एक झलक

सीएम योगी का बड़ा फैसला- यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा रद्द करने के दिए निर्देश

लखनऊ 24 फरवरी :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 17 व 18 फरवरी को आयोजित पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त करते हुए अगले 06 माह के भीतर पूरी शुचिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उक्त परीक्षा के संबंध में जारी एसटीएफ की जांच और अब तक की कार्यवाही की समीक्षा करते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ और परीक्षा की शुचिता से समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने परीक्षा निरस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया है। जारी आदेश के मुताबिक दिनांक 17 व 18 फरवरी, 2024 को सम्पन्न हुई पुलिस भर्ती परीक्षा के संबंध में प्राप्त तथ्यों एवं सूचनाओं के परीक्षण के आधार पर शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों के दृष्टिगत इस परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। शासन ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिए है कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। शासन ने प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराये जाने का निर्णय लिया है, दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों अथवा संस्थाओं के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई किये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन ने छह माह के अन्दर पूर्ण शुचिता के साथ पुनः परीक्षा आयोजित करने तथा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा से अभ्यर्थियों को निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया साइट पर कहा कि आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी छह माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है। इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के लिए 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा के दौरान कृष्णानगर स्थित एक स्कूल में परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार के पास मिली सवालों के जवाब की पर्ची से पेपर लीक होने की आशंका जताई गई थी। एफआईआर दर्ज कराने वाले इंस्पेक्टर ने भी तहरीर में सुनियोजित तरीके से पेपर लीक होने की बात लिखी थी। वहीं, परीक्षार्थी को सवालों के जवाब व्हाट्सएप पर भेजने वाले आरोपी नीरज को अब तक पुलिस नहीं पकड़ सकी है। आरोपी नीरज को प्रश्नों की जानकारी कहां से मिली, यह अहम सवाल अभी तक अनसुलझा है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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