एक झलक

अगर आपके घर भी जल्दी सूख जाता है तुलसी का पौधा, तो यहां जाने क्या गलती हो रही आपसे…

4अक्टूबर 2023
तुलसी का पौधा घर में सिर्फ हरियाली के लिए नहीं लगाया जाता, बल्कि यह हमारी धार्मिक आस्था से भी जुड़ा है. घर में तुलसी का हरा-भरा पौधा होना बेहद शुभ माना जाता है. आयुर्विज्ञान में इसे औषधि का दर्जा दिया गया है. ऐसे में यह सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी है. लेकिन कई बार बहुत तुलसी का पौधा सूखने लगता है. कई लोगों की तो ये भी शिकायत होती है कि उनके घर तुलसी का पौधा लगता नहीं है, या फिर जल्दी सुख जाता है. अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं तुलसी सूखने के कारण और इसे फिर से हरा-भरा बनाने के उपाय.

तुलसी ही नहीं किसी भी पौधे को अच्छे से उगाने के लिए हमेशा सही मिट्टी का उपयोग करें. कभी भी बहुत ज्यादा कंकड़ पत्थर वाली मिट्टी का उपयोग न करें. इससे जड़ों को पनपने की जगह नहीं मिल पाता है. मिट्टी में गोबर की खाद जरूर मिलाएं तुलसी के पौधे में ज्यादा पानी देना नुकसानदायक है तो कम पानी देना भी हानिकारक है. दरअसल, इस पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है. अगर आप इसमें ज्यादा पानी देंगे तो इसकी जड़े गलने लगेंगी और उनमें बैक्टीरिया पनपने लग जाएंगे, जिससे पौधा सूखने लगेगा. ऐसे में तुलसी में पानी तब ही दें, जब मिट्टी सूखने लगे. ध्यान रखें पौधे के मुरझाने का इंतजार नहीं करना है. गर्मियों के दिनों में एक बार, वहीं सर्दियों में दो दिन में एक बार पानी देना सही रहता है.

सोच समझकर चुनें गमला

तुलसी लगाने के लिए हमेशा सही गमले का उपयोग करें. कोशिश करें कि इसे हमेशा चौड़े और गहरे गमले में ही लगाएं. ध्यान रखें गमले के नीचे अतिरिक्त पानी निकलने के लिए छेद जरूर छोड़ें. जिससे जड़ें सड़े नहीं और उन्हें पनपने की पूरी जगह मिल सके.

मौसम है महत्वपूर्ण

तुलसी का पौधा सामान्य तापमान में अच्छे से पनपता है. आप इसे घर में ऐसी जगह रखें जहां पांच से छह घंटे ही धूप आती हो. ध्यान रखें इसे सीधी धूप में रखने से बचना है. बारिश के दिनों में पौधे को ऐसी जगह शिफ्ट कर दें, जहां इसमें बहुत ज्यादा पानी न जाए. वहीं सर्दियों के मौसम में इसे आप धूप में रखें, नहीं तो इसकी पत्तियां सूखने लगेंगी.

कीड़े और बैक्टीरिया से बचाव जरूरी

तुलसी का पौधा सूखने का एक मुख्य कारण है कीड़े और बैक्टीरिया. मिलीबग, एफिड्स, व्हाइटफ्लाइज और स्पाइडर माइट्स जैसे बैक्टीरिया आमतौर पर तुलसी के सूखने के कारण होते हैं. ऐसे में आप समय समय पर इसकी जड़ों और पत्तियों पर दवाइयों का छिड़काव करें. आप इसके लिए जिप्सम नमक का उपयोग कर सकते हैं. एक लीटर पानी में एक टीस्पून जिप्सम नमक लेकर घोल बना लें. अब इससे तुलसी की पत्तियों के साथ ही मिट्टी में भी डालें. इससे पौधा न सिर्फ हरा-भरा होगा, बल्कि कीड़े भी खत्म होंगे. आप महीने में एक बार इस घोल का छिड़काव कर सकते हैं. इसी के साथ आप नीम के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं. तुलसी की पत्तियों पर नीम ऑयल का स्प्रे करें, इससे कीड़े अपने आप खत्म हो जाएंगे. कीड़ों को खत्म करने के लिए एक मग पानी में एक टीस्पून हल्दी मिला लें और इस पानी को तुलसी में डालें.

पोषक तत्वों की कमी

कई बार हम तुलसी के गमले की मिट्टी पर ध्यान नहीं देते और यह काफी सख्त हो जाती है. जिससे पानी जड़ों तक नहीं पहुंच पाता है. इसलिए समय समय पर मिट्टी में गाय के गोबर की खाद डालनी चाहिए. ध्यान रखें इसका अनुपात 70 : 30 होना चाहिए. मतलब 70 प्रतिशत मिट्टी में 30 प्रतिशत खाद मिलाई जा सकती है.

छटाई करना है जरूरी

तुलसी के पौधे की समय समय पर छटाई करें. पौधों में लगे सूखे फूल और पत्तियों को हटाते रहें. साथ ही नए फूलों के सिरों को भी लगातार छांटते रहें. इससे पौधा और घना होगा और इसमें नई शाखाएं भी आएंगी.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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