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों व परियोजनाओं पर अपराह्न 03ः00 बजे से सायं 05ः00 बजे तक विरोध सभायें की जायेंगी। 22 नवम्बर से नियमानुसार कार्य आंदोलन प्रारम्भ होगा।ऊर्जानिगमों में शीर्ष प्रबन्धन स्तर पर व्याप्त स्वेच्छारिता और भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेशभर में माननीय जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया जाएगा 28 नवम्बर को सायं पांच बजे समस्त जनपदों व परियोजनाओं पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा।प्रदेश भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस व सभाओं के माध्यम से व्यापक जनजागरण अभियान जारी रहेगा।
अलीगढ़ में मुख्यरूप से प्रभात सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जीतेन्द्र सिंह गुर्जर महासचिव, राहुल बाबू सहायक सचिव अभियंता संघ, जीवी पटेल केंद्रीय अध्यक्ष जूनियर इंजिनीयर्स संगठन ,मोहम्मद वसीम महामंत्री प्राविधिकी कर्मचारी संघ, अजय कुमार कार्यवाहक अध्यक्ष बिजली कर्मचारी,जनाब सोहेल आबिद महामंत्री उत्तर प्रदेश बिजली मजदूर संगठन से उपस्थित रहे जनपद अलीगढ़ स्तर पर सौरभ मंगला अरविंद कुमार निगम , प्रवीण कुमार शाक्य ,प्रदीप चौहान, तक्षक भारद्वाज नवेद इकबाल, प्रताप सिंह , आदि समेत सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मचारी,जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता उपस्थित रहे।