राजनीति

घोसी उपचुनाव की हार से बीजेपी का बड़ा सबक के बाद रणनीति में बदलाव का लिया फैसला

लखनऊ12 सितंबर :घोसी विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने भाजपा को नये सिरे से सोचने को मजबूर कर दिया है। पार्टी ने मिशन-2024 के मद्देनजर अब अपनी रणनीति बदलने का फैसला किया है। भगवा खेमा अब ऐसे किसी विधायक को पार्टी में शामिल नहीं कराएगा, जिसे इस्तीफा दिला कर फिर से उपचुनाव कराने की स्थिति बने। पार्टी के इस फैसले ने ऐसे कई विधायकों की एंट्री पर ब्रेक लगा दिए हैं, जो बीते काफी दिनों से संपर्क में थे और उनके कभी भी पाला बदलने की संभावना थी। भाजपा ने 2024 में यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। दरअसल, पार्टी दूसरे राज्यों में होने वाले नुकसान की भरपाई भी यूपी से करना चाहती है। इसी रणनीति के तहत भगवा दल अपना कुनबा बढ़ाने में जुटा है। मगर चुनाव पूर्व दलबदल करने वाले दारा सिंह चौहान की वापसी और फिर उन्हें घोसी सीट पर उपचुनाव लड़ाने का फैसला उल्टा पड़ गया। दारा सिंह की अलोकप्रियता उनके साथ ही भाजपा को भी भारी पड़ गई। वैसे दारा विधानसभा चुनाव पूर्व भाजपा छोड़ने वाले तीन मंत्रियों में अकेले थे, जो चुनाव जीत गए थे। मगर अब उनका नाम भी स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी की फेहरिस्त में शामिल हो गया है। यह अलग बात है कि करारी शिकस्त के बावजूद उन्हें फिर समायोजित करने की चर्चाएं तेज हैं। मगर भाजपा ने घोसी के नतीजों से इतनी सीख जरूर ले ली है कि अब कहीं कोई उपचुनाव के हालात पार्टी पैदा नहीं होने देना चाहती। दरअसल, घोसी में न सिर्फ पार्टी को हार का सामना करना पड़ा बल्कि सपा और नये बने ‘इंडिया’ गठबंधन को खुश होने का मौका दे दिया है। वहीं यह संदेश भी गया है कि कार्यकर्ता और समर्थक वोट बैंक ऊपर के हर फैसले को सिर माथे नहीं लेने वाले। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा फिलहाल कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। पार्टी नतीजों से सबक लेते हुए नये सिरे से अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। दारा सिंह चौहान की ही तर्ज पर चुनाव पूर्व पार्टी छोड़ने वाले पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी भी भाजपा में वापसी चाहते हैं। बीते दिनों पार्टी के एक धड़े ने मामला पका भी दिया था, किंतु ऐन मौके पर सीएम की ना के बाद सैनी के काफिले को उल्टा लौटना पड़ा था। तब से कई बार उन्हें फिर पार्टी में लाने की चर्चाएं उठती हैं।
इस बीच आयुष घोटाले में भी उनका नाम उछला था। हालांकि उन्होंने इस घोटाले से कोई संबंध न होने की सफाई भी दी थी। सिर्फ सैनी ही नहीं, पूर्वांचल की एक महिला विधायक और मध्य यूपी के एक कद्दावर सपा नेता के भी भाजपा में जल्द शामिल होने की चर्चा थी। मगर घोसी के नतीजों ने फिलहाल हालात बदल दिए हैं। हालांकि दूसरे दलों के मजबूत चेहरों को भाजपा में शामिल कराने का पार्टी का अभियान अभी भी जारी रहेगा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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