राजनीति

अयोध्‍या से चुनाव लड़ना चाहते थे योगी आदित्‍यनाथ,भाजपा शीर्ष नेतृत्‍व ने रोका-सुरेश दास

अयोध्या30जनवरी: यूचुूनाव 2022 को लेकर हर दिन कुछ न कुछ नए खुलासे हो रहे हैं।इसी क्रम में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के आयोध्‍या से चुनाव लड़ने को लेकर उनके एक करीबी संत ने बड़ा खुलासा करने का दावा किया है। अयोध्‍या के दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ अयोध्‍या से ही चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन भाजपा का शीर्ष नेतृत्‍व ऐसा नहीं चाहता था।महंत सुरेश दास का कहना है कि सीएम योगी ने पार्टी नेतृत्‍व की इच्‍छाओं और निर्देशों का सम्‍मान करते हुए अयोध्‍या के बजाय गोरखपुर से ही विधानसभा का चुनाव लड़ना स्‍वीकार कर लिया।

बता दें कि अयोध्‍या में 27 फरवरी को पांचवें चरण के तहत मतदान होना है।राम मंदिर आंदोलन की हृदय स्थली दिगंबर अखाड़ा के महंत और मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले महंत सुरेश दास ने यह बयान देकर हलचल मचा दी है।उनके अनुसार मुख्यमंत्री का मन अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ने का था, मगर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व नहीं चाहता था कि वह अयोध्या से चुनाव लड़ें।यही कारण है कि पार्टी के निर्देश का सम्मान करते हुए उन्होंने गोरखपुर से चुनाव लड़ना स्वीकारा है।सुरेश दास का दावा है कि इस बात का भी मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह चाहे जहां से विधायक और मुख्यमंत्री हों मगर अयोध्या का विकास जारी रहेगा।

गौरतलब है कि दिगंबर अखाड़ा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु और दिगंबर अखाड़ा के पूर्व महंत राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस के समय से ही गहरी मित्रता रही है।राम मंदिर आंदोलन में जहां गोरक्ष पीठ ने अपना अहम योगदान दिया तो आंदोलन की हृदय स्थली दिगंबर अखाड़ा रहा। यहीं पर दोनों महंत राम मंदिर आंदोलन के लिए रूपरेखा तैयार करते थे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएम पद का भार ग्रहण करने के साथ ही दिगंबर अखाड़ा में अनवरत आते-जाते रहे और वहीं पर राम मंदिर फैसले से पूर्व संतों ने राम मंदिर को लेकर के मुख्यमंत्री से कई दौर की वार्ता भी की थी।राम मंदिर का फैसला आया और संत समाज मुख्यमंत्री को राम मंदिर निर्माण के साथ सिरोधार ले चुका है। करोड़ों राम भक्तों का बहुप्रतीक्षित स्वप्न साकार हो रहा है। ऐसे में संत समाज की मांग थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ें, जिससे कि अयोध्या को उसकी गरिमा के अनुरूप मुख्यमंत्री अपनी इच्छा अनुरूप विकसित कर सकें।

गौरतलब है कि अयोध्या के पांचों विधानसभा से भाजपा के ही विधायक थे और उन सभी विधायक को टिकट दोबारा दिया गया है हालांकि गोसाईगंज से बाहुबली विधायक इंद्र प्रताप तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को टिकट मिला है। वहीं बीकापुर से शोभा सिंह की जगह उनके पुत्र डॉ अमित सिंह चौहान को टिकट मिला है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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