सलमान खुर्शीद की किताब पर देशभर में बवाल
नई दिल्ली12नवंबर: सलमान खुर्शीद की किताब, सनराइज ओवर अयोध्या पर बवाल अब मुंबई तक पहुंच गया है। यहां पर भाजपा विधायक राम दम की अगुवाई में उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुआ। भाजपा का कहना कहा कि उद्धव सरकार को उनकी किताब को राज्य में बैन करने के साथ ही उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। इसके साथ ही कहा गया कि खुर्शीद को हिंदू समाज से मांफी मांगनी चाहिए क्योंकि कांग्रेस नेता अपनी किताब के माध्यम से हिंदू समाज का अपमान कर रहे हैं। उन्हें हिंदू धर्म के बारे में नहीं पता है। उधर, मध्य प्रदेश में तो उनकी किताब पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। बता दें कि इस किताब में हिंदुत्व की तुलना आइएसआइएस से की गई है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा,’ मैं मध्य प्रदेश के कानून विशेषज्ञों से राय कराऊंगा और मध्य प्रदेश में इस किताब को बैन कराएंगे।
सलमान खुर्शीद की किताब पर मप्र में प्रतिबंध लगाने का विचार :नरोत्तम
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की विवादित किताब के संदर्भ में आज कहा कि वे इस किताब पर राज्य में प्रतिबंध लगाने के संबंध में विधिविशेषज्ञों से चर्चा करेंगे।
मिश्रा ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि यह पुस्तक बेहद निंदनीय है। दरअसल ये लोग हिंदुत्व को खंडित करने और इसे जातियों में बांटने का कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं। ये लोग देश के बारे में भी इसी तरह के विचार रखते हैं। श्री खुर्शीद वही नेता हैं जो वरिष्ठ कांग्रेस राहुल गांधी और कमलनाथ की ‘राष्ट्रविरोधी’ बातों को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
मिश्रा ने कहा कि इस तरह के लोग आस्था पर प्रहार करते हैं और कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं। हिंदुत्व पर सवाल उठाते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे श्री खुर्शीद जैसे लोगों के साथ हैं।
मिश्रा ने कहा कि वे इस किताब पर मध्यप्रदेश में प्रतिबंध लगाने के संबंध में विचार करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।
मिश्रा ने कहा कि 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। आज भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सभी मंत्रियों और अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक हो रही है, जिसमें तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने जनजातियों के हित में जितने कदम उठाए हैं, उतने देश में कभी नहीं उठाए गए। उन्होंने 15 नवंबर को जनजातीय दिवस ही घोषित कर दिया है।