पूर्वांचल

काशी में पित्तरों और शहीदों को किया नमन, सैंकड़ों आकाशदीप हुए रोशन

वाराणसी28 अक्टूबर :काशी के नभमंडल में शनिवार की शाम बांस की टोकरियों में आकाशदीप जगमगाने लगे। एक ओर शरद पूर्णिमा की चांदनी चटख हुई और दूसरी ओर प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर शहीदों की याद में बांस के पोरों पर आकाशदीप जलने शुरू हुए। बांस की डलियों में टिमटिमाते दीप चंद्रहार की मानिंद झिलमिला उठे। गंगोत्री सेवा समिति की ओर से यह आकाशदीप देश पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले पुलिस एवं पीएसी के 11 शहीदों की स्मृति में जलाए गए।गंगा की मध्यधारा में दीपदान भी किया गया।

प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर पुलिस और पीएसी के शहीद जवानों का नमन करते हुए आकाशदीप जलाने की शुरुआत पांच वैदिक आचार्यों ने मां गंगा के षोडशोचार पूजन से की। इसके बाद 101 दीपों को गंगा में प्रवाहित किया गया। इस दौरान वेद मंत्रों की गूंज होती रही। पीएसी बैंड की धुन के साथ मुख्य अतिथि महापौर अशोक तिवारी ने शहीदों की याद में आकाशदीप प्रज्ज्वलित किए।
जिन शहीद जवानों की याद में आकाशदीप जलाए गए उनमें स्व० भेदजीत सिंह, आरक्षी जनपद जालौन, स्व० संदीप निषाद, आरक्षी जनपद प्रयागराज स्व० राघवेंद्र सिंह आरक्षी जनपद प्रयागराज स्व० जसवंत सिंह, कानपुर, स्व० विपिन कुमार, पीएसी 12वीं बटालियन अलीगढ़, स्व० त्रिपाठी 25वीं बटालियन रायबरेली, स्व० वीरेंद्र नाथ मिश्रा उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, स्व० सुनील कुमार चौबे मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस, स्व० देवेंद्र मिश्रा पुलिस उपाधीक्षक, स्व० सुमित कुमार आरक्षी, स्व० उमाशंकर यादव आरक्षी के नाम शामिल हैं।
आश्विन पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक पुलिस और पीएसी के वीर शहीद जवानों की याद में जलाए जाने वाले आकाशदीप की शुरुआत के अवसर पर समिति के अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे ने बताया कि शहीदों की आत्माओं का मार्ग आलोकित करने के लिए गंगा के तट पर आकाशदीप रोशन किए जाते हैं। कार्तिक मास में दीपदान का विधान और विशेष महत्व है। कहा कि गंगा के घाट पर कार्तिक माह में जलता आकाशदीप इस बात का परिचायक है कि हमारे शहीदों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा की रोशनी कितनी उज्जवल है ।
इसके साथ ही काशी के दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, पंचगंगा घाट, गाय घाट समेत मुख्य घाटों पर लोगों ने बाकायदा पंडित से संकल्प कराकर अपने पित्तरों के लिए माहपर्यंत आकाशदीप जलाया।

आयोजन में प्रमुख रूप से पं० कन्हैया त्रिपाठी, गंगोत्री सेवा समिति के सचिव दिनेश शंकर दुबे, गंगेश्वरधर दुबे, डॉ संतोष ओझा, शांतिलाल जैन, संकठा प्रसाद, रामबोध सिंह आदि शामिल रहे। आयोजन का संचालन नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने किया

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *