एक झलक

गौ माता भारतीय धर्म-संस्कृति की आत्मा, इनकी रक्षा से ही राष्ट्र रक्षा

ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ जी महाराज ने गंगा और रामा गौ पूजा के साथ दोहराया गौ माता को राष्ट्र माता बनाने का संकल्प.

प्रयागराज3 फ़रवरी :परामाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ जी महाराज ने माघ मेला क्षेत्र में गंगा पूजन कर गौ माता को राष्ट्र माता बनाने का संकल्प दोहराया। शनिवार की दोपहर उन्होंने संत-महात्माओं, अपने भक्तों एवं अनुयायियों के साथ मां गंगा का विधि-विधान से पूजन अर्चन किया।

उन्होंने गौ रक्षा और गौ माता को राष्ट्र माता का आसन प्राप्त कराने के निमित्त किए गए संकल्प की पूर्णता के लिए माँ गंगा से कामना की।
गंगा पूजन के लिए जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ जी महाराज स्वयं भूमि पर आसीन हुए।
विशिष्ट वैदिक मंत्रों के उच्चारण के मध्य गंगा पूजन के विधान पूर्ण किए। पूजन के दौरान उन्होंने समाज और राष्ट्र के समग्र कल्याण के लिए माँ गंगा से प्रार्थना की। तत्पश्चात उन्होंने रामागौ माता की पूर्ण तन्मयता के साथ पूजा करते हुए अपने संकल्प से उपस्थित जन मानस को परिचित करवाया। पूजन कार्य तीर्थ पुरोहित पण्डित पशुपतिनाथ तिवारी, पण्डित दिवाकर शास्त्री ने पूर्ण कराया।
गौ-गंगा पूजन के समय महामंडलेश्वर सहजानंद जी, जगदीशानंद जी महाराज, स्वामीश्री भगवान् जी, ब्रह्मविद्यानंद जी महाराज, मेला संयोजक राम सजीवन शुक्ल, डॉ. शैलेंद्र योगीराज सहित अनेकानेक अनुयायी, संत- पुरोहित, महात्मा और दर्शनार्थी भारी संख्या में उपस्थित रहे।
गौ-गंगा पूजन के पश्चात शिविर में उपस्थित श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों को शंकराचार्य प्रभु द्वारा दर्शन-प्रसाद एवं भोग का क्रम चलता रहा।
पूजन के उपरांत अपने विशेष संदेश में परामाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ जी महाराज ने कहा कि गौ माता भारतीय धर्म-संस्कृति की आत्मा हैं। गौ माता का पालन करके भारतीय समाज सर्वभांति आर्थिक उन्नयन प्राप्त कर सकता है। गौ से प्राप्त होने वाले प्रत्येक अवयव मनुष्य मात्र के कल्याण का हेतु हैं। उनका दूध तो अमृत है ही। गोमूत्र और गोबर भी किसी औषधि से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए थे लेकिन वे सारे लोग सुरक्षित बच गए थे जिनके घर गाय के गोबर से लीपे हुए थे। जिस गौ माता का गोबर इतना चमत्कारी है उनके दूध में कितनी शक्ति होगी इसका अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है। दुर्भाग्यवश कुछ कुटिल प्रकृति के लोग हमारे भारतीय गोवंश का सत्यानाश करने पर लगे हुए हैं। उनके मांस का कारोबार करके अधिक से अधिक धन अर्जित करने की फिराक में लगे लोग भारतीय मूल गायों का संकरीकरण करने पर अमादा है। हमें न सिर्फ गाय के मांस का कारोबार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाने के लिए अभियान चलाना है बल्कि गौ माता के संकरीकरण को भी रोकना है। जब हम गौ माता की रक्षा करने के लिए तत्पर होंगे तभी हम राष्ट्र रक्षा की ओर भी अपने कदम बढ़ा सकेंगे।
चार फरवरी को परामाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामि श्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ जी महाराज गौ सेवकों को लेकर मेले के भ्रमण पर निकलेंगे। ये भ्रमण शिविर में रह रहे कल्पवासियों दरश्नार्थियों एवं नगरवासियों को गौ माता के रक्षणार्थ प्रेरित करने और उनसे गौ माता को राष्ट्र माता के रूप में प्रतिष्ठित कराने हेतु आह्वाहन होगा।

चार फरवरी को माघ मेला क्षेत्र में गौ सेवकों के साथ भ्रमण कर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ जी महाराज कल्पवासियों को गौ माता के रक्षणार्थ प्रेरित करेंगे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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