एक झलक

अयोध्या के मंदिर में श्री राम के बाल स्वरूप के साथ विराजेंगे प्रभु के 10 अवतार

लखनऊ24 नवम्बर :श्री राम मंदिर भव्यता के साथ-साथ तकनीक के मामले में भी दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में से एक होगा। यहां रामलला की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को अभिजित मुहूर्त में पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। यह मूर्ति दुनिया में सबसे अनोखी होगी। यह दावा मूर्तिकार का है। मूर्ति में भगवान राम के अलावा श्रीहरि के 10 अवतारों के दर्शन होंगे।

तीन मूर्तिकार रामलला की तीन मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। इनमें से जो सर्वोत्तम होगी, उसे नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा। कर्नाटक के दो व राजस्थान के एक मूर्तिकार अलग-अलग मूर्तियां बना रहे हैं। मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय का दावा है कि वह जो मूर्ति बना रहे हैं, वह दुनिया में सबसे अनोखी होगी। किसी भी मंदिर में रामलला के ऐसा दर्शन प्राप्त नहीं होते होंगे। रामलला की मूर्ति बाल स्वरूप होगी, उनके चेहरे पर बाल सुलभ कोमलता झलके इसका पूरा प्रयास होगा।

उन्होंने बताया कि सबसे पहले रामलला की मूर्ति होगी। इसके पिछले हिस्से में छोटे आकार में भगवान श्रीहरि के 10 अवतारों की के दर्शन होंगे। इसके अलावा लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व हनुमान जी की भी मूर्तियां बनेंगी। मूर्ति के ऊपरी हिस्से में रामलला को आशीर्वाद देते हुए भगवान ब्रह्मा, शंकर जी, गुरु वशिष्ठ व विश्वामित्र की मूर्ति के भी दर्शन होंगे। ऐसी मूर्ति दुनिया में न तो किसी मंदिर में प्राणप्रतिष्ठित है और न ही किसी ने ऐसी मूर्ति आज तक बनाई है।

तीन घंटे पढ़ता हूं मानस, फिर शुरू करता हूं काम

राजस्थान के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय का कहना है कि मेरी कला की धन्यता यही होगी कि मेरी मूर्ति को रामलला के दरबार में प्राण प्रतिष्ठित किया जाए। पिछले 30 सालों में हजारों मूर्तियां बनाई हैं, लेकिन इस मूर्ति के निर्माण में कला कौशल का पूरा ज्ञान अर्पित करने की कोशिश है। हर दिन रामचरित मानस का तीन घंटे पाठ करता हूं। फिर रामलला की अर्चना के बाद ही मूर्ति निर्माण शुरू करता हूं। रामलला की छवि को आकार देना बिना उनकी कृपा के संभव नहीं है।

रामलला की मूर्ति की खास बातें

– 51 इंच की होगी रामलला की अचल मूर्ति
– पैडेस्टल समेत मूर्ति की ऊंचाई करीब सात फीट होगी।
– मूर्ति की चौड़ाई चार फीट व मोटाई ढाई फीट होगी।
– रामभक्तों को अचल मूर्ति के ही होंगे दर्शन।
– चल मूर्ति के रूप में वर्तमान मूर्ति होगी पूजित-प्रतिष्ठित
– उत्सवों में चल मूर्ति की निकाली जाएगी शोभायात्रा
– हर रामनवमी को सूर्य की किरणें करेंगी मूर्ति का अभिषेक

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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