विद्युत विभाग:प्रयागराज कुम्भ-2019 घोटाले की फ़ाइल चेयरमैन के दरबार मे, जांच रिपोर्ट में 23 दोषी इंजीनियरो पर नही हुई कोई कार्यवाही,एक आरोपी को निदेशक पद पर किया गया चयनित,पूर्वान्चल में तैनात
वाराणसी 29अप्रैल :भ्र्ष्टाचार और घोटाले की सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन में प्रयागराज में सम्पन्न हुए कुम्भ-2019 मेले में विभाग द्वारा संपादित किये गए कार्यों में लगभग 1250 लाख से ज्यादा के घोटाले की लापता फाइल UPPCL के चेयरमैन एम देवराज के दरबार मे। जांच रिपोर्ट में 23 दोषी अधिकारियों पर आज तक कोई कार्यवाही न होना विभाग में भ्रष्टाचार औऱ भ्रष्टाचारियो को बढ़ावा देना और सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के विपरीत है।
#चेयरमैन की स्वछ छवि पर प्रश्नचिन्ह
UPPCL के चेयरमैन के छवि ईमानदारी अधिकारियों में होती है परंतु कुछ दिन पहले ही मा०ऊर्जामंत्री अरविंद कुमार शर्मा के द्वारा निदेशको के चयन में भ्रष्टाचार की शिकायत पर मा०मुख्यमंत्री जी ने चेयरमैन द्वारा चयनित 14 निदेशको की नियुक्ति रद्द कर दी,जो खबर विभाग में चर्च का विषय बनी हुई है।
इस फ़ाइल की भी लापता होने की खबर विभाग में सुर्खियों में रही,क्योंकि फाइल लापता नही बल्कि भ्र्ष्टाचारीयो ने इसे अपने भ्र्ष्टाचार से कमाई दौलत के बलपर गुमनामी के कुएं में डलवाकर दफन करने की तैयारी कर रखी थी पर उपभोक्ता की आवाज की खबर के बाद जुलाई 2022 में पूरी फ़ाइल शक्तिभवन मुखिया के दरबार मे पहुच चुकी है सूत्रों की माने तो इस कुम्भ घोटाले में शामिल कुछ आरोपी सेवानिवृत्त हो गए तो ज्यादातर प्रमोशन पा चुके है।
#एक आरोपी निदेशक,वाणिज्य के पद पर चयनित हो चुके है वर्तमान में पूर्वान्चल, डिस्कॉम में तैनात है
#कई सौ करोड का पकड़ा गया घोटाला
#कुम्भ मेला-2019 के कार्य निष्पादन की 7 इकाइयो की हुई जांच
मेले में किये जाने वाले कार्यो के स्वीकृत प्राकल्लन, निष्पादित अनुबंध, निष्पादित प्राकल्लन, जमा योजना के संबंध में अस्थाई मेला इकाई के सम्बंधित विभागों द्वारा प्राप्त धनराशि के सापेक्ष बिना अनुमोदन के कई सौ करोड़ रुपये अपने स्तर से किये गये खर्च की जांच औऱ निष्पादित प्राकल्लन, प्राविधानिक कार्य के सापेक्ष कई सौ करोड़ अधिक के कार्य निविदा निस्तारित करने की जांच औऱ जमा योजनाओं में जमा रुपये के सापेक्ष ज्यादा रुपये के कार्य कराए जाने की जांच में हजारों करोड़ों के घोटाला पकड़ा गया।
#जांच रिपोर्ट में लगभग 1250 लाख से ज्यादा की धनराशि का निकला पूरा घोटाला।
प्राकल्लन,निविदा,आहरण-वितरण में मनमानी
कुम्भ-2019 में सम्पादित किये गए कार्यों का स्वीकृत प्राकल्लन औऱ निष्पादित प्राकल्लन की गणना में लगभग 20 प्रतिशत की सुपरविजन, टी.एन. पी.औऱ कॉन्टेन्जेन्सी चार्जों की गणना न कर लगभग 4000 लाख का विभाग को चूना लगाया। मनमाने तरीके से आहरण-वितरण अधिकारी द्वारा लगभग 6500 लाख की धनराशि बगैर पूर्वांचल मुख्यालय के अनुमोदन के अपने तऱीके से खर्च कर भ्रष्टाचार के गोते लगाये। प्राविधानिक कार्यो के सापेक्ष निस्तारित निविदाओं में लाखों का भ्रष्टाचार किया गया। कराए गए कार्य के लिए निष्पादित प्राकल्लन में सामग्री के मूल्यों की गणना कारपोरेशन के रेस्पो रेट वर्ष 18-19 के अनुसार न कर वर्ष 17-18 के रेट से कर लगभग 2000 लाख का चूना लगया।
जांच रिपोर्ट में कुल 23 इंजीनियर पाये गए दोषी,2 हो चुके है सेवानिवृत्त
इन अभियंताओ ने कुम्भ में भ्रष्टाचार के जम कर लगाए है गोते
#1-ई० शैलेंद्र कुमार,तत्कालीन अधीक्षण अभियंता,सेवानिवृत्त
#2-ई० अनिल वर्मा,तत्कालीन अधीक्षण अभियंता,सेवानिवृत्त
#3-ई० आशुतोष,अधीक्षण अभियंता
#4-ई० राजीव कुमार,अधीक्षण अभियंता
#5-ई० आनंद पाण्डेय,अधीक्षण अभियंता
#6-ई० सुशील कुमार श्रीवास्तव,अधीक्षण अभियंता
#7-ई० सैयद तारिक़ जलील,अधीक्षण अभियंता
#8-ई० राकेश कुमार,अधीक्षण अभियंता
#9-ई०अखिल किशोर लाल,अधीक्षण अभियंता
#10- ई०राजेन्द्र प्रसाद,अधीक्षण अभियंता,वर्तमान में निदेशक,वाणिज्य पद पर चयनित हो कर पूर्वान्चल में है तैनात।
#11-ई०अनूप कुमार सिन्हा, अधिषासी अभियंता
#12-ई०मनोज कुमार गुप्ता, अधिषासी अभियंता
#13-ई०रमाकान्त, अधिषासी अभियंता
#14-ई०अवधेश कुमार मिश्रा, अधिषासी अभियंता
#15-ई०सुजीत कुमार सिंह,अधिषासी अभियंता
#16-ई०राम सेवक,अधिषासी अभियंता
#17-ई०अशोक कुमार,अधिषासी अभियंता
#18-ई०अविनाश,अधिषासी अभियंता
#19-ई०विष्णु दयाल यादव,अधिषासी अभियंता
#20-ई०भविष्य कुमार सक्सेना, अधिषासी अभियंता
#21-ई०मनोज कुमार,अधिषासी अभियंता
#22-ई०रमेश चन्द्र पांडेय,अधिषासी अभियंता
#23-ई०राहुल सिंह,अधिषासी अभियंता