पूर्वांचल

अन्नपूर्णा मंदिर में महंत ने किया ध्वज और शस्त्र की पूजा,कई दशक की है परंपर

 

वाराणसी25 अक्तूबर,अन्नपूर्णा मठ मंदिर में विजयदशमी के पर्व पर ध्वज और शस्त्र की पूजा मंगलवार को विधि विधान से संपन्न हुई।

सनातन परंपरा में दशहरे का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़े इस पर्व पर भगवान राम की पूजा के साथ विजय पताका और शस्त्र पूजा का विधान है। प्राचीन काल से राजा,महाराजा और साधु संतो द्वारा की जाने वाली शस्त्र पूजा आज तक चली आ रही है।महंत शंकर पूरी ने बताया कि मंदिर में ध्वज और शास्त्र की पूजा कई दशकों की परंपरा है उन्होंने कहा कि विजयादशमी पर्व पर शस्त्र की पूजा करने पर पूरे वर्ष आंतरिक और बाहरी शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का वरदान प्राप्त होता है।
यही कारण है कि आम आदमी से लेकर भारतीय सेना तक दशहरे के दिन विशेष रूप से शस्त्रों का पूजन करती है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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