पूर्वांचल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी की बहुप्रतीक्षित रिंग रोड फेज-2 जनता को समर्पित किया

नई रिंग रोड से काशीवासियों को मिलेगी जाम से मुक्ति

वाराणसी25अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान 1011.29 करोड़ रुपए से निर्मित 16.98 किलोमीटर लंबी रिंग रोड फेज-2 पैकेज-1 (रखोना राजातालाब से वाजिदपुर हरहुआ) बहुप्रतिक्षित वाराणसी रिंग रोड का शुभारंभ किया। ये रिंग रोड वाराणसी से चारों दिशाओं को जोड़ेगा।

बिहार, बंगाल, दिल्ली, लखनऊ और गोरखपुर समेत कहीं से भी आने वाले वाहनों को अब वाराणसी शहर में आए बिना बाहर ही बाहर निकलने की सुविधा मिलेगी। यही नहीं ये रिंग रोड चार नेशनल हाईवे और तीन राज्यों को आपस में जोड़ेगा। बनारस के ट्रैफिक सुधार में ये रिंग रोड संजीवनी का काम करेगा।

समझिए कैसे इस रिंग रोड से काशीवासियों को जाम से मुक्ति दिलायेगी। मसलन, बंगाल और बिहार की ओर से आने वाले वाहन राजातालाब में रिंग रोड के जरिए लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, गोरखपुर और एयरपोर्ट की ओर जा सकते हैं। इसी तरह दिल्ली, प्रयागराज, कानपुर, आगरा से आने वाले वाहन भी राजातालाब से गोरखपुर, जौनपुर, आजमगढ़ समेत एयरपोर्ट के लिए जा सकते हैं। अगर कोई एयरपोर्ट पर उतरा और उसे प्रयागराज जाना है तो सीधे हरहुआ, कोइराजपुर से रिंग रोड के जरिए वो दिल्ली और बंगाल, बिहार के लिए सीधे नेशनल हाइवे पर पहुंच जाएगा। इस तरह बिना शहर में घुसे लोग सफर कर सकेंगे। 2019 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। हरहुआ से राजातालाब तक ये रिंग रोड करीब 17 किमी का है और इसको बनाने में करीब 450 करोड़ रुपए लागत आई है। ये रिंग रोड चार नेशनल हाइवे को भी जोड़ेगा। मसलन, रिंग रोड राजातालाब में कोलकाता से दिल्ली जाने वाले नेशनल हाईवे, हरहुआ में वाराणसी लखनऊ नेशनल हाईवे, पांडेयपुर मार्ग पर वाराणसी आजमगढ़ नेशनल हाईवे, चिरईगांव में वाराणसी गोरखपुर नेशनल हाईवे को जोड़ेगा। लौदा झांसी में नेशनल हाईवे में मिलने वाले रिंग रोड से चंदौली के साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड से आने वाली गाड़ियां भी बिना शहर में एंट्री किए रिंग रोड के जरिए गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर और आजमगढ़ के लिए जा सकती हैं. रिंग रोड फेज दो का काम पूरा हो गया है। आज प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पित होने के बाद इस पर गाड़ियां दौड़ने लगी। इस रिंग रोड पर हरियाली के साथ साथ डिवाइडर, सर्विस रोड, विश्राम स्थल आदि भी बनाए गए हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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