हाय हाय पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम, आखिर हुई सत्य की जीत और भ्रस्टाचार घोटाला हुआ उजागर
वाराणसी 12 नवम्बर: पूर्वांचल मे घोटाले और भ्रष्टाचार के सिरमौर बडका बाबू के करीबी चादी का जूता खान व मारने के शौकीन अधीक्षण अभियन्ता के सेवानिवृत्त होते ही फूट गया भ्रष्टाचार का घढा समय का उपभोक्ता द्वारा की गयी शिकायत का संज्ञान लेते हुए और आपनी गलती मानते हुए जानपद ने अपने रेट शेड्यूल रिवाईज किया और इसको एक बडी गलती माना अब देखना यह है कि साम दाम के जरिए अपनी सजा को कम करा कर मात्र कुछ वार्षिक वेतन पद्दोन्नती की सजा पाकर छुटे भ्रष्टाचारी अधीक्षण अभियन्ता से अब कैसे घोटाले और भ्रष्टाचार में हुई लूट की वसूली की जाती है साथ ही यह भी देखना है कि बडका बाबू जी के कृपा पात्र को कैसे बचया जाता है क्यो कि वित्तीय वर्ष 2017 मे तो जनाब एक रूप दो स्वरूप हुआ करते थे प्रस्तावक भी यही अनुमोदक भी यही दोनो हाथो से लूट जारी थी बात योगी सरकार के आने के बाद जब मौरग बालू के दाम बढे थे तो पारेषण निगम ने भी अपने सस्थान मे मूल्य वृद्धी की थी और समय के साथ 2020 और 2021 रेट शेड्यूल में परिवर्तन कर मूल्य घटाए भी परन्तु पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के जानपद मे जो एक बार रेट बढ गये तो बढ गये आज तक उसी 2017 के बढ़े रेट शेड्यूल पर टेण्डर होने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा जिससे कम्पनी को करोड़ो रूपये के वित्तीय घाटे के अनुमान है पूर्व के बडका बाबूके करीबी होने का लाभ उठाते हुए महोदय ने जानपद को पूरा लूट के केन्द्र मे बदल दिया था और जब लूट का खुलासा होना शुरू हुआ है तो अब देखते है कि कब तक खैर मनाई जाएगी एक ना एक दिन उस करोडो के गोल माल की वसूली तो होगी ही परन्तु अब देखना है कि कौन कौन महोदय तत्कालीन एक रूप दो स्वरूप को बचाने सामने आते है।
वैसे विगत वर्षों से मुख्य अभियंता जानपद के तौर पर लखनऊ से आये लखनऊवा नबाब इस लूट के खेल में कम्बल ओढ़ कर जमकर घी पीने की भूमिका में बराबर की भागीदारी निभाते हुए जमकर जूता खोरी करते देखे गए अब देखना है कि क्या इस घोटाले के जिम्मेदार मुख्य अभियंता से भी प्रबंधनिदेशक द्वारा इन दो वर्षों में हुए करोड़ो के घोटाले की वसूली कैसे करता है या यह भी मामला विभागीय कछुवा छाप जांच कमेटी के माध्यम से ठंडे बस्ते में डालने की कवायत शुरू की जाएगी ।।खैर
युद्ध अभी शेष है