मंदिर में लगने वाले सभी पत्थरों की बनाई गई कुंडली,2024 मकर संक्रांति तक रामलला गर्भगृह में होंगे विराजमान
अयोध्या25अक्टूबर :रामलला के गर्भगृह का निर्माण तेज गति से आगे की तरफ बढ़ रहा है। इसे दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना है।जिससे 2024 के मकर संक्रांति रामलला अपने भव्य स्थाई महल में विराजमान हो सके। मंदिर का निर्माण करने वाले स्ट्रक्चरल इंजीनियर गिरीश सहस्र भोजनी ने बताया सफेद मार्बल के पत्थर श्री रामलला का गर्भगृह तैयार किया जा रहा है । कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से फर्श में लगने वाले ग्रेनाइट के पत्थरों को मंगाया गया है। यह पत्थर बहुत ही मजबूत होते हैं। उन्होंने बताया कुल 17000 पत्थरों को बिछाकर फर्श तैयार कर ली गई है। जमीन से फर्श को 25 फुट ऊपर बनाया गया है।बताया गया कि 380 स्क्वायर फीट के अष्टकोण आकार का गर्भगृह होगा। उन्होंने बताया निर्माणाधीन गर्भगृह में कॉपर के पाइप पर रामलला का ध्वज लहरा रहा है। उसी स्थान पर भगवान की मूर्ति विराजमान होनी है। उन्होंने बताया मंदिर में लगने वाली सभी पत्थरों पर क्यू आर कोड पड़े हैं। जिससे एक -एक पत्थर कहां- कहां लगे हैं। इसकी जानकारी इंजीनियर के हमेशा के लिए कैद कर कुंडली बना ली गई है।