आधी रात तक मंथन करते रहे अमित शाह और योगी, जानिए BJP की बैठक का निष्कर्ष
13जनवरी2022
उत्तर प्रदेश 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ताबड़तोड़ बैठक कर रही है. उत्तर प्रदेश में जारी सियासी उठा-पटक को देखते हुए यूपी चुनाव की कमान अब खुद अमित शाह ने संभाल ली है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोर कमेटी ने बुधवार को नई दिल्ली में एक और मैराथन बैठक की, जिसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई. समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बात की जानकारी दी.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बीजेपी मुख्यालय में यह बैठक हुई. यूपी चुनाव को लेकर मंथन का दौर 14 घंटे तक चलता रहा और गुरुवार को 1.35 बजे समाप्त हुआ. इससे पहले मंगलवार को कोर कमेटी की पहली बैठक हुई थी, जो 10 घंटे तक चली. एएनआई ने बताया कि बैठक में मौजूद नेताओं ने 172 सीटों के लिए उम्मीदवारों को भी अंतिम रूप दिया, जहां यूपी चुनाव के पहले तीन चरणों में मतदान होगा। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बैठक में मौजूद नेताओं ने 172 सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट को भी अंतिम रूप दिया, जहां यूपी चुनाव के पहले तीन चरणों में मतदान होगा.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, इन नामों पर गुरुवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में चर्चा की जाएगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. एएनआई ने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद सीट बंटवारे के सौदे की भी घोषणा की जाएगी. इस मामले से अवगत पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि बुधवार की बैठक में जिन निर्वाचन क्षेत्रों पर चर्चा की गई, उनमें अयोध्या है, जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम प्रस्तावित किया गया है.
केशव प्रसाद मौर्य, बीजेपी यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और यूपी महासचिव (संगठन) सुनील बंसल मौजूद थे. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पांच बार सांसद हैं और गोरखनाथ मठ के प्रमुख भी हैं. वह वर्तमान में राज्य की विधान परिषद के सदस्य हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सहयोगी दलों में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी मौजूद थे. उनके अलावा, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल भी मौजूद थीं. इन्होंने सीट बंटवारे पर चर्चा की. भाजपा ने पिछले साल सितंबर में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के साथ गठबंधन की घोषणा की थी, जो राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मछली पकड़ने वाले समुदाय (मल्लाह) का प्रतिनिधित्व करता है.