राजनीति

राज्यपाल ने विधान मण्डल के दोनों सदनों के समवेत अधिवेशन को किया सम्बोधित

लखनऊ 21फ़रवरी :राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों के वर्ष 2023 के प्रथम सत्र के समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया। राज्य सरकार की प्रमुख विकासोन्मुख नीतियों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के लक्ष्य को सामने रखते हुए जन आकांक्षाओं की पूर्ति, सभी वर्गों की उन्नति, कल्याण एवं सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्पित है। सुशासन, सुरक्षा एवं विकास के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए अपराध एवं भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टालरेन्स की नीति के साथ शान्ति एवं सद्भाव का वातावरण सुनिश्चित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 का आय-व्ययक शीघ्र ही सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश की आम जनता के व्यापक हित में सभी सदस्यगण राज्य सरकार का सहयोग कर जन आकाँक्षाओं को पूरा करने में अपना बहुमूल्य योगदान करेंगे एवं इस सदन की उच्च गरिमा एवं पवित्रता को बनाए रखेंगे।
प्रदेश सरकार जन समस्याओं के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान के लिए संवेदनशील है। इस उद्देश्य से तहसील स्तर पर ’सम्पूर्ण समाधान दिवस’ तथा थाना स्तर पर आयोजित किए जा रहे ’थाना दिवस’ में शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है। आई0जी0आर0एस0 प्रणाली व सी0एम0 हेल्पलाइन पर प्राप्त लगभग 3.97 करोड़ सन्दर्भों में से 3.93 करोड़ से अधिक का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कराया गया है। समाज के सभी वर्गों के हित तथा राज्य के समग्र विकास के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
अमृत काल के प्रथम वर्ष में भारत द्वारा 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता किया जाना सौभाग्यपूर्ण व अभूतपूर्व अवसर है। इसके अन्तर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में होने वाली 200 से अधिक बैठकों में से 11 बैठकों का आयोजन प्रदेश के 04 जनपदों लखनऊ, आगरा, वाराणसी एवं गौतमबुद्धनगर में किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के लिए जी-20 सम्मेलन की बैठकों की मेजबानी प्रदेश के विकास, बुनियादी ढांचे तथा संस्कृति और विरासत को वैश्विक समुदाय के सम्मुख प्रदर्शित करने का वृहद एवं व्यापक अवसर होगा।
भारत के विकास का इंजन उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 08 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है। प्रधानमंत्री जी द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाये जाने का संकल्प लिया गया है। इसके दृष्टिगत वर्ष 2022-2027 की अवधि में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डाॅलर के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में राज्य सरकार नियोजित प्रयास कर रही है।
राज्य सरकार ने बिज़नेस रिफार्म एक्शन प्लान के अन्तर्गत 600 से अधिक सुधार लागू किए हैं। सिंगल विण्डो पोर्टल निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों को 400 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। निवेशकों के सहायतार्थ एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन निवेशक प्रबन्धन पोर्टल ‘निवेश सारथी’ विकसित किया गया है। ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस में उत्तर प्रदेश अचीवर्स श्रेणी में है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना पहला इन्वेस्टर्स समिट माह फरवरी, 2018 में आयोजित किया था। इसमें प्राप्त निवेश के प्रस्तावों को 3 ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी के आयोजन के साथ जमीन पर उतारते हुए लगभग 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है, अधिकांश इकाइयों में उत्पादन आरम्भ हो चुका है।
प्रदेश के समग्र विकास हेतु यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में भागीदारी के लिए विभिन्न देशों से सम्पर्क किया गया। निवेश प्रोत्साहन हेतु विभिन्न देशों के 21 शहरों तथा देश के प्रमुख नगरों में रोड-शो आयोजित किये गये। नीदरलैण्ड्स, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, आॅस्ट्रेलिया, इटली, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और माॅरीशस द्वारा इस आयोजन में पार्टनर कण्ट्री के रूप में सहभागिता की गयी। दुनिया के 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें शामिल होकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को ‘निवेश के महाकुम्भ’ का स्वरूप प्रदान किया। वैश्विक व्यापारिक समुदाय की उत्साहजनक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप प्रदेश को 33 लाख 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कुल 19058 निवेश-आशय प्राप्त हुए हैं, जिनमें 94 लाख से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन सम्भावित है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रभावी प्रयासों के परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में देश में अग्रणी स्थान पर है। प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत कुल 52.77 लाख आवास स्वीकृत हुए हैं तथा गरीबों के लिए आवास बनाने में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। उल्लेखनीय है कि इनमें से 39.66 लाख आवास पूर्ण भी हो चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास निर्माण की संख्या एवं ग्रामीण आवास निर्माण की उत्कृष्टता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
महिलाओं के प्रति अपराध एवं बाल अपराध (पोक्सो एक्ट) सम्बन्धी गम्भीर मुकदमों हेतु विशेष न्यायालयों में विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति करके प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जा रही है जिससे महिलाओं के प्रति अपराध में 59.1 प्रतिशत सजा की दर प्राप्त की गयी है, जोकि देश में सर्वाधिक एवं राष्ट्रीय औसत के दोगुने से भी अधिक है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश 8.51 करोड़ खातों, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत 4.29 करोड़ नामांकन तथा अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत 75 लाख नामांकन के उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत शहरी पथ विक्रेताओं को कुल ऋण वितरण में प्रदेश को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। प्रदेश में निर्गत जी0एस0टी0 पंजीयन की कुल संख्या 28.03 लाख हो गई है, जो कि देश में सर्वाधिक है।
मनरेगा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में अब तक 26.29 करोड़ मानव दिवस सृजित कर प्रदेश द्वारा देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है। तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार में उत्तर प्रदेश को पूरे देश में प्रथम स्थान मिला। वर्ष 2020-2021 में जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मनरेगा योजना के अन्तर्गत नदियों के पुनरुद्धार हेतु जल संचयन व संरक्षण में प्रदेश के कई जनपदों को प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्रदान किया गया है। उत्तर प्रदेश, देश का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक राज्य है, जिसका देश के सकल दुग्ध उत्पादन में योगदान लगभग 16 प्रतिशत है। प्रदेश खाद्यान्न, गन्ना, आलू, सब्जियों, फलों व एथेनाॅल के उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को जनसामान्य विशेषकर समाज के अन्तिम पायदान तक पहुँचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार प्रत्येक सप्ताह प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले आयोजित कर रही है। इस प्रकार की पहल करने वाला उत्तर प्रदेश, देश में पहला राज्य है। अब तक कुल 83 मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले आयोजित हुए, जिनमें कुल 11.69 करोड़ रोगी लाभान्वित हुए हैं। 1,98,594 गम्भीर रोगियों को उच्च केन्द्रों पर सन्दर्भित किया गया।
नई दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतन्त्र दिवस समारोह में प्रदेश की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी को वर्ष 2021, 2022 में प्रथम एवं वर्ष 2023 मंें द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रदेश पुलिस को यू0पी0 102 परियोजना-पुलिस आपातकालीन प्रबन्धन प्रणाली पहल के लिए विशेष जूरी पुरस्कार प्रदान किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि त्वरित परिवहन के दृष्टिगत यूपीडा के तत्वावधान में कई एक्सप्रेसवेज का निर्माण किया जा रहा है। इन एक्सप्रेसवेज के दोनों ओर औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियां तेज होंगी। जनपद लखनऊ से गाजीपुर तक 340.82 कि0मी0 लम्बे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा जनपद चित्रकूट से आगरा-लखनऊ एक्सपे्रस-वे तक 296.07 कि0मी0 लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूर्ण हो चुका है और इन्हें प्रधानमंत्री जी द्वारा राष्ट्र को भी समर्पित किया जा चुका है। जनपद गोरखपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक 91.35 कि0मी0 लम्बे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे तथा जनपद मेरठ से प्रयागराज तक 594 कि0मी0 लम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य गतिमान है।
उत्तर प्रदेश डिफेन्स इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर के अन्तर्गत अलीगढ़, आगरा, झाँसी, चित्रकूट, कानपुर एवं लखनऊ नोड्स में रक्षा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर-21 में लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर फिल्म सिटी का निर्माण प्रक्रियाधीन है, जिससे 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश सम्भावित है।
लोक निर्माण विभाग में टेण्डर प्रक्रिया को और अधिक प्रतिस्पर्धी एवं पारदर्शी बनाए जाने के उद्देश्य से ’चाणक्य’, ’विश्वकर्मा’ एवं ’प्रहरी’ आॅनलाइन पोर्टल लागू किए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक 118 ब्लाॅक मुख्यालयों तथा 26 तहसील मुख्यालयों को 2-2-लेन के सम्पर्क मार्गों से जोड़ा जा चुका है। इसके अतिरिक्त 07 अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के तथा 68 अन्तर्राज्यीय मार्गों को 02-लेन में चैड़ा किया गया है। सभी जिला मुख्यालयों को 04-लेन के सम्पर्क मार्गों तथा तहसील व ब्लाॅक मुख्यालय को 02-लेन सम्पर्क मार्ग से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है।
21,696 किमी0 लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण एवं 18,407 कि0मी0 लम्बाई में मार्गों का चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है। प्रतिदिन 09 कि0मी0 के औसत से चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण तथा 10 कि0मी0 प्रतिदिन के औसत से नए मार्गों का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2012 से 2017 के मध्य प्रतिवर्ष 3,066 कि0मी0 के सापेक्ष वर्ष 2017 से अब तक प्रतिवर्ष 3,773 कि0मी0 ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 100 से अधिक आबादी के समस्त राजस्व ग्रामों/बसावटों को भविष्य में पक्के सम्पर्क मार्ग से जोड़ने की ओर अग्रसर है।
188 दीर्घ सेतु, पहुँच मार्ग सहित 574 लघु सेतु एवं 74 रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। 291 दीर्घ सेतु, 760 लघु सेतु एवं 140 रेल उपरिगामी सेतु, कुल 1,191 सेतु निर्माणाधीन हैं। औसतन प्रत्येक 03 तीन दिन में एक सेतु का निर्माण पूर्ण किया जा रहा है। वर्ष 2012 से 2017 के मध्य प्रतिवर्ष 118 के सापेक्ष वर्ष 2017 से अब तक प्रतिवर्ष 145 सेतुओं का निर्माण किया जा रहा है। 01 लाख से अधिक टी0वी0यू0 वाले सभी लेवल क्राॅसिंग पर भविष्य में आर0ओ0बी0 का निर्माण प्रस्तावित है।
वर्ष 2017 तक प्रदेश में 02 एयरपोर्ट पूर्ण रूप से तथा 02 एयरपोर्ट आंशिक रूप से क्रियाशील थे, वहीं अब 09 एयरपोर्ट पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं। 10 एयरपोर्ट का कार्य चल रहा है तथा अगले कुछ वर्षों में 21 एयरपोर्ट के साथ प्रदेश, देश में सर्वाधिक एयरपोर्ट वाला राज्य हो जाएगा। नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, जेवर को एविएशन इनोवेशन एवं रिसर्च सेन्टर के साथ ही रख-रखाव और ऑपरेशन (एम0आर0ओ0) हब के रूप में विकसित करने एवं अयोध्या अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूर्ण करने की दिशा में प्रदेश सरकार अग्रसर है। इनके चालू होते ही उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक 5 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा।
23 प्रमुख बस स्टेशनों का आधुनिकीकरण कार्य पी0पी0पी0 माॅडल पर प्रशस्त है। 16 जनपदों में ड्राइवर ट्रेनिंग एण्ड टेसिं्टग इन्स्टीट्यूट एवं रायबरेली में इन्स्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। ईज़ आफ डूईंग बिजनेस के अन्तर्गत यू0पी0 ’माइनमित्र पोर्टल’ एवं ’माइनमित्र ऐप’ विकसित किए गए हैं। अवैध खनन पर प्रभावी नियन्त्रण हेतु इण्टीग्रेटेड माईनिंग सर्विलांस सिस्टम विकसित किया गया है।
उत्तर प्रदेश स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (यूपीस्वान) के अन्तर्गत बैण्डविड्थ का विभिन्न शासकीय योजनाओं/सेवाओं यथा ई-डिस्ट्रिक्ट, मनरेगा इत्यादि हेतु उपयोग किया जा रहा है। कॉमन सर्विस सेन्टर 3.0 योजना के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य 1.50 लाख के सापेक्ष 1.80 लाख से अधिक जन सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जो सुदूर अंचलों में सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत अब तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 1,73,412 पारम्परिक कारीगरों को एक सप्ताह का स्किल प्रशिक्षण प्रदान करते हुए उन्नत टूलकिट वितरित किये गये हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 5,772 इकाइयों की स्थापना हेतु कुल 3,003 लाभार्थियों को 9,765.83 लाख रुपये का मार्जिन मनी प्रदान करते हुए 24,024 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। भविष्य में 5,500 इकाइयों की स्थापना कराकर 52,000 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने की योजना है।
खादी को प्रीमियम ब्राण्ड की तरह विकसित करने एवं उत्कृष्ट डिजाइन के वस्त्र तैयार करने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, रायबरेली का भी सहयोग लिया जा रहा है। इससे खादी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में सहायता मिलेगी। उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल एण्ड गारमेनिं्टग पाॅलिसी-2022 प्रख्यापित की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 40 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य है।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में बिजली आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार के साथ वर्तमान में जिला मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर 20-22 घण्टे व गाँवों में 18-20 घण्टे बिजली आपूर्ति की जा रही है। वर्ष 2017 से अब तक 1,21,324 मजरों का विद्युतीकरण करते हुए प्रदेश के शत-प्रतिशत मजरों को विद्युतीकृत कर दिया गया है। वर्ष 2017 से अब तक 147.90 लाख विद्युत संयोजन निर्गत किए गए हैं। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अन्तर्गत गरीब परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन की सुविधा दी गई है।
मार्च, 2017 से अब तक 151 पारेषण उपकेन्द्रों एवं तत्सम्बन्धी लाइनों का निर्माण/ऊर्जीकरण किया गया है। इसके अतिरिक्त, कुल 732 नए 33/11 के0वी0 विद्युत उपकेन्द्र ऊर्जीकृत किए गए हैं तथा 1,458 उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाई गई है। 01 जनवरी, 2022 से निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बीजकों पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। वर्ष 2012 से 2017 के बीच 3,07,076 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादन तथा 3,22,370 मिलियन यूनिट आपूर्ति के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा 2017 से 31 दिसम्बर, 2022 तक 4,73,439 मिलियन यूनिट का उत्पादन करते हुए 5,36,688 मिलियन यूनिट ऊर्जा उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायी गयी है।
सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत उत्पादन में वृद्धि किए जाने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा नीति-2022 प्रख्यापित की गई है, जिसमें आगामी 05 वर्षों में 22 हजार मेगावाॅट विद्युत उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। ‘उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022’ के अन्तर्गत विभिन्न जैव अपशिष्टों का उपयोग करते हुए कम्प्रेस्ड बायो-गैस, बायो-कोल, बायो-डीजल/बायो-एथेनॉल प्लाण्ट की स्थापना के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु राज्य सरकार कृतसंकल्प है। बेसिक शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बुनियादी दक्षताओं के लिए निपुण भारत अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है। ‘स्कूल चलो अभियान’ के अन्तर्गत शैक्षिक सत्र 2022-2023 में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का नामांकन 1.92 करोड़ हो गया है, जो पिछले पाँच वर्षों में लगभग 40 लाख की वृद्धि दर्शाता है।
पिछले पाँच वर्ष में 1.64 लाख शिक्षकों का चयन कर शिक्षकविहीन विद्यालयों में तैनाती की गई है। वर्ष 2018 से प्रारम्भ ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के अन्तर्गत प्रदेश के लगभग 92 प्रतिशत विद्यालयों को मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा चुका है। समस्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफाॅर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने हेतु 1,200 रुपये प्रति छात्र की दर से धनराशि उनके अभिभावकों के खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की जा रही है।
नकलविहीन परीक्षा एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के कार्यों में सुधार के लिए मानवीय हस्तक्षेप समाप्त कर आॅनलाइन प्रक्रिया अपनाई गई है। प्रदेश में प्रथम बार क्रमांकित एवं चार रंग की उत्तर पुस्तिकाओं एवं संवेदनशील जनपदों में सिली हुई उत्तर पुस्तिकाओं का प्रयोग वर्ष 2023-2024 की बोर्ड परीक्षा में किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। ’डिजिटल लिटरेेसी’ को बढ़ावा देने के लिए एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों की ई-मेल आई0डी0 सृजित की गई हंै। संस्कृत शिक्षा के सुदृढ़ीकरण एवं इसके प्रचार प्रसार हेतु प्रदेश सरकार पूरे मनोयोग से कार्य कर रही है।
राज्य सरकार प्रत्येक मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कृतसंकल्पित है। प्रदेश के 03 नए राज्य विश्वविद्यालयों-राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़, माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर एवं महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ में अध्यापन कार्य वर्तमान सत्र से संचालित किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2022-2023 में तहसील/ब्लाॅक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क विकसित किए जाने हेतु प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय में 05 कम्प्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े न्यून सकल नामांकन वाले 26 जनपदों में मॉडल राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की गई है।
वर्ष 2017 में राजकीय, अनुदानित एवं निजी पाॅलीटेक्निक में कुल प्रवेश क्षमता 1,35,713 थी। वर्ष 2022 में यह संख्या बढ़कर 2,23,779 हो गई। वर्तमान में 52 राजकीय पाॅलीटेक्निक का निर्माण किया जा रहा है। राजकीय पाॅलीटेक्निकों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को इण्टरनेट के माध्यम से शिक्षण-प्रशिक्षण हेतु 63 संस्थानों में स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की जा चुकी है। शेष संस्थाओं में स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना प्रक्रियाधीन है।
स्नातक स्तर के निर्माणाधीन 04 इंजीनियरिंग काॅलेजों मिर्जापुर, प्रतापगढ़, गोण्डा तथा बस्ती में आगामी शैक्षिक सत्र से पठन-पाठन कार्य प्रारम्भ किए जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत विगत लगभग 06 वर्षों में 12.5 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा 4.88 लाख से अधिक युवाओं को प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है। यूराइज़ पोर्टल के माध्यम से पाॅलीटेक्निक छात्र-छात्राओं को ई-लेक्चर, ई-कन्टेेन्ट, ऑनलाइन उपस्थिति, शुल्क जमा, डिजीलाकर्स एवं परीक्षा परिणाम देखने की सुविधा प्रदान की जा रही है।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं के शैक्षिक उत्थान के लिए भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा पूर्वदशम् एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाएं संचालित की जा रही हंै। पूर्वदशम् छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत कक्षा 9-10 के छात्र-छात्राओं तथा दशमोत्तर कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जा रही है।
समाज में वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक जीवनयापन का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से सभी जनपदों में 150 की क्षमता के एक-एक वृद्धाश्रम पी0पी0पी0 माॅडल पर संचालित किए जा रहे हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के लिये वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उभयलिंगी व्यक्तियों के अधिकारों एवं हितों की रक्षा करने के प्रयोजनार्थ उनके लिए ट्रांसजेन्डर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।
दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना के अन्तर्गत 11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को 1,000 रुपये मासिक पेंशन एवं कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए दिव्यांगजनों को कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत 3,000 रुपये मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है। दिव्यांगजन के शिक्षण एवं पुनर्वासन हेतु प्री-प्राइमरी स्तर के विशेष विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक विशेषीकृत शिक्षा का प्रबन्धन किया गया है।
निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत जनवरी, 2022 से पेंशन की धनराशि 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है। वर्ष 2016-2017 में निराश्रित महिला पेंशन लाभार्थियों की संख्या 17.31 लाख थी। विगत पांच वर्षों में 15.31 लाख नई पात्र लाभार्थियों को चिन्हित कर योजना से जोड़ा गया। वर्तमान में 32.62 लाख निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है।
‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के अन्तर्गत कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ/प्रभावित बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु पात्र बच्चों को 4,000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता तथा कक्षा-9 या इससे ऊपर अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के पात्र बच्चों को टैबलेट/लैपटाॅप की सुविधा भी अनुमन्य करायी जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत अब तक कुल 14.72 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 57 पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों के माध्यम से लाभार्थियों को अनुपूरक पुष्टाहार दिया जा रहा है।
प्रदेश में 04 लाख 08 हजार भूतपूर्व सैनिक एवं 68 हजार दिवंगत सैनिकों की पत्नियों की समस्याओं के निराकरण हेतु राज्य सरकार संवेदनशील एवं कृतसंकल्पित है। वर्ष 2022 में 38 पात्रों को कुल 15.95 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि एवं प्रदेश के 20 शहीद सैनिकों के आश्रितों को सेवायोजित किया गया है। कारगिल युद्ध ’आपरेशन विजय’ में शहीद हुए प्रदेश के सैनिकों की वीर नारियों को 7,500 रुपये एवं उनके माता-पिता को 5,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है।
वर्तमान में 37 स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं 1,038 स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रदेश में हैं। स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों/पात्र आश्रितों को 20,176 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। आपातकालीन अवधि में लोकतन्त्र की रक्षा के लिए कारागार में निरुद्ध रहे राजनैतिक बन्दियों/लोकतन्त्र सेनानियों एवं उनके देहान्त के उपरान्त पात्र आश्रितों को 20,000 रुपये मासिक सम्मान राशि प्रदान की जा रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पी0एम0 किसान) दिसम्बर 2018 से संचालित है। वर्ष 2022-2023 में अब तक कुल 12 किश्तों में 51,639.68 करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में सीधे हस्तान्तरित की गई है। अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के दृष्टिगत ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम’ वर्ष 2022-2023 से 2026-2027 तक संचालित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रदेश के 49 जनपदों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है, जिसमें गंगा नदी से जुड़े जनपद सम्मिलित हैं। वर्ष 2023-2024 में 1,714 क्लस्टर (85,710 हे0 क्षेत्रफल) में गो-आधारित विषमुक्त खेती का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 30 हजार सोलर पम्पों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत 825 एफ0पी0ओ0 (कृषक उत्पादक संगठन) गठित कराए गए हैं। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) आजमगढ़ की स्थापना की गई है जहाँ पठन-पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। जनपद गोण्डा में कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। राजकीय पौधशालाओं एवं इजराइल तकनीक पर आधारित सेन्टर आॅफ एक्सीलेन्स/मिनी सेन्टर आॅफ एक्सीलेन्स पर गुणवत्ता युक्त रोपण सामग्री तैयार कर लागत मूल्य पर जनसाधारण को सुलभ कराई जा रही है। सहकारी कृषि-निवेश योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सहकारी समितियों एवं अन्य सहकारी संस्थाओं के 8,496 बिक्री केन्द्रों के माध्यम से किसानों को सदस्य बनाकर उच्च कोटि के उर्वरक व प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
चीनी उद्योग प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग होने के साथ ही प्रदेश के 46 लाख गन्ना किसानों के परिवारों की आजीविका का मुख्य आधार है। वर्तमान पेराई सत्र 2022-2023 हेतु कुल गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर है तथा गन्ना उत्पादन 23.48 करोड़ टन अनुमानित है। इस सत्र में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है तथा अब तक 45.22 लाख गन्ना किसानों को लगभग 01 लाख 96 हजार करोड़ रुपये का रिकाॅर्ड भुगतान किया जा चुका है।
’उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022’ के अन्र्तगत दुग्ध प्रसंस्करण वर्तमान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। पशुधन के सर्वांगीण विकास हेतु पशुधन बीमा के साथ-साथ नवीन पशु चिकित्सालयों का निर्माण, गो-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना एवं अस्थायी गो-आश्रय स्थल स्थापित किए जा रहे हैं। वर्गीकृत वीर्य के उपयोग से गोवंशीय पशुओं में दुग्ध उत्पादन हेतु व्यापक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
प्रदेश के समस्त जनपदों में 6570 गो-आश्रय स्थलों की स्थापना कराई गई है तथा इनमें 10.57 लाख गोवंश संरक्षित हैं। मुख्य मंत्री सहभागिता योजना के अन्तर्गत इच्छुक लाभार्थियों को 1.60 लाख से अधिक गोवंश सुपुर्दगी में दिए गए हैं, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक गोपालक को 900 रुपये प्रति गोवंश प्रतिमाह की दर से धनराशि दी जा रही है। पोषण मिशन के अन्तर्गत 3,533 कुपोषित परिवारों को गोवंश उपलब्ध कराए गए हैं तथा इन परिवारों को भी 900 रुपये प्रति गोवंश प्रतिमाह की दर से धनराशि दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में 16 परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में मनरेगा से सुधारे गए तालाबों में निवेश एवं मत्स्य बीज बैंकों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। मत्स्यपालन से जुड़े मछुआरा समुदाय के व्यक्तियों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान हेतु निषादराज बोट सब्सिडी योजना का संचालन प्रस्तावित है।
प्रदेश में सिंचाई हेतु विगत पांच वर्षों में कुल 20 परियोजनाओं को पूर्ण करके 21.42 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया गया, जिससे प्रदेश में 44.72 लाख कृषक लाभान्वित हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में शहजाद बांध स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना तथा वित्तीय वर्ष 2023-2024 में तीन परियोजनाओं-मध्य गंगा स्टेज-2, कचनौंदा बांध एवं लखेरी बांध को पूर्ण करने का लक्ष्य है।
बाढ़ नियंत्रण के अन्तर्गत अब तक प्रदेश के कुल 22.94 लाख हे0 क्षेत्र को बाढ़ से सुरक्षित किया जा चुका है तथा वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जलोत्सारण की 277 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है। विगत पांच वर्ष में 7,426 कि0मी0 की नहर पटरियों को गड्ढामुक्त/नवीनीकृत किया गया है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ’हर घर को नल से जल’ की आपूर्ति हेतु वर्ष 2024 तक प्रदेश के समस्त 2.26 करोड़ घरों में गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सतत पेय जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। अद्यतन 79.77 लाख परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। नमामि गंगे परियोजना राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के अन्तर्गत राज्य में 11,872.72 करोड़ रुपये लागत की 52 सीवर शोधन परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इनमें 28 पूर्ण की जा चुकी हैं, 17 पर कार्य प्रगति पर है व शेष 07 परियोजनाओं का कार्य शीघ्र ही प्रारम्भ होगा।
खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में स्थापित 4,431 क्रय केन्द्रों के माध्यम से अद्यतन 62.66 लाख मी0 टन धान खरीद की गई है। इसके सापेक्ष 12 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिससे 10.30 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत ‘श्री अन्न’ की उपज को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 18 जनपदों में पहली बार 8,453 किसानों से 42,960 मी0 टन बाजरा की खरीद करके लगभग 91 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
सार्वजनिक खाद्य वितरण के अन्तर्गत अन्त्योदय एवं पात्र लाभार्थी राशन कार्डों के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिमाह लगभग 15 करोड़ लोगों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के दौरान माह अप्रैल, 2022 से प्रत्येक माह होने वाला खाद्यान्न वितरण भी चल रहा है।
प्रदेश में जन-सामान्य को गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधा दिया जाना सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचल में चिकित्सालयों/औषधालयों में रोगियों के उपचार तथा नर्सिंग केयर हेतु विभिन्न प्रकार के आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था निरन्तर की जा रही है। 69 जनपदों के चिकित्सालयों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। 250 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर टेलीमेडिसिन सेवाएं व 361 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं संचालित की जा रही हैं।
सम्पूर्ण विश्व के लिए अभी भी चुनौती बनी वैश्विक महामारी कोविड-19 को प्रदेश सरकार द्वारा अपने अथक प्रयासों से उत्तर प्रदेश में लगभग समाप्त कर दिया गया है। ’कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम’ के अन्तर्गत लगभग 12.91 करोड़ टेस्ट किए गए हैं तथा 39.20 करोड़ से अधिक निःशुल्क डोज़ से पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया है। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2022 में ए0ई0एस0 रोगियों की मृत्यु की संख्या में 96.5 प्रतिशत एवं जे0ई0 रोगियों की मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी हुई है।
’आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश में 2.34 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं। ’पं0 दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना’ के अन्तर्गत उ0प्र0 के सरकारी सेवकों एवं सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों तथा उनके आश्रित परिजनों को आयुष्मान भारत योजना में आबद्ध चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार का प्रविधान किया गया है।
प्रदेश के समस्त जनपदों में सघन इन्द्रधनुष 4.0 अभियान तीन चरणों (07 मार्च, 04 अप्रैल एवं 02 मई, 2022 से) में चलाया गया, जिसमें 36.82 लाख बच्चों एवं 10.31 लाख गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया गया। वर्ष 2022 में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के प्रथम चरण का आयोजन प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में सफलतापूर्वक किया गया, जिसमें 713.61 लाख बच्चों को लाभान्वित किया गया।
‘एक जनपद एक मेडिकल काॅलेज’ योजना के अन्तर्गत प्रदेश के कुल 45 जनपद मेडिकल काॅलेज से आच्छादित किए जा चुके हैं। 14 जनपदों में मेडिकल काॅलेज निर्माणाधीन हैं। असेवित 16 जनपदों में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना पी0पी0पी0 मॉडल पर की जा रही है, जिसमें से 04 जनपदों में शीघ्र ही संचालित हो जाएंगे।
सरकारी क्षेत्र के मेडिकल काॅलेजों/चिकित्सा संस्थानों/विश्वविद्यालयों में एम0बी0बी0एस0 सीटों की संख्या 1,990 से बढ़ाकर 3,828 एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल काॅलेजों/संस्थानों में एम0बी0बी0एस0 सीटों की संख्या 2,550 से बढ़ाकर 4,700 की गई है। इस प्रकार प्रदेश में एम0बी0बी0एस0 की कुल 8,528 सीटें उपलब्ध हैं। सरकारी क्षेत्र के मेडिकल काॅलेजों/चिकित्सा संस्थानों/विश्वविद्यालयों में पी0जी0 सीटों की संख्या 741 से बढ़ाकर 1,441 एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल काॅलेजों/संस्थानों में पी0जी0 सीटों की संख्या 480 से बढ़ाकर 1,427 की गई है। इस प्रकार वर्ष 2022-2023 में पी0जी0 की कुल 2,868 सीटें उपलब्ध हैं। राजकीय मेडिकल काॅलेजों/चिकित्सा संस्थानों/विश्वविद्यालयों में सुपर स्पेेशियलिटी पाठ्यक्रमों (डी0एम0/एम0सी0एच0) की सीटें 120 से बढ़ाकर 180 कर दी गई हैं। वर्ष 2022 में लगभग 300 संस्थाओं में नर्सिंग/पैरामेडिकल पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुए हैं।
प्रदेश में संचालित राजकीय एवं निजी आयुष महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र के नियमन एवं प्रवेश में एकरूपता तथा योग एवं नैचुरोपैथी में उत्कृष्ट शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर स्थापित किया गया है। आयुष मिशन के माध्यम से जनपद अयोध्या में एक नवीन राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जनपद वाराणसी में एक नवीन होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेज स्थापित किये जाने की योजना है। समस्त 75 जनपदों में 14 से 21 जून, 2022 तक अमृत योग सप्ताह का आयोजन करते हुए 05 करोड़ 51 लाख लोगों को योग से जोड़ा गया।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में वनावरण एवं वृक्षावरण कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 9.23 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में हरीतिमा विस्तार हेतु वृहद स्तर पर 35 करोड़ वृक्षारोपण का कार्य कराया गया। प्रदेश में 01 राष्ट्रीय उद्यान, 03 टाइगर रिजर्व, 26 वन्यजीव/पक्षी विहार, 03 प्राणि उद्यान एवं 01 लायन सफारी स्थापित है। वन्य जीव संरक्षण हेतु इन संरक्षित क्षेत्रों में हैबिटेट इम्प्रूवमेन्ट के कार्य कराए जा रहे हैं। वन्य जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से रानीपुर टाइगर रिज़र्व, तराई हाथी रिज़र्व तथा अमानगढ़ टाइगर फाउण्डेशन का गठन किया गया है। बख़ीरा पक्षी बिहार एवं हैदरपुरा वेटलैण्ड की रामसर साइट के रूप में घोषणा की गई है। हस्तिनापुर वन्य जीव बिहार की अन्तिम अधिसूचना निर्गत की गई है। कुकरैल नाइट सफारी की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड एवं जनपद स्तर पर जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन किया गया है। आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा, श्री विन्ध्यधाम तीर्थ विकास परिषद मीरजापुर, श्री चित्रकूटधाम तीर्थ विकास परिषद चित्रकूट तथा श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद सीतापुर का गठन किया गया है।
पर्यटकों को बेहतर आतिथ्य सत्कार उपलब्ध कराने एवं पर्यटन के बहुमुखी विकास हेतु उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 प्रख्यापित की गई है। प्रदेश में वर्ष 2022 में (जनवरी से अक्टूबर तक) 24.87 करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जिनमें 4.10 लाख विदेशी पर्यटक भी सम्मिलित हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण/सौन्दर्यीकरण के पश्चात वहां दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 04 से 05 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 में अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव में 15,76,955 दीप जलाकर गिनीज वल्र्ड रिकाॅर्ड बनाया गया।
जनपद अयोध्या एवं चित्रकूट में भजन संध्या स्थल तथा गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना का प्रथम चरण का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा द्वितीय चरण का निर्माण प्रगति पर है।
जनपद अयोध्या में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या धाम तक पहुँच मार्ग योजना के अन्तर्गत 03 मार्गों जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ व राम पथ के चैड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण तथा जनसुविधाओं के विकास सम्बन्धी कार्य कराए जा रहे हैं।
प्रयागराज कुम्भ-2019 की तर्ज पर प्रयागराज महाकुम्भ-2025 का भव्य आयोजन विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस वर्ष जनवरी में प्रयागराज में माघ मेले का भव्यता के साथ सफल आयोजन कराया है तथा इसमें लगभग 3 करोड़ 30 लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रदेश में धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण विभिन्न धार्मिक स्थलों पर लगने वाले 14 बडे़ मेलों को प्रान्तीयकृत मेला घोषित किया गया है।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ तथा ’चैरी-चैरा शताब्दी महोत्सव’ के अन्तर्गत शहीद पं0 राम प्रसाद बिस्मिल की जयन्ती पर शाहजहाँपुर से गोरखपुर तक भव्य झाँकी एवं यात्रा तथा काकोरी ट्रेन ऐक्शन दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का भव्यता से आयोजन किया गया।
प्रदेश में औद्योगिक एवं रोजगारपरक माहौल बनाये जाने हेतु विभिन्न प्रकार के श्रम सुधार किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के अन्तर्गत 6,65,977 कामगारों का पंजीकरण करके उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। बाल श्रमिकों के शैक्षिक पुनर्वासन हेतु बाल श्रमिक विद्या योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत 8 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 2,000 कामकाजी बच्चों/किशोर-किशोरियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा अनाथ बालक/बालिकाओं हेतु प्रदेश के समस्त मण्डलों में एक-एक अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किया जा रहा है, जिससे शीघ्र ही शिक्षण कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग‘ का गठन किया गया है। कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं जनसामान्य व शासकीय विभागों को स्थानीय सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु सेवामित्र प्लेटफाॅर्म/सेवामित्र ऐप की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) प्रथम फेज के अन्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों को खुले में शौच से मुक्त कराते हुए उन्हें ओ0डी0एफ0 घोषित कराया है तथा मिशन के द्वितीय फेज के अन्तर्गत सभी ग्रामों को निर्धारित मानकों के अनुसार ओ0डी0एफ0 प्लस बनाया जाना है।
8.99 लाख से अधिक व्यक्तिगत तथा 69 हजार से अधिक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराते हुए सभी स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओ0डी0एफ0) घोषित किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के अन्तर्गत विशेषतः महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से 189 नगरीय निकायों के 1100 ब्लॉक में सामुदायिक/सार्वजनिक/पिंक शौचालय का निर्माण कराया गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण, 2022 में राज्य को 13 पुरस्कार प्राप्त हुए हंै।
अमृत-2.0 योजना प्रदेश के समस्त 756 नगरीय निकायों में 25 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है। स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत देश के 100 शहरों में चयनित उत्तर प्रदेश के 10 शहरों में स्वच्छता, जलापूर्ति, पथ-प्रकाश, सीवरेज, स्मार्ट मार्ग इत्यादि सुविधाओं एवं वाटर बॉडीज के विकास की परियोजनाओं का विकास तेजी से हो रहा है। प्रदेश के 07 अन्य नगर निगमों को राज्य स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम-2011 की धारा-3 में उल्लिखित व्यवस्थानुसार 47 विभागों की 409 सेवाएं तथा समस्त विभागों के लिए 10 सेवायें अर्थात् कुल 419 सेवाएं अधिसूचित की जा चुकी हैं।
मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के अन्तर्गत कानपुर मेट्रो के प्राथमिक सेक्शन (आई0आई0टी0 से मोती झील, 09 कि0मी0) पर रिकॉर्ड 25 माह में मेट्रो सेवा का संचालन प्रारम्भ किया जा चुका है तथा आगरा मेट्रो के प्राथमिक सेक्शन का कार्य प्रगति पर है। फेम इण्डिया स्कीम-1 के अन्तर्गत लखनऊ शहर में 40 एवं फेम इण्डिया स्कीम-2 के अन्तर्गत प्रदेश के 14 शहरों में 740 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसें संचालित हैं। नीति आयोग की आकांक्षी जनपद योजना की भांति प्रदेश के सबसे पिछड़े 100 नगर निकायों में आधारभूत संरचना के समग्र विकास हेतु आकांक्षी नगर योजना प्रारम्भ की जाएगी।
प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में 17.62 लाख मकानों की स्वीकृति प्रदान की गई एवं आवास निर्माण घटक के अन्तर्गत 12 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 27 हजार 748 करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तान्तरित की गई। प्रदेश सरकार आवास एवं विकास परिषद/विकास प्राधिकरणों के माध्यम से आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु निरन्तर प्रयासरत है। आवास एवं विकास परिषद/विकास प्राधिकरणों में नियोजन हेतु अद्यतन द्य4,464.00 हेक्टेयर लैण्ड बैंक उपलब्ध है। आवास एवं विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में ऑनलाइन मानचित्र स्वीकृति की व्यवस्था सुचारु रूप से चल रही है।
आकांक्षी जनपद कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित 08 जनपदों यथा चित्रकूट, बलरामपुर, बहराइच, सोनभद्र, श्रावस्ती, चन्दौली, सिद्धार्थनगर तथा फतेहपुर में मानव विकास से सम्बन्धित संकेतांकों में सुधार हेतु समेकित प्रयास किए जा रहे हैं। नीति आयोग द्वारा जनपदों की रैंकिंग हेतु विकसित डैशबोर्ड-चैम्पियन्स आॅफ चेन्ज में समग्र रूप से डेल्टा रैंकिंग में देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 06 जनपद सम्मिलित हैं।
जनपद कार्यक्रम की भांति प्रदेश में 34 जनपदों के 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चयन करते हुए उनके सुनियोजित विकास का कार्य प्रारम्भ हो गया। प्रत्येक विकास खण्ड में एक-एक सी0एम0 फेलो के रूप में तैनाती की गई है, जो उस विकास खण्ड के विकास को गति प्रदान कर रहे हैं। प्रदेश के युवाओं को सरकार के साथ नीति, प्रबन्धन, क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया गया है।
राज्य सरकार ने अपराध और अपराधियों के विरुद्ध ज़ीरो टाॅलरेन्स की नीति अपनाकर प्रदेश में अपराधमुक्त, भयमुक्त व अन्यायमुक्त वातावरण स्थापित किया है। इससे जनता में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ हुई है, विकास गतिविधियों में तेजी आयी है और प्रदेश में व्यापक स्तर पर निवेश आया है। अपराध पर प्रभावी अंकुश लगने से प्रदेश में आपराधिक मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में डकैती के अपराध में 80.31 प्रतिशत, लूट की घटनाओं में 61.51 प्रतिशत, हत्या के अपराध में 32.45 प्रतिशत, बलवा के मामलों में 51.65 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण के अपराध में 43.18 प्रतिशत तथा बलात्कार के अपराध में 21.75 प्रतिशत की कमी आई है। पुलिस की प्रभावी एवं ठोस कार्यवाही से समाज के सभी वर्गों विशेष कर महिलाओं, बालिकाओं, व्यापारियों एवं कमजोर वर्गों में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है।
पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से 01 लाख 53 हजार 728 भर्तियां की गई हैं, जिनमें 22 हजार 184 महिला कार्मिक सम्मिलित हैं। पुलिस बल में व्यापक सुधार करते हुए लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी नगर, आगरा, गाजियाबाद तथा प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई है। 244 थाने व 133 चैकियों, 78 जनपदों में एन्टी थेफ्ट पुलिस थाने, 40 एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने, 74 जनपदों में 79 महिला पुलिस चौकियों, परामर्श केन्द्रों/थानों की स्थापना की गई है।
रेंज स्तर पर 18 साइबर क्राइम थानों का गठन किया गया है। साइबर सम्बन्धी अपराधों के लिए हेल्प लाइन नं0-1930 निरन्तर क्रियाशील है। 18 परिक्षेत्रीय थानों पर अत्याधुनिक साइबर फ़ोरेन्सिक लैब तथा साइबर मुख्यालय, लखनऊ पर एडवान्स साइबर फाॅरेन्सिक लैब की स्थापना की जा रही है। लखनऊ में यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फाॅरेन्सिक साइन्स का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ‘यू0पी0 कॉप’ मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-एफ0आई0आर0 सहित पुलिस विभाग से सम्बन्धित 26 सेवाएं जनसामान्य को प्रदान की जा रही हैं।
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण हेतु ‘एण्टी रोमियो स्क्वॉड’ का गठन, मिशन शक्ति, सेफ सिटी परियोजना एवं 03 महिला पी0ए0सी0 बटालियन की स्थापना की गई है। समस्त जनपदों में 3 हज़ार पिंक बूथ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। पुलिस बल में महिला कर्मियों की तैनाती को दोगुना करने तथा प्रत्येक थाने में साइबर हेल्पडेस्क की स्थापना करने का लक्ष्य है। सार्वजनिक स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 एवं 600 स्थानों पर पिंक बूथ स्थापित किए जाएंगे।
लोक एवं निजी सम्पत्तियों के सम्बन्ध में दंगा, हड़ताल, बन्द, प्रदर्शन के दौरान किए जाने वाले हिंसात्मक कृत्यों से निपटने और उपद्रवियों से मृतक, घायल तथा सम्पत्ति के स्वामी को प्रतिकर दिलाए जाने हेतु ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली (संशोधन) अधिनियम 2022’ पारित कराया गया।
कर्तव्यपालन के दौरान शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों के आश्रितों को देय अनुग्रह राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गयी है। होमगाड्र्स स्वयंसेवकों को प्रत्येक 03 वर्ष में एक बार 3,000 रुपये की धनराशि वर्दी भत्ते के रूप में तथा इनकी मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता की दशा में 05 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है।
प्रदेश की जेल व्यवस्था के सुचारु संचालन हेतु नवीन उत्तर प्रदेश कारागार नियम संग्रह (जेल मैनुअल-2022) अधिसूचित किया गया है। कारागारों का आधुनिकीकरण सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान में 72 कारागारों एवं 73 जनपद न्यायालयों में 99 प्रतिशत रिमाण्ड की कार्यवाही वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई जा रही है।
वर्ष 2022-2023 में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों में 01 करोड़ 54 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि में पंजीकरण की 30 वर्ष की अवधि पूर्ण कर चुके अधिवक्ताओं को कल्याण निधि से दी जाने वाली धनराशि को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये कर दिया गया है।
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की बाउण्ड्री वाॅल एवं प्रशासनिक भवन के निर्माण हेतु
414.17 लाख रुपये की धनराशि निर्गत की गई है। माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद परिसर में एडवोकेट चैम्बर्स तथा मल्टी लेविल पार्किंग के निर्माण हेतु वर्ष 2022-2023 में 640.43 करोड़ रुपये की स्वीकृति निर्गत की गई है। प्रदेश के जनपद न्यायालयों में 337 कोर्ट रूम का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा 211 कोर्ट रूम का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
अवैध कब्जे हटाने के लिए प्रदेश स्तर पर 04 स्तरीय एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया है। प्रदेश में अनधिकृत कब्जे/अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान के अन्तर्गत 70 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। 847 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है तथा वर्तमान में 196 भू-माफिया जेल में निरुद्ध हैं।
वर्ष 2017 से अब तक कुल 87,128 राजस्व ग्राम खतौनियों में खातेदारों/सहखातेदारों के गाटों में खतौनी पुनरीक्षण एवं अंश निर्धारण पूर्ण कर लिया गया है तथा 1,06,889 राजस्व ग्राम खतौनियों को डिजिटाइज़ कर आनलाइन कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ‘स्वामित्व योजना‘ के अन्तर्गत ग्रामीण आबादी के सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया के कार्य को तेज गति से कर रही है। अब तक 34,045 ग्रामों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 50,37,654 घरौनियाँ तैयार की जा चुकी हैं। रेवेन्यू कोर्ट केस माॅनीटरिंग पोर्टल पर वाद दायर करने की ऑनलाइन व्यवस्था की गयी है। अब तक 35.60 लाख से अधिक प्रकरणों में निर्विवाद वरासत दर्ज की गई है। सभी तहसीलों में माॅडर्न रिकाॅर्ड रूम की स्थापना कराए जाने की योजना है।
जी0एस0टी0 रिटर्न दाखिले में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। प्रदेश में अगस्त, 2022 तक के देय रिटर्न 95 प्रतिशत दाखिल हैं जो देश के औसत से अधिक है। मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत पंजीकृत व्यापारी की दुर्घटना के फलस्वरूप मृत्यु, आंशिक व पूर्ण दिव्यांगता हो जाने की स्थिति में व्यापारी के नाॅमिनी/उत्तराधिकारी/स्वयं व्यापारी को 10 लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया जाता है। जी0एस0टी0 में समाधान योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 3.28 लाख व्यापारी लाभान्वित हुए हैं।
भारत सरकार की खेलो इण्डिया योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में खेल अवस्थापना सुविधाओं का निर्माण कराया जा रहा है। प्रत्येक गांव में खेल का मैदान व ओपेन जिम की व्यवस्था का कार्य प्रगति पर है। साथ ही, इस योजना के अन्तर्गत संचालित 21 परियोजनाओं में से 14 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। ग्रामीण स्टेडियम का निर्माण एवं ओपेन जिम की स्थापना के अन्तर्गत 19 ग्रामीण स्टेडियमों के निर्माण की कार्यवाही की गई है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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