पूर्वांचल

अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ एवं भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिक के महानिदेशक ने किया बरेका का दौरा

वाराणसी 15 मई :बनारस रेल इंजन कारखाना में अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ के महानिदेशक संजीव भुटानी, भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिक के महानिदेशक श्री राहुल गौतम एवं अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ के अपर महानिदेशक शरद कुमार जैन ने बरेका का दौरा किया । सर्वप्रथम कर्मशाला लोको डिविजन के लोको फ्रेम शॉप से निरीक्षण की शुरुवात करते हुए विभिन्न शॉपों से होते हुए रेल इंजन उत्पादन से संबंधित कार्यों का अवलोकन करते हुए लोको टेस्ट शॉप तक का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान लोको उत्पादन संबंधी गतिविधियों को देखा तथा वर्तमान में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट्स के विषय में अधिकारियों से चर्चा की । अ.अ.मा.सं, लखनऊ एवं भा.रे.वि.इं.सं, नासिक से आए महानिदेशकों ने कर्मशाला की विभिन्न गतिविधियों को बारीकी से देखा तथा शॉप की कार्यशैली एवं साफ-सफाई को सराहा ।

निरीक्षण के उपरांत बरेका प्रशासन भवन के कीर्ति कक्ष में बैठक का आयोजन किया गया जहां अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ के महानिदेशक संजीव भुटानी एवं भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिक के महानिदेशक राहुल गौतम के साथ बरेका के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री रजनीश गुप्ता, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर प्रबीर कुमार साहा, प्रमुख वित्त सलाहकार अमर कुमार सिन्हा, प्रमुख मुख्य इंजीनियर विनोद बमपाल एवं प्रवीण खोराना, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी रणविजय, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त रणवीर सिंह चौहान के साथ विभागाध्यक्षगण सुजीत मिश्रा, रमेश मौर्या, पी. पी. राजू, अरुण कुमार शर्मा, मनोज कुमार सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहें तथा लोको उत्पादन से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई । बरेका के अधिकारियों ने महानिदेशकों के समक्ष लोको उत्पादन से संबंधित कल-पुर्जों की आपूर्ति एवं गुणवत्ता से संबंधित विषय पर बारीकी से चर्चा की जिससे बरेका की उत्पादन क्षमता को और विकसित किया जाए ।

चर्चा के दौरान अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ के महानिदेशक संजीव भुटानी एवं भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिक के महानिदेशक राहुल गौतम ने बरेका की कार्यप्रणाली को अत्यंत सराहा एवं साथ मिलकर हम सफलता की नयी बुलंदियों को छू सकते है।अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, महानिदेशक श्री संजीव ने बताया कि प्रथम बार वें 1988 में अपने प्रशिक्षण काल के दौरान बरेका आए थे, तबसे अबतक बहुत कुछ बदल गया है । उन्होंने कहा कि वर्तमान में डीजल शेड्स को इलेक्ट्रिकल शेड्स में परिवर्तित करना सबसे बड़ी चुनौती थी जिसे सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया । भारतीय रेलवे बहुत ही उत्कृष्ट संगठन है जिसमे बरेका विद्युत एवं डीजल रेल इंजनों के निर्माण के साथ विभिन्न देशों को रेल इंजनों की आपूर्ति भी कर रहा है, हमें बस अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर और भी अधिक परिष्करण एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना है । इस दौरान उन्होंने अपने जापान एवं दक्षिण अफ्रीका के विदेशी दौरों से प्राप्त अनुभव को साझा किया । उन्होंने बताया की रेलवे बड़े पैमाने पर परिवर्तन की दौर से गुजर रहा है और हमें भी अपनी क्षमताओं को और विकसित करना होगा । भारत सरकार को हमारी क्षमताओं पर भरोसा है और हमसे ज्यादा की उम्मीद हैं । वर्तमान में चल रहीं ट्रेनों में सुधार की बहुत गुंजायइशें हैं जिसमे बदलते परिवेश में हम सभी को अपनी मानसिकता बदलकर और अधिक कठिन परिश्रम एवं कीमतों में कटौती के रास्ते खोज कर भारतीय रेल को सबसे अग्रणी बनाना है ।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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