राजनीति

पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस ने मनोज तिवारी के खिलाफ कन्हैया कुमार को उतारा

नई दिल्ली16 अप्रैल :कांग्रेस नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) बीते कुछ सालों में देश की राजनीति में चर्चित चेहरा बन चुके हैं. उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट देने के पीछे कांग्रेस की दूरगामी रणनीति है. पूर्वांचली बहुल इस सीट पर बीजेपी के मनोज तिवारी के सामने कन्हैया को उतार कर कांग्रेस ने पूर्वांचली के सामने पूर्वांचली कार्ड चलने की कोशिश की है. हालांकि कन्हैया कुमार बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन गठबंधन में सीट कांग्रेस को नहीं मिली. वैसे भी माना जाता है कि आरजेडी कन्हैया कुमार को पसंद नहीं करती. लेकिन मोदी सरकार के खिलाफ बेबाकी से बोलने के लिए चर्चित युवा नेता कन्हैया कुमार से राहुल गांधी खासे प्रभावित हैं.

कन्हैया को मनोज तिवारी के खिलाफ उतारने की क्या है रणनीति?

ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चाहते थे कि कन्हैया कुमार चुनाव लड़ें और ऐसे में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट का विकल्प कन्हैया कुमार को दिया गया. फिलहाल कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया लोकसभा चुनाव में कामयाब रहे तो दिल्ली में कांग्रेस को एक बड़ा पूर्वांचली चेहरा मिल जाएगा. चुनावी ताल ठोकते हुए कन्हैया कुमार मोदी सरकार पर खूब हमले भी करेंगे, इससे कांग्रेस के अभियान को मजबूती मिलेगी. इन सब के बीच आठ साल पहले जेएनयू में लगे देश विरोधी नारे और उत्तर पूर्वी दिल्ली में चार साल पहले हुए दंगे अगर लोकसभा चुनाव में मुद्दा बने तो कन्हैया कुमार का अपना प्रचार अभियान ही उलझ सकता है.

कौन हैं कन्हैया कुमार?

कन्हैया कुमार कांग्रेस के नेता हैं और उन्हें पार्टी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट दिया है. कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं. वो वाक्पटुता और हमलावर तेवर के लिए देश की राजनीति में कांग्रेस के युवा चेहरा के तौर पर जाने जाते हैं. साल 2019 में कन्हैया कुमार बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन बीजेपी के गिरिराज सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उस वक्त कन्हैया कुमार सीपीआई के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे. साल 2021 में वो कांग्रेस से जुड़ गए. फिलहाल वो कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी भी हैं. कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का केस अब भी अदालत में है. करीब 8 साल पहले जेएनयू में लगे देश विरोधी नारे को लेकर वो काफी चर्चा में रहे थे.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *