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बनारस की मिठाइयों को अब मिलेगी राष्ट्रीय पहचान,बनास काशी संकुल में बनेंगा लाल पेड़ा और लौंगलता

वाराणसी 14 फरवरी :23 फरवरी को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी वाराणसी में नवनिर्मित बनास काशी संकुल का लोकार्पण करेंगे जो पूर्वांचल के लिए सहकार से समृद्धि की तरफ बड़ा कदम होंगा। गुजरात में किसान एवम पशुपालकों के लिए समृद्धि को यथार्थ में बदलने वाला यह मॉडल उत्तरप्रदेश की सहकारिता को मजबूत बनाएगा। बनाऱस काशी संकुल में न सिर्फ़ दूध प्रोसेसिंग किया जाएगा बल्कि दूध में से यहां की सुप्रसिद्ध मिठाइयां जैसे की लाल पेड़ा और लौंगलत्ता भी बनेगा जो कि अमूल के ब्रांड से बाजार में उपलब्ध होंगी। इससे बनारस की इन मिठाइयों को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

बनाऱस डेरी ने बनास काशी संकुल में प्रतिदिन 10,000 किलोग्राम क्षमता की पारंपरिक भारतीय मिठाइयों के निर्माण की अत्याधुनिक सुविधा स्थापित की है। इस संयंत्र में विभिन्न मिठाइयाँ जैसे लाल पेड़ा, लौंगलता, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, रसमलाई, रबड़ी, काजू कतली, मिल्क केक, रसगुल्ला और गुलाबजामुन को बनाया जाएगा। इन सभी मिठाइयों का निर्माण यथासंभव स्वचालित रूप से सबसे स्वच्छ वातावरण और उपकरणों में किया जाएगा, ताकि मिठाई की लगातार गुणवत्ता, सेल्फ लाइफ और पारंपरिक स्वादको सुनिश्चित किया जा सके। विभिन्न मिठाइयों की पैकिंग उपभोक्ता की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न SKU में की जाएगी। मिठाइयों की ताजगी, सेल्फ लाइफ और उपभोक्ताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए लालपेड़ा, लड्डू, लौंगलता और काजू कतली के लिए सिंगल सर्व पैकिंग की शुरुआत इस प्लांट से की जा रही है| वाराणसी की प्रसिद्ध मिठाईयों को अमूल ब्रांड के तहत राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया जाऐगा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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