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योगी सरकार के मंत्रियों के विभागों के बंटवारें को लेकर चर्चाएं तेज

लखनऊ 27मार्च:योगी सरकार पार्ट-2 के मंत्री को कौन विभाग मिलेगा। इसकी चर्चा तेज है। यही नहीं किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलेगा। जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच खूब चर्चाएं चल रही है। मंत्रियों की शिक्षा व उनके पहले के तजुर्बा को देखते हुए उन्हें अलग-अलग विभाग मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है। माना जा रहा है कि विभागों के बंटवारें में एक दिन और लग सकतें हैं।

योगी पार्ट वन सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे मथुरा के श्रीकांत शर्मा इस बार मंत्रिमंडल से पत्ता साफ हैं। ऐसे में चर्चा है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को ऊर्जा व जल शक्ति सरीखे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपा जा सकता है। सतीश महाना के पास रहा औद्योगिक विकास विभाग नए मंत्री को दिया जाना है। माना जा रहा है कि अरविंद कुमार शर्मा को उनके पूर्व प्रशासनिक अनुभवों को देखते हुए औद्योगिक विकास का कमान दिया जा सकता है।सुरेश राणा चुनाव हार चुके हैं। इसलिए गन्ना जैसे महत्वपूर्ण विभाग को लेकर संभावना जताई जा रही है कि इसकी जिम्मेदारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्री भूपेंद्र चौधरी को दी जा सकती है। अशोक कटारिया इस बार योगी मंत्री मंडल में शामिल नहीं किए गए हैं।ऐसे में परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी जेपीसी राठौर को मिल सकती है।पर्यटन विभाग के स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री रहे नीलकंठ तिवारी को दुबारा मंत्रिपरिषद में मौका नहीं मिला है। संभावना जताई जा रही है कि यह विभाग पर्यटन नगरी आगरा से कैबिनेट मंत्री बनाए गए योगेंद्र उपाध्याय को दिया जा सकता है। दलित महिला चेहरा बेबी रानी मौर्य को बाल विकास के साथ कोई अन्य महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। आशुतोष टंडन गोपाल जी अब मंत्री नहीं है। उनका नगर विकास विभाग सीनियर मंत्री सुरेश खन्ना को संसदीय कार्य व वित्त मंत्रालय के दायित्व के साथ एक बार फिर सौंपे जाने की उम्मीद है। प्रोटेम स्पीकर बनाए गए रमापति शास्त्री के पास रहे समाज कल्याण विभाग किसके हिस्से आयेगा। इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं आम हैं। इसी प्रकार से सहकारिता, श्रम, वन, आबकारी, चिकित्सा, ग्राम विकास, महिला कल्याण जैसे अहम विभागों के मंत्रियों के लिए भी अटकलों का बाजार गर्म है।लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि भाजपा के सहयोगी दलों के दोनों मंत्रियों को भी ठीक-ठाक विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं पिछली सरकार में मंत्री रहे कुछ कैबिनेट मंत्रियों को उनके अनुभवों को देखते हुए उन्हें पुराना विभाग ही दिया जा सकता है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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