पूर्वांचल

आईआईवीआर, वाराणसी में तीन दिवसीय क्षेत्रीय कृषि मेला का शुभारंभ:उधमिता विकास, वित्तीय साक्षरता एवं आय उन्नयन पर मंथन

वाराणसी 3 फ़रवरी: भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में शनिवार को तीन दिवसीय विशाल क्षेत्रीय कृषि मेला का शुभारंभ किया गया। उत्तर प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सूर्य प्रताप शाही उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग निर्देशन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों के हित में कार्य करने हेतु कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि आज न देश केवल खाद्य उत्पादन में आत्म निर्भर हो चला है बल्कि हम विदेशों में कृषि उत्पादों का निर्यात भी कर रहे है और उसके माध्यम से किसानों को आर्थिक मजबूती मिल रही है।

सात राज्यों यूपी, एमपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, उडीसा, हिमाचल प्रदेश के किसान सम्मिलित हुए

मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सक्रियता से किये जा रहे कृषि एवं किसान उपयोगी कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। नए कृषि विश्विद्यालयों की स्थापना, केवीके की स्थापना, विपणन प्रणाली में व्यापक सुधार, खाद्य प्रसंस्करण के अवदान शामिल हैं। समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. मंगला राय, पूर्व सचिव एवं महानिदेशक, आइसीएआर ने सेकेंडरी एग्रीकल्चर यानि उद्यागों के अवशेषों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से किसानों को लाभ पहुचाने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि बात तो जैविक फार्मिंग की होती है परन्तु अवशेषों के प्रसंसकरण के माध्यम से वेस्ट को वेल्थ में परिवर्तित करके किसानों को लाभ पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने सूक्ष्मजीवों के व्यापक प्रसार से मृदा स्वास्थ्य संवर्धन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों के साथ साथ कृषि संस्थानों एवं सरकार के नीतिनिर्माताओं को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, जैविक उत्पादों, खाद्यान्न भंडारण, कृषि विपणन, प्रसंस्करण एवं कृषि से स्वरोजगार जैसे मुद्दों पर चिंतन की आवश्यकता है। उपस्थित अतिथि आइसीएआर के उपमहानिदेशक डॉ. यू. एस. गौतम ने कृषि प्रसार एवं अभियांत्रिकी के विभिन्न उपायों द्वारा किसानों की आय उन्नयन हेतु उपयोग किये जाने पर जोर देते हुए कहा की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एवं ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से खेती का भविष्य बेहतर किया जा सकता है।

किसानों से परस्पर संवादात्मक शैली में है कृषि विमर्श

आइसीएआर के सहायक महानिदेशक डॉ. सुधाकर पाण्डेय ने कहा कि इस मेले में विभिन्न स्तरों पर किसानों के साथ सीधे संवाद किया जा रहा है, जिससे किसान वर्त्तमान की चुनौतियों से अवगत होने के साथ ही इनसे निपटने के तरीके भी सीख रहे हैं। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के किसानों का सम्मान भी किया गया और पुरस्कार वितरण किया गया। आइसीएआर हेड क्वार्टर से कई प्रमुख अधिकारी सम्मिलित हुए.
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रधान वैज्ञानिक डॉ नीरज सिंह ने किया। उद्घाटन सत्र में विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के निदेशकों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ ही छात्र छात्राएं, किसान, उद्यमी, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं सम्मिलित रहीं।

बागवानी, जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ड्रोन तकनीकियों पर विशेष सत्र:*8 तकनीकी सत्रों में कृषि विशेषज्ञों से किसानों का सीधा संवाद

किसान मेला के पहले दिन कृषक-वैज्ञानिक संवाद के रूप में पहला सत्र आयोजित किया गया जिसके अध्यक्ष बीज अनुसंधान संस्थान, मऊ के निदेशक डॉ संजय कुमार रहे. इस सत्र में श्री अन्न के पोषण एवं उत्पादकता से आय संवर्धन पर हैदराबाद स्थित भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र चपके ने किसानों से संवाद किया. साथ ही आइआइवीआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस के सिंह ने पर्यावरण हितैषी कार्बनिक (जैविक) कृषि पर चर्चा किया। सत्र के समन्वयक आइआइवीआर के वैज्ञानिक  अनुराग चौरसिया रहे. दूसरे तकनीकी सत्र “उन्नत कृषि उत्पादन प्रणाली” में उपकार के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में कृषि शोध एवं शिक्षण पर परिचर्चा प्रस्तुत किया. भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर के विभागाध्यक्ष डॉ नरेन्द्र कुमार ने मृदा उर्वरता एवं पोषण सुरक्षा में दलहनी फसलों के योगदान पर किसानों को विस्तार से बताया. भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के डॉ. वी पी सिंह ने गन्ना उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रतन तिवारी ने गेंहूं की पोषकतायुक्त फसल के उत्पादन पर किसानों को जानकारी दी. सरसों अनुसन्धान निदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार ने तिलहनी फसलों की खेती और इरी की डॉ उमा महेश्वर ने धान की खेती के वैज्ञानिक पहलुओं पर व्याखान दिया. दूसरे सत्र में डॉ पी के राय अध्यक्ष, डॉ. संजय सिंह सह-अध्यक्ष एवं डॉ सुदर्शन मौर्य समन्वयक के रूप में उपस्थित थे।
इससे पूर्व उद्घाटन कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन के साथ ही देवी सरस्वती की आराधना स्वरूप गीत प्रस्तुत किया गया। जिसे स्वर दिया निवेदिता शिक्षा सदन के संगीत आचार्यों डॉ पूनम शर्मा, श्री कैलाश जी, एवं पद्मा पाठक के साथ छात्राओं वेदिका, ख़ुशी, पलक, चांदनी ईवा, चांदनी के द्वारा। आइसीएआर गीत के साथ समारोह का प्रारंभ किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ तुषार कान्ति बेहेरा ने प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए मेले की प्रासंगिकता पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला और संस्थान द्वारा कृषक हितों में सतत रूप से कार्य करते रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *