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नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलीयन डाॅलर बनाने में ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग के कार्यदायित्वों की समीक्षा

लखनऊ23 फरवरी:प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने मुख्यमंत्री के संकल्प एवं निर्देशों के क्रम में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2027 तक वन ट्रिलीयन डाॅलर तक ले जाने में ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग के कार्यदायित्वों की समीक्षा की। ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि वर्ष 2027-2028 तक में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलीयन डाॅलर बनाने के लिए एग्रीकल्चर, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थ, सर्विस सेक्टर, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि सभी क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग बढ़ेगी, इस बढ़ी हुई मांग को निर्बाध रूप से पूरा करने के लिए रिन्यूएवल एनर्जी, ग्रीन एनर्जी के साथ थर्मल पावर के उत्पादन पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा।

ए.के. शर्मा आज शक्ति भवन में अपने दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ प्रदेश को वन ट्रिलीयन डाॅलर इकोनामी बनाने के रोडमैप पर दोनों विभागों के कार्यदायित्वों पर चर्चा की और कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश के विकास में ऊर्जा जरूरतें वहां के इकोनाॅमी ग्रोथ के इंजन के रूप में कार्य करती हैं। हमें अपने प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था को हर हाल में सुदृढ़ एवं पूरी तरह से मांग के अनुरूप बनाना होगा। ग्रीडों का आधुनिकीकरण कर क्षमता बढ़ानी होगी। आधारभूत संरचना को मजबूत करना होगा। इसके लिए आवश्यक तकनीकी जरूरी संसाधन तथा वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाय, जिससे कि ऊर्जा विभाग अपनी जिम्मेदारियों को पूर्णतया निभा सके।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 तक 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। प्रदेश में 3630 मेगावाट के सोलर पार्क भी बनाये जा रहे। बुन्देलखण्ड में 04 हजार मेगावाट का ग्रीन एनर्जी ट्रांसमिशन काॅरीडोर का निर्माण हो रहा। विद्युत व्यवस्था के ढांचागत सुधार के लिए आरडीएस योजना के तहत 16000 करोड़ रूपये के कार्य युद्धस्तर पर चल रहे। आगामी कुछ वर्षों में कई थर्मल पाॅवर प्लांट से भी बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा। ग्रीन हाइड्रोजन प्रतिवर्ष वन मिलीयन मिट्रिक टन उत्पादन का भी लक्ष्य है। बायो एनर्जी पर 5005 करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट धरातल पर उतारे जाने हैं। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में घरेलू उपभोग में बिजली की खपत सर्वाधिक 47 प्रतिशत है जबकि औद्योगिक क्षेत्र में 15 प्रतिशत, कृषि क्षेत्र में 20 प्रतिशत और वाणिज्यिक क्षेत्रों में 07 प्रतिशत विद्युत का उपभोग है। प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ने से विद्युत की मांग भी बढ़ेगी। इन सबको ध्यान में रखकर रणनीति बनायी जाय।

नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने आगामी वर्षों में नगरीय क्षेत्रों में शहरी आबादी के अनुपात में नई टाउनशिप बनाने, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी बढ़ाने, जलापूर्ति, रोडमैप, साफ-सफाई, अन्डरग्राउन्ड केबलिंग, रेवेन्यू जनरेशन तथा क्वालिटी आॅफ लाइफ बढ़ाने आदि कार्यों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन ट्रिलीयन डाॅलर अर्थव्यवस्था को ऊर्जीकृत करने में ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। शहरों के आधारभूत संरचनाओं के विकास, नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने, वाटरबेस्ट एण्ड साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर बेहतर कार्य करने पर बल देना होगा। ग्रे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भी योजना बनानी होगी। उन्होंने कहा कि पार्कों, चैराहों, स्मारकों, ऐतिहासिक स्थलों की साफ-सफाई, सुन्दरीकरण और अनुरक्षण के कार्यों के लिए पब्लिक पार्टनरशिप व संस्थानों का भी अधिक से अधिक सहयोग लेने का प्रयास किया जाय। टेलीफोन के तारों, आप्टिकल फाइवर के मकड़जाल को व्यवस्थित करें। उन्होंने सीएम ग्रीड योजना के तहत 12 मीटर से ऊपर की सड़कों, सिग्नेचर रोड पर विद्युत लाइनों को अन्डरग्राउण्ड करने के कार्यों पर नियोजित ढंग से कार्य किया जाय, जिससे कि विद्युत लाइनें किसी भी प्रकार की समस्या न पैदा हो।

बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, चेयरमैन यूपीपीसीएल आशीष गोयल, सचिव नगर विकास अजय कुमार शुक्ला, प्रबंध निदेशक पी0 गुरूप्रसाद, पंकज कुमार, निदेशक स्थानीय निकाय नितीन बंसल, विशेष सचिव राजेन्द्र पेन्सिया, अमित सिंह, निदेशक नेडा अनुपम शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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