ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओ ने भेजा स्वामी प्रसाद मौर्या को बुरखा
वाराणसी 25 सितंबर :ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एक बैठक कर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों की भर्त्सना करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की राजनीति को देश के लिए विभाजनकारी बताया। संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने बताया की भाजपा से स्वामी प्रसाद मौर्य का जुड़ना और अलग होना दोनों की घटनाएं स्वार्थवश हुई ना कि जनता के हित के लिए। स्वामी प्रसाद मौर्य जो कि भाजपा सरकार में मंत्री रहते हुए जय श्री राम के नारे लगाते थे, अब गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस भगवान राम और हिंदू समाज को गाली दे रहे हैं।हिन्दू समाज ने शुरुआती बयानों को राजनैतिक विषय मानकर नजरअंदाज किया परंतु स्वामी प्रसाद मौर्य की लगातार जहर उगलने की आदत के कारण हिंदू समाज अब अपनी आस्था और सम्मान के प्रतीकों का अपमान अनुभव कर रहा है। यह हिन्दू समाज ही है जिसके वोटों की भीख से स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे राजनीति के दीमक पलते हैं। संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य के धूर्त और हिन्दू समाज विरोधी बयानों के कारण ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद् उनके लिए ‘बुरखा’ भेज रहा है जिसे पहनकर वो अपनी वास्तविक पहचान के साथ देश के हिन्दू समाज के सामने प्रस्तुत हो।
अभिषेक निगम ने स्वामी प्रसाद मौर्य के परिवार की राजनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि पिता पुत्री भाजपा ,संघ , हिन्दू समाज ,भगवान राम को गाली दे रहा है और बेटी भाजपा की सदस्य बनी हुई है। इसे भाजपा शीर्ष नेतृत्व को विचार करते हुए संघमित्रा मौर्य की भी भाजपा की सदस्यता निरस्त की जानी चाहिए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी नहीं चेते तो उनके पुतले का दहन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार से स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा हिन्दू विरोधी नारे के खिलाफ ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद कार्यवाही की मांग करता है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रतीक सराफ, पतंजलि पाण्डेय, जुलुम सिंह, अजीत जायसवाल, अंशुमान रघुवंशी मौजूद रहे।