एक झलक

भारत का एक ऐसा मंदिर जिसे इंसानों ने नहीं बल्की भूतों ने बनाया है ककनमठ महादेव मंदिर

12 जुलाई 2023
भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जैसे इंसानों ने नहीं बल्कि भूतों के द्वारा बनाया गया आज तक के पत्थर कहीं नहीं मिले हैं जो इस मंदिर में प्रयोग किए गए इसके वास्तुकला को देखकर बड़े-बड़े इंजीनिय उंगली दांतो तले दबा लेते हैं।

ग्वालियर राज्य से लगभग 70 किलोमीटर दूर मुरैना जिले में सिहोनिया स्थित ककनमठ मंदिर देश विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र बना हुआ है ! कभी सिंहपानिया नगर कहा जाने वाला सिहोनिया विश्व पर्यटक के मानचित्र में इसी मंदिर के नाम से जाना जाता है !

खुजराहों शैली मेंहुआ है इस मंदिर निर्माण

यह मंदिर उत्तर नागर शैली में बना है इस शैली को उत्तर नागर शैली के नाम से भी जाना जाता है ! आठवीं शताब्दी के दौरान मंदिरों का निर्माण नागर शैली में ही किया जाता रहा ककनमठ मंदिर उत्तर नागर शैली का उत्कृष्ट नमुना है !

अद्भुत नमुना : यह मंदिर जीन पथ्थरों से बना है वह पथ्थर आज तक भारत के किसी कोने में देखने को भी नहीं मिला यह मंदिर कैसे बना है, इस बात का जबाब अच्छे-अच्छे इंजीनियरस के पास नहीं है ! यह विशाल और अद्भुत मंदिर वाकई किसी अजुबे से कम नहीं है इन मंदिरों के पत्थरों के बीच न तो कोई चुना है और न ही सीमेंट सारे पत्थर एक के उपर एक कतारबद्ध हैं ! अंदर से मंदिर का दृश्य देखना वाकई अद्भुत है !

भूतों के द्वारा बनाया गया है यह मंदिर

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भूतों ने एक रात में ही कर दिया था, लेकिन इसे बनाते-बनाते सुबह हो गई और भूतों को काम अधुरा छोड़ कर जाना पड़ा आज भी इस मंदिर को देखने में कुछ ऐसा ही लगता है कि इस मंदिर का निर्माण अधुरा रह गया था ।

जाने इस मंदिर का इतिहास।

इतिहासकारों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण 11 शताब्दी में #कुशवाहा ( कच्छघात ) वंश के राजा कीर्तिराज ने करवाया था ! 1000 वर्ष पहले सिहोनिया कुशवाहा ( कच्छवाहा ) राजपूतों की राजधानी हुआ करती थी ! यहां के महान राजा कीर्तिराज परम शिवभक्त थे राजा कीर्तिराज कि पत्नी भी भगवान शिव की अनन्य भक्त थीं ! और उनका नाम ककनावती था, और उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम ककनमठ मंदिर पड़ा उस समय आस पास कोई शिवालय न होने से रानी को शिव उपासना में दिक्कत होती थी ! तब रानी के कहने पर राजा कीर्तिराज_कच्छवाहा ने इस अद्भुत मंदिर का निर्माण करवाया था ।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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