एक झलक

ज्ञानवापी पर वैज्ञानिक बोले- अगर इसका एक ताला खोल दें, आधा मंदिर मिल जाएगा, तहखाने में हैं हजारों साक्ष्य, GPR से बिना खुदाई पता चलेगा

वाराणसी 5 अगस्त :ज्ञानवापी परिसर में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना खुदाई कराए ही वैज्ञानिक सर्वे की बात कही है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि यदि खुदाई करनी भी होगी तो कोर्ट के आदेश लेकर ही करेंगे। अब लोगों का यह कहना है कि क्या बिना खोदे वैज्ञानिक सर्वे किया जा सकता है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आर्कियोलॉजिस्ट और भू-वैज्ञानिकों से इस सर्वे के बारे में उनका मत जाना गया तो इसमें दो बातें सामने निकलकर आईं। एक बिना किसी वैज्ञानिक सर्वे के भी मंदिर का प्रमाण अंदर से निकाला जा सकता है। दूसरी बात यह कि वैज्ञानिक सर्वे ऐसा होता है कि एक इंच मिट्टी नहीं खोदी जाएगी। लेकिन, अंदर क्या है? उसके साइज, शेप और टाइप का पूरा ग्राफिक्स कंप्यूटर में तैयार करके पेश किया जा सकता है।

BHU के पूर्व भूगोलवेत्ता और ज्ञानवापी पर कई रिसर्च पब्लिश कर चुके प्रो. राणा पीबी सिंह का मत है कि अंदर का तहखाना ही खोल दें, तो मंदिर होने के हजारों प्रमाण मिल जाएंगे। उन वैज्ञानिक सर्वे तो दूर की बात है। 2-4 फीट की ही खुदाई करने से देश में राजनीतिक तमाशा खड़ा हो जाएगा। इन दिनों जहां पर नमाज होती है, उसके नीचे तो मंदिर का आधा भाग है। शिव मंदिर का पूरा का पूरा गर्भ गृह है। प्रो. सिंह बताते हैं कि 1952 के बाद कभी भी वो अंडरग्राउंड नहीं खुला। जबकि, उसी में सारे साक्ष्य हैं। वैज्ञानिक सर्वे करने की तो नौबत ही नहीं आती। बस तहखाने की चाबी दे दी जाए।

प्रो. सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार तो सबको दिखता है, लेकिन तहखाने में जाने की बात क्यों नहीं करता। वहां पर मंदिर के सभी जीते-जागते साक्ष्य हैं। 1937 में दो इतिहासकारों ने ज्ञानवापी परिसर के तहखाने और पश्चिमी दीवार का सर्वे किया था। उसमें भी काफी हिंदू मंदिर के साक्ष्य पता चले थे। अंदर लाइट की व्यवस्था करके जाइए, खूब सारे प्रमाण मिलेंगे।

प्रो. राणा पीबी सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी के अंडरग्राउंड में स्वास्तिक, त्रिशूल, मगरमच्छ, शिवलिंग का चिन्ह, लक्ष्मी प्रतिमा के अवशेष, कमलदल चिन्ह, सूंड के कटे भाग आदि हैं। हजारों खंडित मूर्तियां हैं। अंदर तंत्र विद्या की काफी चीजें अंदर बताई गई हैं। इसका स्कैच भी एक कलाकार ने बनाया था। लक्ष्मी की टूटी हुई मूर्ति निकली। नीचे का अंडरग्राउंड वाला भाग कभी खोला नहीं गया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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